जयपुर. प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा कि शादी, धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में सम्मिलित होने वालों की अधिकतम सीमा में बैंड, घोड़ी और लाइट वालों को ना गिना जाए. उन्होंने कहा यह समारोह के अंदर शामिल नहीं होते है. ऐसे में सरकार इन्हें अलग से रोजगार चालू करवाने के संदर्भ में आदेश निकालकर इनको राहत प्रदान करें.
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सरकार शादी, धार्मिक व सामाजिक आयोजनों में सम्मिलित होने वालों की अधिकतम सीमा में बैंड, घोड़ी व लाइट वालों को ना गिनें। क्योंकि ये अंदर समारोह में शामिल नहीं होते।
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सरकार इन्हें अलग रखते हुए इनका रोजगार चालू करवाने के संदर्भ में आदेश निकालकर इनको राहत प्रदान करें।#PeopleFirst pic.twitter.com/vnWlH8cwoK
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सरकार इन्हें अलग रखते हुए इनका रोजगार चालू करवाने के संदर्भ में आदेश निकालकर इनको राहत प्रदान करें।#PeopleFirst pic.twitter.com/vnWlH8cwoKसरकार शादी, धार्मिक व सामाजिक आयोजनों में सम्मिलित होने वालों की अधिकतम सीमा में बैंड, घोड़ी व लाइट वालों को ना गिनें। क्योंकि ये अंदर समारोह में शामिल नहीं होते।
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सरकार इन्हें अलग रखते हुए इनका रोजगार चालू करवाने के संदर्भ में आदेश निकालकर इनको राहत प्रदान करें।#PeopleFirst pic.twitter.com/vnWlH8cwoK
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के कारण पिछले 8 महीनों से शादी, धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में बैंड, घोड़ी और लाइट वाले पूरी तरह से बेरोजगार हो गए है. इतने बड़े अंतराल पर इनकी सब की एक रुपए की कमाई नहीं हुई है.
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पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा ने कहा कि 22 नवंबर से शादी-विवाह का सीजन शुरू हो रहा है. अगर सरकार ने इनकी तरफ ध्यान नहीं दिया तो एक बहुत बड़ा तबका भुखमरी की कगार पर पहुंच जाएगा.