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'ऐसा नहीं कि हमारे फेफड़े में दम नहीं है, धमकाने वाली आवाज में मत बोलो'

राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को बीजेपी और कांग्रेस विधायकों के बीच हुई ऐसी गरमा-गरम बहस शायद ही आप देखे हों. दरअसल, सदन की कार्यवाही के दौरान बाड़मेर में हुए मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और मंत्री शांति धारीवाल आपस में ही उलझ गए. कटारिया बोले मेरे फेफड़े में दम है, धमकाने की बात मत करो. धारीवाल बोले मैं भी किसी के धमकाने में नहीं आऊंगा. सीपी जोशी बोले 'निरोगी राजस्थान' आ रहा है सबके लंग्स सही रहेंगे.

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सदन में गरमा-गरम बहस...
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Published : Feb 28, 2020, 6:12 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 6:25 PM IST

जयपुर. सदन में बाड़मेर मामले को लेकर हुए हंगामे के दौरान भाजपा और कांग्रेस के नेता जमकर एक दूसरे पर छींटाकशी करते दिखाई दिए. इसकी शुरुआत हुई उपनेता प्रतिपक्ष की बात पर. दरअसल, उन्होंने बाड़मेर मामले में सीबीआई की जांच की मांग करते हुए कहा कि जब मुझ जैसे गरीब के लिए सीबीआई से जांच करवाकर आप सारा काम कर सकते हैं तो फिर इस मामले में सीबीआई से जांच क्यों नहीं करवाई जा सकती.?

सदन में गरमा-गरम बहस...

ऐसे में धारीवाल बोलना शुरू किए तो नेता प्रतिपक्ष कटारिया से उनकी नोक-झोंक हो गई. धारीवाल ने कहा कि ये लोग जवाब सुनना नहीं चाहते, इनकी बातें गलत हैं. हम स्वीकार नहीं करते इनके आरोप. जवाब सुनने से पहले यह इस तरह का माहौल भाजपा के विधायक बना देते हैं. वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के खुद को गरीब कहने की बात पर धारीवाल ने कहा कि राठौड़ साहब आपने कहा कि मुझ जैसे गरीब का तो अगर आप जैसे गरीब हर जगह हो जाएं तो अमेरिका भी कहीं नहीं लगता हमारे.

यह भी पढ़ेंः प्रश्नकाल के दौरान फिर जवाब देने में अटके Minister, Speaker ने बीच में ही सवाल बदलकर किया बचाव

इस बात पर नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया और नाराज हो गए. उन्होंने कहा कि जिस हलके पन पर इस विषय को ले जाया गया है. ऐसा नहीं है कि आप के फेफड़े में ही दम है और हमारे फेफड़ों में दम नहीं है. मैंने हर बात प्वाइंट टू प्वाइंट के साथ रखी है, धमकाने वाली आवाज में मत बोलो. इस पर कटारिया और धारीवाल में जमकर सदन में ही नोक-झोंक हो गई. धारीवाल भी इसमें बोले कि हम भी धमकाने में नहीं आने वाले हैं. इस पर नाराज कटारिया ने फिर कहा कि सही बात को हम मानने को तैयार हैं. लेकिन धमकाने वाली आवाज को न कभी सुना है न कभी सुनूंगा. इस बात को याद रखना.

यह भी पढ़ेंः प्रदेश में Two wheeler वाहन की खरीद पर मिलेगा मुफ्त Helmet : खाचरियावास

जब मामला ज्यादा बिगड़ता दिखा तो स्पीकर सीपी जोशी ने चर्चा को ये कहते हुए समाप्त कर दिया कि सरकार अगले सप्ताह इस पर चर्चा करके बता देगी कि सरकार क्या कर सकती है. इसके साथ ही जोशी ने कहा मैं मंत्री धारीवाल और नेता प्रतिपक्ष से कहना चाहता हूं कि इस सदन में सबके फेफड़े अच्छे हैं. निरोगी राजस्थान होने वाला है, किसी को फेफड़े को लेकर चिंता करने की आवश्यकता नहीं है.

सदन में जब भाजपा विधायक हंगामा करते हुए वेल में आ गए तो उस दौरान एक रोचक मामला और भी देखने को मिला. जब एक और भाजपा विधायक वेल में हंगामा करते हुए नारेबाजी कर रहे थे. दूसरी ओर उनके ही दो विधायक अनिता भदेल और प्रताप सिंह सिंघवी ने अपना ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखा और उस मामले में सरकार से सवाल भी किए.

इस दौरान सदन में जब फिर से हंगामे की स्थिति बनी और भाजपा के विधायक वेल में चले गए तो भाजपा के सीनियर विधायक और पूर्व स्पीकर कैलाश मेघवाल अपनी सीट से खड़े नहीं हुए. इससे पहले भी कैलाश मेघवाल एक बार सदन में भाजपा के बहिर्गमन होने पर अपनी सीट पर ही बैठे रहे. हालांकि आज भाजपा ने बहिर्गमन नहीं किया, लेकिन सांकेतिक तौर पर भाजपा के विधायकों को खड़े होकर अपने विधायकों का साथ देना चाहिए था.

जयपुर. सदन में बाड़मेर मामले को लेकर हुए हंगामे के दौरान भाजपा और कांग्रेस के नेता जमकर एक दूसरे पर छींटाकशी करते दिखाई दिए. इसकी शुरुआत हुई उपनेता प्रतिपक्ष की बात पर. दरअसल, उन्होंने बाड़मेर मामले में सीबीआई की जांच की मांग करते हुए कहा कि जब मुझ जैसे गरीब के लिए सीबीआई से जांच करवाकर आप सारा काम कर सकते हैं तो फिर इस मामले में सीबीआई से जांच क्यों नहीं करवाई जा सकती.?

सदन में गरमा-गरम बहस...

ऐसे में धारीवाल बोलना शुरू किए तो नेता प्रतिपक्ष कटारिया से उनकी नोक-झोंक हो गई. धारीवाल ने कहा कि ये लोग जवाब सुनना नहीं चाहते, इनकी बातें गलत हैं. हम स्वीकार नहीं करते इनके आरोप. जवाब सुनने से पहले यह इस तरह का माहौल भाजपा के विधायक बना देते हैं. वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के खुद को गरीब कहने की बात पर धारीवाल ने कहा कि राठौड़ साहब आपने कहा कि मुझ जैसे गरीब का तो अगर आप जैसे गरीब हर जगह हो जाएं तो अमेरिका भी कहीं नहीं लगता हमारे.

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इस बात पर नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया और नाराज हो गए. उन्होंने कहा कि जिस हलके पन पर इस विषय को ले जाया गया है. ऐसा नहीं है कि आप के फेफड़े में ही दम है और हमारे फेफड़ों में दम नहीं है. मैंने हर बात प्वाइंट टू प्वाइंट के साथ रखी है, धमकाने वाली आवाज में मत बोलो. इस पर कटारिया और धारीवाल में जमकर सदन में ही नोक-झोंक हो गई. धारीवाल भी इसमें बोले कि हम भी धमकाने में नहीं आने वाले हैं. इस पर नाराज कटारिया ने फिर कहा कि सही बात को हम मानने को तैयार हैं. लेकिन धमकाने वाली आवाज को न कभी सुना है न कभी सुनूंगा. इस बात को याद रखना.

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जब मामला ज्यादा बिगड़ता दिखा तो स्पीकर सीपी जोशी ने चर्चा को ये कहते हुए समाप्त कर दिया कि सरकार अगले सप्ताह इस पर चर्चा करके बता देगी कि सरकार क्या कर सकती है. इसके साथ ही जोशी ने कहा मैं मंत्री धारीवाल और नेता प्रतिपक्ष से कहना चाहता हूं कि इस सदन में सबके फेफड़े अच्छे हैं. निरोगी राजस्थान होने वाला है, किसी को फेफड़े को लेकर चिंता करने की आवश्यकता नहीं है.

सदन में जब भाजपा विधायक हंगामा करते हुए वेल में आ गए तो उस दौरान एक रोचक मामला और भी देखने को मिला. जब एक और भाजपा विधायक वेल में हंगामा करते हुए नारेबाजी कर रहे थे. दूसरी ओर उनके ही दो विधायक अनिता भदेल और प्रताप सिंह सिंघवी ने अपना ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखा और उस मामले में सरकार से सवाल भी किए.

इस दौरान सदन में जब फिर से हंगामे की स्थिति बनी और भाजपा के विधायक वेल में चले गए तो भाजपा के सीनियर विधायक और पूर्व स्पीकर कैलाश मेघवाल अपनी सीट से खड़े नहीं हुए. इससे पहले भी कैलाश मेघवाल एक बार सदन में भाजपा के बहिर्गमन होने पर अपनी सीट पर ही बैठे रहे. हालांकि आज भाजपा ने बहिर्गमन नहीं किया, लेकिन सांकेतिक तौर पर भाजपा के विधायकों को खड़े होकर अपने विधायकों का साथ देना चाहिए था.

Last Updated : Feb 28, 2020, 6:25 PM IST
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