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रिश्वत मामले में पूर्व कलेक्टर के पीए को मिली जमानत - Rajasthan News

राजस्थान हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे बारां के पूर्व कलेक्टर के पीए महावीर नागर को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश आरोपी की द्वितीय जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए दिए.

राजस्थान हाई कोर्ट, Rajasthan High Court
राजस्थान हाई कोर्ट
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Published : Apr 9, 2021, 7:06 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे बारां के पूर्व कलेक्टर के पीए महावीर नागर को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश आरोपी की द्वितीय जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि वह चार महीने से न्यायिक अभिरक्षा में चल रहा है. उसका प्रकरण सह आरोपी पूर्व आईएएस इन्द्रसिंह राव से अलग है, क्योंकि याचिकाकर्ता के खिलाफ अन्य आपराधिक मुकदमा लंबित नहीं है. इसके अलावा वह लंबे समय से जेल में है. वहीं, प्रकरण में जांच पूरी होकर आरोप पत्र पेश किया जा चुका है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए.

यह भी पढ़ेंः कांग्रेस ने असम में सहयोगी दल AIUDF के विधायक प्रत्याशियों को किया जयपुर शिफ्ट

जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील शेरसिंह महला ने कहा कि प्रकरण में याचिकाकर्ता को 1.40 लाख रुपए के साथ ट्रैप किया गया था. ऐसे में वह मुख्य आरोपी है. अदालत का सह आरोपी को जमानत मिलने पर दूसरे आरोपी को जमानत देने का रुख रहता है, इसलिए सह आरोपी की याचिका खारिज होने पर मुख्य आरोपी की याचिका खारिज करने का भी अदालत का रुख रहना चाहिए.

बता दें, पेट्रोल पंप के लिए एनओजी जारी करने की एवज में एसीबी ने याचिकाकर्ता को ट्रैप किया था. वहीं, बाद में एसीबी ने तत्कालीन कलेक्टर इन्द्रसिंह राव को गिरफ्तार किया था. हाईकोर्ट, इन्द्रसिंह की जमानत याचिका खारिज कर चुका है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे बारां के पूर्व कलेक्टर के पीए महावीर नागर को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश आरोपी की द्वितीय जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि वह चार महीने से न्यायिक अभिरक्षा में चल रहा है. उसका प्रकरण सह आरोपी पूर्व आईएएस इन्द्रसिंह राव से अलग है, क्योंकि याचिकाकर्ता के खिलाफ अन्य आपराधिक मुकदमा लंबित नहीं है. इसके अलावा वह लंबे समय से जेल में है. वहीं, प्रकरण में जांच पूरी होकर आरोप पत्र पेश किया जा चुका है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए.

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जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील शेरसिंह महला ने कहा कि प्रकरण में याचिकाकर्ता को 1.40 लाख रुपए के साथ ट्रैप किया गया था. ऐसे में वह मुख्य आरोपी है. अदालत का सह आरोपी को जमानत मिलने पर दूसरे आरोपी को जमानत देने का रुख रहता है, इसलिए सह आरोपी की याचिका खारिज होने पर मुख्य आरोपी की याचिका खारिज करने का भी अदालत का रुख रहना चाहिए.

बता दें, पेट्रोल पंप के लिए एनओजी जारी करने की एवज में एसीबी ने याचिकाकर्ता को ट्रैप किया था. वहीं, बाद में एसीबी ने तत्कालीन कलेक्टर इन्द्रसिंह राव को गिरफ्तार किया था. हाईकोर्ट, इन्द्रसिंह की जमानत याचिका खारिज कर चुका है.

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