जयपुर. पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल शनिवार को जयपुर में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी वाटिका के प्रथम दीक्षांत समारोह को वर्चुअल माध्यम से मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थी. पाटिल ने कहा कि विद्यार्थी और बुद्धिजीवी देश के विकास के साथ ही आधुनिक भारत के निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाएं. शिक्षा के साथ सामाजिक दायित्व निभाना भी हमारा कर्तव्य है.
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पाटिल ने विद्यार्थिर्यों को देश का भविष्य बताते हुए कहा कि संस्थान उनको अच्छे संस्कार और मानवीय मूल्यों से परिपूर्ण शैक्षणिक माहौल दें ताकि वे इनको आत्मसात कर अपने करियर में ऊंचाइयां तय कर देश की साख बढ़ाएं. विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकारें महत्वपूर्ण कदम उठा रही हैं. निजी विश्वविद्यालय भी इस दिशा में अपना बड़ा योगदान दे रहे हैं.
ज्ञान का उपयोग देश और समाज के लिए करें
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि विद्यार्थी शिक्षा संस्थानों में अर्जित ज्ञान का उपयोग देश और समाज में स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक माहौल तैयार करने में करें. यह उनके सफल और सुखद भविष्य के लिए मददगार होगा. उन्होंने कहा कि शिक्षा संस्थानों में विद्यार्थी विविध सांस्कृतिक, भाषाई और धार्मिक पृष्ठभूमि से आते हैं, यहां उनको अपने वैचारिक दृष्टिकोण के विकास के साथ-साथ उदारता, सहिष्णुता और भाईचारे के भावों को ग्रहण करने का अवसर मिलता है.
ध्येय और सोच के साथ आगे बढ़े विद्यार्थी
कल्ला ने कहा कि विश्वविद्यालयों का शैक्षणिक माहौल और शिक्षकों का मार्गदर्शन उनको पूरी ऊर्जा के साथ चुनौतियों का सामना करने के लिए परिपक्व बनाता है. लेकिन यह बहुत कुछ विद्यार्थियों पर निर्भर करता है कि वे अपनी आकांक्षाओं को आकार देने में कितनी गम्भीता और ईमानदारी से जुटते हैं. उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थी जीवन का ऐसा महत्वपूर्ण मोड़ होते हैं, जहां से वे नई उम्मीदों के साथ आगे कदम बढ़ाने के सपने संजोते हैं.