जयपुर. चाहे टेक्सटाइल बिजनेस हो या फिर इलेक्ट्रॉनिक, बाजार में इन सभी पर कोविड-19 संक्रमण (Covid 19 Effect in Rajasthan) की मार देखने को मिली थी और अब तीसरी लहर का अंदेशा बताया जा रहा है. ऐसे में व्यापारियों में एक बार फिर चिंता देखने को मिल रही है.
कोविड-19 संक्रमण की पहली लहर में हर तरह का व्यापार प्रभावित हुआ. लॉकडाउन की वजह से न व्यापार करने की अनुमति थी और न ही खरीदारी की. ऐसे में लगभग 100 फीसदी कारोबार ठप रहा. वहीं, दूसरी लहर में सरकार की ओर से कुछ पाबंदियों के साथ व्यापार खोलने की अनुमति मिली और व्यापार में कुछ इजाफा देखने को मिला.
30 फीसदी का उछाल...
जयपुर के सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक जयंती बाजार व्यापार मंडल के अध्यक्ष सचिन गुप्ता का कहना है कि कोरोना संक्रमण की पहली लहर (First Wave of Corona) में व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ, क्योंकि मार्च वर्ष 2020 में लॉकडाउन लगाया गया और 3 महीने तक बाजार खोलने की अनुमति नहीं थी. सचिन गुप्ता का कहना है कि गर्मियों का सीजन इलेक्ट्रॉनिक बाजार के लिए सबसे अच्छा सीजन होता है, लेकिन उस दौरान बिक्री ठप रही.
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हालांकि, दूसरी लहर के दौरान सरकार ने कुछ पाबंदियों के साथ व्यापार करने की अनुमति दी तो व्यापार में 30 फीसदी उछाल देखने को मिला. आमतौर पर पूरे वर्ष इलेक्ट्रॉनिक से जुड़ा प्रदेश में 10 जहार करोड़ तक का व्यापार होता है, लेकिन कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान 70 फीसदी व्यापार प्रभावित हुआ. हालांकि, अब तीसरी लहर का अंदेशा जताया जा रहा है, जिसे लेकर कारोबारी सचिन गुप्ता का कहना है कि यदि तीसरी लहर जैसा संकट (Fear of Corona Third Wave) एक बार फिर सामने आता है तो इस बार व्यापार पर इतना असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि बीते एक साल से भी अधिक समय से काफी प्रोजेक्ट अटके पड़े हैं जो अब शुरू हो चुके हैं. जिसमें चाहे शादी का सीजन हो या फिर घर बनाने से जुड़ा व्यापार. ऐसे में सभी कारोबार एक दूसरे से जुड़े हुए हैं.
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कपड़ा उद्योग पर मार...
वहीं, पुराना संक्रमण के दौरान टेक्सटाइल (Corona Effect on Textile Industry) खासकर रेडीमेड कपड़ा व्यापार पर भी काफी असर देखने को मिला था और कोरोना के कारण कपड़ा बनाने वाली सभी मील लगभग बंद हो गई थी. हालांकि, अब एक बार फिर से कपड़े से जुड़ा व्यापार पटरी पर लौटने लगा है. जयपुर (Jaipur Latest News Today) के कपड़ा व्यापारी और जयपुर व्यापार महासंघ के महामंत्री सुरेंद्र बज का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान रेडीमेड गारमेंट से जुड़ा व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ. क्योंकि कोरोना के कारण शादियों पर पाबंदी लगा दी गई थी और शादियों का सीजन रेडिमेड गारमेंट्स के लिए मुख्य सीजन होता है.
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हालांकि, एक बार फिर व्यापार पटरी पर लौटने लगा है, लेकिन सरकार कपड़े और फुटवियर पर जीएसटी बढ़ाने को तैयार है. ऐसे में जो बाजार कोरोना के बाद उभरा था वह जीएसटी की मार नहीं झेल पाएगा. आमतौर पर राजस्थान में रेडीमेड गारमेंट से जुड़ा 5000 करोड़ का कारोबार होता है. ऐसे में सरकार ने जीएसटी 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने की तैयारी कर ली है. ऐसे में जीएसटी (GST on Garments in Rajasthan) के बाद यह बाजार नहीं झेल पाएगा.
त्योहार और शादियों पर बाजार गुलजार...
हाल ही में त्योहारी सीजन और इसके बाद शादियों के सीजन के दौरान व्यापार से जुड़े हर सेक्टर में उछाल देखने को मिला है. जहां त्योहारी सीजन पर तकरीबन पूरे प्रदेश में 15 हजार करोड़ से अधिक का व्यापार देखने को मिला तो वहीं शादियों के सीजन में 20 हजार करोड़ का व्यापार होने की उम्मीद जताई जा रही है. त्योहार पर जहां इलेक्ट्रॉनिक्स, रेडीमेड गारमेंट्स, ज्वेलरी और बर्तन उद्योग से जुड़ा कारोबार एक बार फिर पटरी पर लौटा तो वहीं शादियों के सीजन में ज्वेलरी फर्नीचर कैटरिंग बैंड बाजा विवाह स्थल होटल इंडस्ट्री आदि से जुड़ा व्यापार पटरी पर लौटने लगा है.