जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के जयपुर, जोधपुर, कोटा और उदयपुर स्थित चिकित्सा महाविद्यालयों में (Fingerprint lab in 4 medical colleges) फिंगरप्रिंट लैब की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इस लैब के लिए 23 करोड़ 40 लाख रूपए (प्रत्येक के लिए 5.85 करोड़) की राशि को स्वीकृति दी है. इन 4 चिकित्सा महाविद्यालय में फिंगरप्रिंट लैब के स्थापित होने से आपराधिक प्रकरणों के सटीक और त्वरित अनुसंधान में सहायता मिलेगी.
डीएनए फिंगरप्रिंट की होगी सुविधाः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में लंबित गंभीर आपराधिक प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के लिए चिकित्सा महाविद्यालयों में डीएनए फिंगरप्रिंट सुविधाओं का विस्तार करने की घोषणा की थी. इस राशि से महाविद्यालयों में फिंगरप्रिंट लैब के निर्माण के लिए सिविल वर्क, लैब के संचालन के लिए विभिन्न उपकरण, फर्नीचर, कैमिकल और कन्ज्यूमेबल आइटम की खरीद होगी. साथ ही आवश्यक विभिन्न संवर्गों के पदों का सृजन किया जाएगा.
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मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से राज्य में आपराधिक प्रकरणों के सटीक, प्रभावी और त्वरित अनुसंधान में सहायता मिलेगी. साथ ही पीड़ितों को कम समय में न्याय मिल सकेगा. दरअसल फिंगरप्रिंट लैब की कमी के चलते गंभीर आपराधिक प्रकरणों का निस्तारण समय पर नहीं हो पा रहा था. इसको लेकर लगातार डिमांड उठ रही थी कि चिकित्सा महाविद्यालयों में डीएनए फिंगरप्रिंट सुविधाओं का विस्तार किया जाए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने डिमांड को देखते हुए प्रदेश की 4 चिकित्सा महाविद्यालयों में डीएनए फिंगरप्रिंट सुविधा का विस्तार किया है.