जयपुर. राजधानी जयपुर में मजदूरों को विदेश में नौकरी लगवाने का झांसा देकर लाखों रुपए की ठगी करने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. ठगी का शिकार हुए करीब 12 से अधिक पीड़ित मजदूरों की जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने बुधवार को जयपुर पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय पहुंच कर पुलिस कमिश्नर को अपनी पीड़ा बताई.
विदेश में नौकरी पाने का सपना देखने वाले मजदूरों ने कर्जा लेकर, घर गिरवी रख कर और आभूषण बेचकर धनराशि जुटाई, जिसे शातिर ठग ने ठग लिया. ठगी का शिकार होने पर मजदूर ब्रह्मपुरी थाने भी गए, लेकिन वहां भी उनका मामला दर्ज नहीं किया गया.
ईटीवी भारत की टीम ने मजदूरों का दर्द जाना तो उन्होंने बताया कि उनके ही एक साथी ओमप्रकाश ने अपने एक परिचित रामप्रसाद मीणा से मुलाकात करवाई. जिसने उन्हें विदेश में काम दिलाने और अपने बच्चों का भविष्य सुधारने की बात कहते हुए अपने झांसे में लिया. उसके बाद 25 हजार रुपए प्रति व्यक्ति मेहनताना, 25 हजार रुपए वीजा की फीस और 6 हजार रुपए मेडिकल कराने के नाम पर मांगे.
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पीड़ित मजदूरों ने जैसे-तैसे अपना घर गिरवी रख, सूदखोरों से ब्याज पर राशि उधार लेकर, महिलाओं के गहने बेचकर राशि जुटाई और रामप्रसाद मीणा को सौंप दी. उसके बाद रामप्रसाद मीणा ने मजदूरों को वीजा और एयर टिकट देने के लिए एयरपोर्ट बुलाया और फर्जी वीजा और एयर टिकट थमा कर फरार हो गया.
मजदूरों को एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से बाहर ही रोक दिया गया और उसके बाद मजदूर दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उन्हें दिया गया वीजा पूरी तरह से फर्जी है. उसके बाद मजदूरों ने रामप्रसाद मीणा से संपर्क साधा तो वह कुछ दिनों तक तो उन्हें रुपए लौटाने का झांसा देकर घुमाता रहा और फिर बाद में रुपए लौटाने से साफ इनकार कर दिया.
अब सूदखोर कर रहे परेशान, पुलिस भी नहीं सुन रही शिकायत
पीड़ित मजदूरों ने बताया कि ठगी का शिकार होने के बाद जब वह ब्रह्मपुरी थाने पहुंचे तो पुलिस ने उनका प्रकरण दर्ज नहीं किया गया. अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए कई अधिकारियों के पास गए, लेकिन फिर भी उनकी पीड़ा किसी ने नहीं सुनी.
वहीं, मजदूरों ने जिन लोगों से ब्याज पर रुपए लिए थे वह सूदखोर भी अब मजदूरों को रुपए लौटाने के लिए परेशान करने लगे हैं. मजदूरों का कहना है कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिलता है तो मजबूरन उन्हें ऐसा कदम उठाना पड़ेगा जिसके लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार होगा.