जयपुर. देश में जीएसटी यानि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स को लागू हुए शुक्रवार को 5 साल पूरे हो गए. 1 एक जुलाई 2017 को देश में जीएसटी लागू होते ही लाखों करदाता एक यूनिफाइड इनडायरेक्ट टैक्सेशन सिस्टम में आ गए थे. 'वन नेशन, वन मार्केट, वन टैक्स' - जीएसटी (GST) की शुरुआत के पीछे यह एक बड़ा उद्देश्य था, लेकिन आज जब जीएसटी को पांच साल पूरे हुए तो सीएम गहलोत ने इस फैसले को लेकर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया. गहलोत ने कहा कि (Controversy on Goods and Services Tax) जीएसटी खामियों का भंडार था. इस फैसले से राज्यों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.
सीएम गहलोत का ट्वीट : सीएम गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि मोदी सरकार की ओर से लागू GST खामियों का भंडार है. 'एक देश, एक टैक्स' की बात कर लागू किए GST में पांच स्लैब बनाकर पांच अलग-अलग टैक्स लगा दिए. राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति का पैसा समय पर नहीं दिया जाता. राज्य सरकारों को भी GST के वर्तमान स्वरूप से नुकसान हो रहा है. GST के कारण राज्य सरकारों के आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए केन्द्र सरकार को GST क्षतिपूर्ति की सीमा को 5 साल और बढ़ाना चाहिए, जिससे राज्य सरकारों के घाटे को कम किया जा सके.
गहलोत ने कहा कि दिव्यागों के लिए जरूरी उपकरणों पर GST लगाना मोदी सरकार की सोच (CM Gehlot Targets Central Government) को दिखाता है. आज छोटे व्यापारियों को इस जटिल GST प्रणाली के कारण लाखों रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़ रहे हैं.
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1 एक जुलाई 2017 को लागू हुई थी जीएसटी : बता दें कि आज जीएसटी की 5वीं सालगिरह है. आज ही के दिन 2017 में आजादी के बाद सबसे बड़े टैक्स रिफॉर्म कहे जाने वस्तु एवं सेवा कर (GST) की शुरुआत हुई थी. जीएसटी लागू होने के बाद कई तरह के छोटे करों को खत्म या इसी में समाहित कर दिया गया था. हालांकि, कई राज्य ऐसे थे जो (CM Gehlot Raised Question on GST) जीएसटी को लेकर विरोध करते रहे हैं. खासतौर से कांग्रेस शासित राज्यों ने जीएसटी की खामियों को लेकर लगातार विरोध किया है.