जयपुर. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक और पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने कोरोना जांच के दौरान मरीजों और संभावित संक्रमितों को हो रही परेशानी के लिए प्रदेश के चिकित्सा विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. साथ ही विभाग के सचिव अखिल अरोड़ा को इसमें सुधार के लिए कई सुझाव दिए हैं.
सराफ ने स्वास्थ्य सचिव को 72 घंटे में आ रही जांच रिपोर्ट को 12 घंटे में मरीज को उपलब्ध कराने पर जोर दिया, ताकि तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को काफी हद तक रोका जा सके. इस संबंध में कालीचरण सराफ ने स्वास्थ्य सचिव अखिल अरोड़ा से फोन पर भी बात की. सराफ ने कहा कि कोरोना को मात देना है तो जांच के नमूने लेने वाले केंद्रों का विकेंद्रीकरण करना बेहद जरूरी है और जयपुर शहर की सभी डिस्पेंसरी में नमूने लेने की व्यवस्था होगी तो एक ही जगह पर नमूने लेने वाले एकत्रित नहीं होंगे और संक्रमण की संभावना भी कम होगी.
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वहीं, उन्होंने एक बयान जारी कर प्रदेश सरकार के कार्यकाल के दौरान हाल ही में मीडिया पर लगाए जा रहे अनुचित प्रतिबंधों पर भी आपत्ति जताई. खास तौर पर राजभवन के बाहर जिस प्रकार का घटनाक्रम सोमवार को हुआ उसे कालीचरण सराफ ने मीडिया की स्वायत्तता पर हमला करार दिया है. साथ ही इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए भविष्य में इस प्रकार का अंकुश लगाए जाने की प्रवृत्ति से बचने की हिदायत दी है.