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पूर्व IAS सिंघवी को राहत नहीं, जमानत अर्जी खारिज

खान आवंटन मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने आरोपी पूर्व आईएएस अशोक सिंघवी की जमानत आर्जी को खारिज कर दिया है. ईडी मामलों की विशेष अदालत ने यह फैसला सुनाया.

IAS Singhvi case news, jaipur news
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Published : Jun 6, 2020, 2:29 PM IST

जयपुर. ईडी मामलों की विशेष अदालत ने खान आवंटन मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी पूर्व आईएएस अशोक सिंघवी को राहत देने से इंकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने आरोपी सिंघवी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता.

जमानत अर्जी में कहा गया कि याचिकाकर्ता कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित है. वहीं, यदि वह जेल में रहा तो उसे कोरोना संक्रमण हो सकता है. इसके अलावा प्रकरण में सह आरोपियों को जमानत पर रिहा किया जा चुका है. इसलिए उसे भी जमानत का लाभ दिया जाए. जिसका विरोध करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आरडी रस्तोगी और विशेष लोक अभियोजक जितेंद्र सिंह पूनिया ने कहा कि आरोपी की ओर से बीमारी को लेकर कोई दस्तावेज पेश नहीं किए गए हैं.

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इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि कोरोना संक्रमण की आशंका मात्र से किसी को जमानत नहीं दी जा सकती. वहीं, जिन सह आरोपियों को जमानत का लाभ दिया गया है वे कई दिन जेल में बिता चुके थे. जबकि आरोपी ने गत दिनों ही अदालत में समर्पण किया है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपी की जमानत को खारिज कर दिया है.

जयपुर. ईडी मामलों की विशेष अदालत ने खान आवंटन मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी पूर्व आईएएस अशोक सिंघवी को राहत देने से इंकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने आरोपी सिंघवी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता.

जमानत अर्जी में कहा गया कि याचिकाकर्ता कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित है. वहीं, यदि वह जेल में रहा तो उसे कोरोना संक्रमण हो सकता है. इसके अलावा प्रकरण में सह आरोपियों को जमानत पर रिहा किया जा चुका है. इसलिए उसे भी जमानत का लाभ दिया जाए. जिसका विरोध करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आरडी रस्तोगी और विशेष लोक अभियोजक जितेंद्र सिंह पूनिया ने कहा कि आरोपी की ओर से बीमारी को लेकर कोई दस्तावेज पेश नहीं किए गए हैं.

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इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि कोरोना संक्रमण की आशंका मात्र से किसी को जमानत नहीं दी जा सकती. वहीं, जिन सह आरोपियों को जमानत का लाभ दिया गया है वे कई दिन जेल में बिता चुके थे. जबकि आरोपी ने गत दिनों ही अदालत में समर्पण किया है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपी की जमानत को खारिज कर दिया है.

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