जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से जारी डेजिग्नेट सीनियर अधिवक्ताओं की सूची में अनुभवी वकीलों को शामिल नहीं करने के विरोध में 25 जनवरी से चल रहा धरना गुरुवार को भी जारी रहा. वहीं अब यह आंदोलन दूसरी तरफ मुड़ता नजर आ रहा है. धरने में शामिल और स्वयं को सीनियर लॉयर्स बार एसोसिएशन का अध्यक्ष बताने वाले अधिवक्ता पीसी भंडारी के खिलाफ बार की महिला पदाधिकारी ने अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर (FIR lodged by female lawyer alleging indecency) दर्ज कराई है.
इसके चलते हाईकोर्ट में बड़ी संख्या में वकील आमने-सामने भी हो गए और उन्होंने एक दूसरे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. महिला अधिवक्ता की याचिका पर हाइकोर्ट ने उन्हें पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई है. अधिवक्ता पीसी भंडारी की ओर से सीनियर लॉयर्स बार एसोसिएशन बनाने की कवायद को देखते हुए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने उन्हें गत दिनों एसोसिएशन से बाहर कर दिया था. साथ ही उन्हें अपना चैंबर सहित अन्य सुविधाएं छोड़ने को भी कहा गया था.
इसके चलते एसोसिएशन की महिला अधिवक्ता उनके चेंबर में जाकर बैठ गई. इस दौरान भंडारी का सामान भी चैंबर से बाहर कर दिया गया. वहीं अधिवक्ता पीसी भंडारी का कहना है कि चैंबर हाईकोर्ट प्रशासन आवंटित करता है. ऐसे में एसोसिएशन को यह अधिकार नहीं है की वह किसी वकील को चैंबर से बाहर करे.
सीजे को भेजी शिकायत तो दर्ज हुई एफआईआरः एडवोकेट पीसी भंडारी की ओर से घटना को लेकर दो फरवरी की शाम सीजे अकील कुरैशी को ईमेल भेजकर घटना की जानकारी दी गई. चेंबर पर कब्जे की बात कही. इसके बाद महिला अधिवक्ता ने शाम आठ बजे अशोक नगर थाने में अधिवक्ता पीसी भंडारी के खिलाफ चैंबर में घुसकर अश्लील वीडियो दिखाने और अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है.
महिला वकीलों ने जताया विरोधः महिला वकील की ओर से मामले में एफआईआर की सूचना वकीलों के सोशल मीडिया ग्रुप में वायरल होने के बाद कुछ महिला सहित अन्य अधिवक्ताओं ने धरना स्थल पर आकर पीसी भंडारी के खिलाफ नारेबाजी की. दूसरी ओर पीसी भंडारी ने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ एफआईआर और नारेबाजी बार एसोसिएशन की ओर से कराई जा रही है.