जयपुर. फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल की ओर (FICCI Rajasthan State Council ) से शुक्रवार को 5वीं राजस्थान एमएसएमई समिट का आयोजन किया गया. जहां प्रदेश में एमएसएमई उद्योगों के विकास और इससे मिलने वाले रोजगार के अवसर को किस (Discussion on the development of MSME industries) तरह बढ़ाया जाए इसको लेकर चर्चा की गई.
इस मौके पर राजस्थान लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने कहा कि राज्य में 90 प्रतिशत उद्योग एमएसएमई क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं. ये इकाइयां बहुत अधिक रोजगार उत्पन्न करती हैं और जीडीपी को बढ़ावा देती हैं. ऐसे में एमएसएमई क्षेत्र को विकसित करना जरूरी है. जिससे अधिक से अधिक रोजगार की संभावनाएं राजस्थान में उत्पन्न हो सकें. अरोड़ा ने कहा कि अक्टूबर में हो रहे इन्वेस्ट राजस्थान समिट को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है. राज्य में निवेश के लिए 10 लाख करोड़ रुपए के एमओयू और एलओआई पर हस्ताक्षर किए गए हैं. बीकानेर में एक नया आईसीडी और उदयपुर में कार्गो कॉम्पलैक्स शरू होने जा रहा है.
इसके अलावा उद्योग विभाग की एडिशनल चीफ सेक्रेटरी वीनू गुप्ता ने कहा कि रीको की ओर से विशेष रूप से एमएसएमई के लिए औद्योगिक क्षेत्रों में प्लॉट चिह्नित किए गए हैं. राजस्थान ऐसा पहला राज्य है जहां एमएसएमई को शुरुआती 5 वर्षों के लिए बिना किसी मंजूरी या स्वीकृति के प्रोजेक्ट्स शुरू करने की अनुमति दी जा रही है. गुप्ता ने बताया कि भुगतान की सुविधा के लिए कई और एमएसएमई फेसिलिटेशन काउंसिल्स शुरू की गई हैं. एमएसएमई के लिए वित्त की समस्या के समाधान के लिए एक आकर्षक योजना 'मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना' शुरू की गई है. एक व्यापक एमएसएमई नीति भी तैयार की जा रही है और यह एक महीने में जारी की जाएगी.