जयपुर. एसीबी की विशेष अदालत (ACB Court) ने कहा कि संधू पासपोर्ट और वीजा को लेकर संबंधित अधिकारियों के समक्ष आपराधिक मुकदमों की जानकारी देने के संबंध में शपथ पत्र पेश करें. एसीबी की ओर से अर्जी में कहा गया है कि राज्य स्तरीय कमेटी ने इन तीनों तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ केस वापस लेने की सिफारिश की है.
एसीबी ने भी अनुसंधान में माना है कि मामले में विवादित भूमि सरकारी नहीं है. न तो मूल पट्टेधारियों ने कोई शिकायत की है और न ही राज्य सरकार या जेडीए ने एसीबी में कोई शिकायत दी थी. इसके अलावा तीनों अफसरों के खिलाफ भी कोई शिकायत नहीं है और न ही उनका नाम एफआईआर में है. ऐसे मामलों में अनावश्यक तौर पर अभियोजन का सामना करने से राज्य के अफसरों का मनोबल गिरेगा, जो जनहित में नहीं होगा.
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इसलिए इनके खिलाफ लंबित केस वापस लेने की अनुमति दी जाए, जिसका विरोध करते हुए परिवादी रामशरण सिंह की ओर से कहा गया कि यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है. एसीबी ने अनुसंधान कर तीनों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था, लेकिन अब एसीबी सरकार के इशारे पर केस वापस लेना चाहती है.
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हाईकोर्ट भी संधू (Former IAS GS Sandhu will face trial) के मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए पेश याचिका को खारिज कर चुका है. ऐसे में एसीबी को केस वापस लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने एसीबी के प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए संधू को विदेश जाने की सशर्त अनुमति दे दी है.