जयपुर. गर्मियों में आगजनी की घटनाएं बढ़ जाती हैं. साथ ही इन पर काबू पाना भी मुश्किल होता है. तापमान ज्यादा होने की वजह से आग जल्दी फैल जाती है. खासकर कन्जेस्टेड एरिया में, जहां बड़े फायर वाहनों की आवाजाही ट्रैफिक की वजह से आसान नहीं हो पाती. इस दौरान पानी की जरूरत ज्यादा होने की वजह से फायर फाइटर्स के सामने भी चुनौती बढ़ जाती है. इस चुनौती पर पार पाने के लिए हेरिटेज निगम क्षेत्र में फायर फाइटिंग सिस्टम विद पंप हाउस प्रोजेक्ट का काम चल रहा (Fire fighting system with pump house project in Jaipur) है, जिसे जून में पूरा करने का दावा किया जा रहा है.
हेरिटेज क्षेत्र में आग लगने के अधिकतर मामले पुरोहित जी का कटला जैसे घने और संकरे बाजारों में सामने आते हैं. इसके लिए स्मार्ट सिटी की ओर से फायर फाइटिंग सिस्टम विद पंप हाउस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. घाटगेट फायर स्टेशन से वॉल सिटी एरिया में 7 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन डाली गई है. जिसमें परकोटे के सभी प्रमुख बाजारों को कवर किया गया है. वहीं पुरोहित जी का कटला में स्मोक डिटेक्टर सेंसर भी लगाए जा रहे हैं. जिसे स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा. ये सेंसर लोरा वैन नेटवर्क पर काम करेंगे. इस प्रोजेक्ट में प्रेशर ट्रांसमीटर और 24 घंटे की मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित की जाएगी. वहीं लगभग सभी बाजारों में निश्चित दूरी पर हाईड्रेन्ट की व्यवस्था की गई है, ताकि उनका इस्तेमाल कर फायर फाइटिंग वाहनों में पानी भरा जा सके.
हेरिटेज निगम सीएफओ देवेंद्र मीणा ने बताया कि गर्मियों में जो आग लगती है, वो बड़े क्षेत्र में फैलती है. तापमान अधिक होने के कारण आग तेजी से फैलती है और जल्द बड़ा रूप ले लेती है. इस पर काबू पाने के लिए ज्यादा पानी की भी आवश्यकता होती है. ऐसे में गाड़ियों को बार-बार रिफिलिंग करना पड़ता है. स्मार्ट सिटी की ओर से फायर हाइड्रेंट सिस्टम पर काम किया जा रहा है. वहीं स्मार्ट सिटी सीईओ अवधेश मीणा ने बताया कि प्रोजेक्ट के तहत वॉल सिटी के मुख्य बाजारों में हाइड्रेंट लगाए जाएंगे. इसमें वाटर लाइन इंस्टॉल की जा चुकी है. इलेक्ट्रिक कनेक्शन के लिए बिजली विभाग के पास प्रस्ताव भेजा गया है. डिमांड नोट का इंतजार किया जा रहा है, जैसे ही इलेक्ट्रिक कनेक्शन हो जाएगा जून महीने में इसे ऑपरेशनल कर दिया जाएगा.
बहरहाल, हेरिटेज निगम क्षेत्र में इस नए फायर फाइटिंग सिस्टम से बड़ी राहत मिलेगी. लेकिन इसके साथ जरूरी है कि सभी फायर स्टेशनों पर ट्यूबवेल हाइड्रेंट के अलावा अंडरग्राउंड या ओवरहेड वॉटर टैंक बनवाए जाएं, ताकि विपरीत परिस्थितियों में समय रहते इनका इस्तेमाल कर आग पर काबू पाया जा सके और पानी की कमी की वजह से कभी कोई बड़ी दुर्घटना न हो.