जयपुर. विद्या और ज्ञान की देवी माता सरस्वती की आराधना का पर्व बसंत पंचमी मंगलवार 16 फरवरी को मनाया जाएगा. इस दिन मां शारदे की पूजा अर्चना करने की परंपरा है. इसके साथ ही कई खास योग बनने से इस दिन का महत्व काफी बढ़ गया है. हालांकि, अभी गुरु और शुक्र अस्त हैं. लेकिन अबूझ मुहूर्त होने से बसंत पंचमी को शादी विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्य भी होंगे.
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इसके साथ ही जयपुर के जाने-माने ज्योतिष पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने संभावना जताई है कि बसंत पंचमी के बाद कोरोना वायरस का असर भी काफी कम हो जाएगा.पंडित पुरुषोत्तम गौड़ का कहना है कि इस बार बसंत पंचमी पर अमृत सिद्ध और सर्वार्थ सिद्ध योग बन रहे हैं. इससे स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त भी बन रहा है. इस दौरान शुक्र और गुरु अस्त हैं.
बसंत पंचमी को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर गुरु पूर्व दिशा में उदय हो रहे हैं. इस दिन शादी-विवाह का जबरदस्त सावा है और प्रदेशभर में हजारों जोड़े इस दिन परिणय सूत्र में बंधेंगे. क्योंकि इस दिन अबूझ मुहूर्त है. उन्होंने बताया कि बसंत पंचमी ऋतु परिवर्तन का दिन भी माना जाता है. इस दिन के बाद से सर्दी का असर खत्म होगा और बसंत ऋतु का आगमन होगा.
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खेतों में सरसों के पीले फूल खिलने पर धरती सोने सी दमक उठती है. जिसे देखकर ही हर किसी का मन प्रफुल्लित हो उठता है. इस दिन माता सरस्वती की पूजा के.साथ ही कई धार्मिक अनुष्ठान भी किए जाते हैं. इस दौरान गुप्त नवरात्रि भी चल रहे हैं. बसंत पंचमी के दिन माता स्कंदमाता की पूजा भी की जाती है. गुप्त नवरात्रि में माता बगलामुखी की आराधना भी की जाती है.
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ज्योतिषी पंडित पुरुषोत्तम गौड़ का यह भी कहना है कि बसंत पंचमी के बाद से वैश्विक महामारी कोविड-19 एक तरह से गायब होने लगेगी. क्योंकि इस दिन से जो ज्योतिषीय योग बन रहे हैं. उनके आधार पर कहा जा सकता है कि बसंत पंचमी कोरोना के बाद से कोरोना संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा और यह महामारी गायब सी हो जाएगी. ऐसे योग इस बार बसंत पंचमी को बन रहे हैं.