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Devnani Objected to Government Rider : आरक्षण प्रमाण पत्र मामले में लगाए सरकार के राइडर पर पूर्व शिक्षा मंत्री ने जताई आपत्ति, कही यह बात... - BJP about EWS Reservation

भर्ती परीक्षाओं में आरक्षण संबंधी प्रमाण पत्र को लेकर हाल ही में लगाए गए एक राइडर पर पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने अपनी (Vasudev Devnani Raised Objection on Rider) आपत्ति दर्ज कराई है. प्रदेश सरकार ने भर्ती परीक्षाओं के आवेदन की अंतिम तिथि तक बने आरक्षण संबंधी प्रमाण पत्र को ही संबंधित परीक्षा में मान्य मानने से जुड़ा परिपत्र जारी किया था, लेकिन भाजपा ने इसे अव्यवाहरिक माना है.

Vasudev Devnani Raised Objection on Rider
अशोक गहलोत और वासुदंव दे
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Published : Jan 16, 2022, 12:47 PM IST

जयपुर. आरक्षण प्रमाण पत्र मामले में लगाए सरकार के राइडर पर पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा नेता ने आपत्ति जताई है. पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि भर्ती परीक्षा के बाद अभ्यर्थी के दस्तावेजों का सत्यापन होता है. यदि उस दौरान अभ्यर्थी के पास संबंधित प्रमाण पत्र न हो तब उसे इस भर्ती परीक्षा से बाहर रखा जाए, लेकिन आवेदन की अंतिम तारीख तक प्रमाण पत्र बनाए जाने का राइडर (Vasudev Devnani Raised Objection on Rider) किसी भी दृष्टि से सही नहीं माना जा सकता.

देवनानी के अनुसार ऐसे भी सरकार सफल अभ्यर्थियों के 3 गुना को इंटरव्यू और प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए बुलाती है, ताकि आवेदन पत्र में गलत जानकारी देने वाले लोगों को बाहर कर उसके बाद के अभ्यर्थियों को भर्ती (Recruitment Examinations in Rajasthan) का मौका मिले. देवनानी ने यह भी कहा कि कई बार आरक्षण से जुड़ा प्रमाण पत्र बनाने में लंबा समय लग जाता है, खासतौर पर आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के ईडब्ल्यूएस आरक्षण प्रमाण पत्र बनने में 15 दिन से भी ज्यादा समय लग जाता है.

क्या कहा देवनानी ने...

पढ़ें : RBSE AJMER CASE : खैरात में नहीं मिली है संस्था, यह अजमेर का हक - वासुदेव देवनानी

इसलिए, आरक्षण के दायरे में आने के बावजूद अभ्यर्थी भर्ती परीक्षा में उसका लाभ नहीं उठा पाते. देवनानी ने कहा कि ऐसे में सरकार को चाहिए कि पूर्व की तरह डॉक्यूमेंट सत्यापन के पहले तक बने प्रमाण पत्रों के आधार पर ही अभ्यर्थियों को मौका दिया जाना चाहिए.

जयपुर. आरक्षण प्रमाण पत्र मामले में लगाए सरकार के राइडर पर पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा नेता ने आपत्ति जताई है. पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि भर्ती परीक्षा के बाद अभ्यर्थी के दस्तावेजों का सत्यापन होता है. यदि उस दौरान अभ्यर्थी के पास संबंधित प्रमाण पत्र न हो तब उसे इस भर्ती परीक्षा से बाहर रखा जाए, लेकिन आवेदन की अंतिम तारीख तक प्रमाण पत्र बनाए जाने का राइडर (Vasudev Devnani Raised Objection on Rider) किसी भी दृष्टि से सही नहीं माना जा सकता.

देवनानी के अनुसार ऐसे भी सरकार सफल अभ्यर्थियों के 3 गुना को इंटरव्यू और प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए बुलाती है, ताकि आवेदन पत्र में गलत जानकारी देने वाले लोगों को बाहर कर उसके बाद के अभ्यर्थियों को भर्ती (Recruitment Examinations in Rajasthan) का मौका मिले. देवनानी ने यह भी कहा कि कई बार आरक्षण से जुड़ा प्रमाण पत्र बनाने में लंबा समय लग जाता है, खासतौर पर आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के ईडब्ल्यूएस आरक्षण प्रमाण पत्र बनने में 15 दिन से भी ज्यादा समय लग जाता है.

क्या कहा देवनानी ने...

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इसलिए, आरक्षण के दायरे में आने के बावजूद अभ्यर्थी भर्ती परीक्षा में उसका लाभ नहीं उठा पाते. देवनानी ने कहा कि ऐसे में सरकार को चाहिए कि पूर्व की तरह डॉक्यूमेंट सत्यापन के पहले तक बने प्रमाण पत्रों के आधार पर ही अभ्यर्थियों को मौका दिया जाना चाहिए.

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