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'गहलोत की बकरा मंडी में खरीददार भी कांग्रेस और बिकने वाले भी कांग्रेस समर्थित' - MLA horse trading case

कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय के बयान पर बीजेपी के पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने भी मुख्यमंत्री पर कटाक्ष किया. साथ ही बिखरी हुई कांग्रेस को संभालने की नसीहत दी.

राजस्थान की राजनीतिक खबर, political news of Rajasthan
अरुण चतुर्वेदी
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Published : Nov 28, 2020, 12:41 PM IST

जयपुर. राजस्थान में विधायकों की खरीद फरोख्त का मामला अभी तक खत्म नहीं हुआ है. विधायकों की खरीद-फरोख्त का जिन्न एक बार फिर बाहर निकला और प्रदेश की सियासत में फिर से भूचाल ला दिया.

महेंद्रजीत सिंह मालवीय के बयान पर पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने भी किया कटाक्ष

कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय के बयान पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के बाद अब बीजेपी के पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने भी मुख्यमंत्री पर कटाक्ष किया. साथ ही बिखरी हुई कांग्रेस को संभालने की नसीहत दी. बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने महेंद्रजीत सिंह मालवीय के बयान पर मौजूदा सरकार पर तीखा हमला बोला.

अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह मालवीय ने जो बीटीपी विधायक की ओर से राज्यसभा चुनाव में 10-10 करोड़ रुपए लिए जाने की बात कही है उससे यह साफ हो गया है कि कांग्रेस सरकार किस तरह से डगमगाई हुई है. अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार को बचाने के लिए राजस्थान में गहलोत जो बकरा मंडी लगाई हुई थी, उससे खरीददार भी कांग्रेस पार्टी के ही हैं और बिकने वाले विधायक भी कांग्रेस के समर्थित है.

पढ़ेंः पूनिया का गहलोत पर जुबानी हमला, कहा- हर मोर्चे पर विफल सरकार अपने बोझ और कर्मों से गिरेगी

चतुर्वेदी ने कहा कि अब स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस राजस्थान में हॉर्स ट्रेडिंग का काम में जुटी हुई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि दूसरों पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांके. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चाहिए कि वह अपने घर को संभाले क्योंकि कांग्रेस पूरी तरीके से बिखरी हुई है. बीजेपी पर आरोप लगाने की बजाय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस को एकजुट कर के रखना चाहिए.

दरअसल राज्यसभा और सरकार पर सियासी संकट के समय उठा विधायकों की खरीद-फरोख्त का मुद्दा एक बार फिर इसलिए गरमा गया, क्योंकि कांग्रेस नेता और बागीदौरा से विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय का एक ऑडियो वायरल हुआ है. जिसमें उन्होंने बीटीपी विधायक पर चुनाव में 10-10 करोड़ रुपए ले जाने की बात कही है. मालवीय के ऑडियो में राज्यसभा चुनाव के दौरान पांच-पांच करोड़ रुपए और सरकार पर सियासी संकट के समय 5-5 करोड़ रुपए लेने की बात कही गई है.

पढ़ेंः नगर पालिका चुनावः पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह के गढ़ डीग-कुम्हेर में कांग्रेस ने क्यों नहीं उतारे एक भी प्रत्याशी?

मालवीय के बयान के बाद बीजेपी जहां पूरी तरीके से आक्रामक हो गई है तो वहीं, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सरकार का घेराव किया. जिसके बचाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी आए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बयान जारी कर कहा था कि धनबल बाहुबल से प्रदेश में नकारात्मक राजनीति का माहौल बना रही है. मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने गहलोत को संभालने की नसीहत दी.

जयपुर. राजस्थान में विधायकों की खरीद फरोख्त का मामला अभी तक खत्म नहीं हुआ है. विधायकों की खरीद-फरोख्त का जिन्न एक बार फिर बाहर निकला और प्रदेश की सियासत में फिर से भूचाल ला दिया.

महेंद्रजीत सिंह मालवीय के बयान पर पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने भी किया कटाक्ष

कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय के बयान पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के बाद अब बीजेपी के पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने भी मुख्यमंत्री पर कटाक्ष किया. साथ ही बिखरी हुई कांग्रेस को संभालने की नसीहत दी. बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने महेंद्रजीत सिंह मालवीय के बयान पर मौजूदा सरकार पर तीखा हमला बोला.

अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह मालवीय ने जो बीटीपी विधायक की ओर से राज्यसभा चुनाव में 10-10 करोड़ रुपए लिए जाने की बात कही है उससे यह साफ हो गया है कि कांग्रेस सरकार किस तरह से डगमगाई हुई है. अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार को बचाने के लिए राजस्थान में गहलोत जो बकरा मंडी लगाई हुई थी, उससे खरीददार भी कांग्रेस पार्टी के ही हैं और बिकने वाले विधायक भी कांग्रेस के समर्थित है.

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चतुर्वेदी ने कहा कि अब स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस राजस्थान में हॉर्स ट्रेडिंग का काम में जुटी हुई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि दूसरों पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांके. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चाहिए कि वह अपने घर को संभाले क्योंकि कांग्रेस पूरी तरीके से बिखरी हुई है. बीजेपी पर आरोप लगाने की बजाय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस को एकजुट कर के रखना चाहिए.

दरअसल राज्यसभा और सरकार पर सियासी संकट के समय उठा विधायकों की खरीद-फरोख्त का मुद्दा एक बार फिर इसलिए गरमा गया, क्योंकि कांग्रेस नेता और बागीदौरा से विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय का एक ऑडियो वायरल हुआ है. जिसमें उन्होंने बीटीपी विधायक पर चुनाव में 10-10 करोड़ रुपए ले जाने की बात कही है. मालवीय के ऑडियो में राज्यसभा चुनाव के दौरान पांच-पांच करोड़ रुपए और सरकार पर सियासी संकट के समय 5-5 करोड़ रुपए लेने की बात कही गई है.

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मालवीय के बयान के बाद बीजेपी जहां पूरी तरीके से आक्रामक हो गई है तो वहीं, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सरकार का घेराव किया. जिसके बचाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी आए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बयान जारी कर कहा था कि धनबल बाहुबल से प्रदेश में नकारात्मक राजनीति का माहौल बना रही है. मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने गहलोत को संभालने की नसीहत दी.

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