जयपुर. प्रदेश में 1 दिसंबर से सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग अनिवार्य होने जा रहा है. यदि आपको नेशनल हाईवे टोल प्लाजा पर बिना रुके बाहर निकलना है तो फास्टैग बनवाना जरूरी होगा. सरकार के नए नियमों के मुताबिक अब टोल प्लाजा पर केवल एक ही लाइन कैश टोल की होगी. अन्य सभी लाइन से सिर्फ फास्टैग वाले वाहन ही निकल पाएंगे. टोल वसूलने की यह पद्धति काफी आधुनिक है.
खास बात यह भी है कि फर्स्ट टाइम यूजर को इस नए सिस्टम से कई फायदे होने वाले है. फास्टैग यूज करने वालों को समय की बचत के साथ-साथ 2.5 फीसदी कैशबैक भी मिलेगा. जो प्रत्येक ट्रांजैक्शन के बाहर फास्टैग से लिंक बैंक खाते में सीधे जमा हो जाएंगे. टोल प्लाजा के अलावा बैंक शाखा से वाहन चालक कार्ड बनवा सकते हैं. जहां 400 रुपए के खर्च में लाइफटाइम वैलिडिटी भी मिलेगी.
जिसके बाद भविष्य में मोबाइल की तरह ही रिचार्ज कर इस फास्टैग का इस्तेमाल कर सकते हैं. फास्टैग नहीं लेने वाले वाहन चालकों को कैश वसूली वाली टोल लाइन में ही लगना होगा. फिर चाहे वह कितनी ही लंबी लाइन क्यों ना हो. ऐसे में किसी तरह की परेशानी से बचने के लिए जरूरी है कि समय रहते अपनी गाड़ी में फास्टैग लगवा लें.
आपको बता दें कि फास्टैग लगी गाड़ियों को टोल प्लाजा पर पर्ची लेने के लिए रुकने की जरूरत नहीं होती है, जिससे फ्यूल और टाइम दोनों की बचत होती है. वहीं यदि नॉन फास्टैग गाड़ी गलती से भी फास्टैग लेन से निकली तो उस वाहन चालक पर डबल जुर्माना भी होगा. फास्ट टैग रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडी फिकेशन टेक्नोलॉजी पर आधारित एक टैग है. यह गाड़ी की विंडो स्क्रीन पर लगाया जाता है. जैसे ही गाड़ी टोल प्लाजा पर पहुंचती है. वहां लगी डिवाइस गाड़ी की विडर स्क्रीन पर लगे कोड को स्कैन कर लेता है और तुरंत टोल कट जाता है.
एनएचएआई के क्षेत्रीय प्रबंधक एमके जैन ने बताया कि. प्रदेश के सभी लगभग 72 टोल प्लाजा की 659 लाइन पर फास्टटैग radio-frequency आईडी फिकेशन टेक्नोलॉजी को लगा दिया गया है. लेकिन टोल प्लाजा की लाइनों में मशीनों की कमी के चलते अभी भी लाइनों में रेडियो फ्रीक्वेंसी एडिफिकेशन टेक्नोलॉजी नहीं लगा पाए.
वहीं आने-जाने की एक-एक लाइन को छोड़कर इसी सप्ताह शेष रही लाइनों में रेडियो फ्रीक्वेंसी एडिफिकेशन टेक्नोलॉजी लगा दी जाएगी. यूजर के फास्ट टैग अकाउंट से होने वाले सभी ट्रांजैक्शन की जानकारी उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस के द्वारा भी मिलेगी. फास्ट टैग कार्ड लगवाने के लिए टोल प्लाजा के काउंटर के अलावा एनएचएआई द्वारा सभी बैंकों और पेटीएम और माय फास्टैग और अमेजन पर भी आवेदन कर सकते हैं. फास्टैग के लिए गाड़ी की आरसी गाड़ी मलिक का पासपोर्ट साइज फोटो आईडी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ की कॉपी देनी होगी .
नेशनल हाईवे पर अब तक छूट वाले वाहनों पर भी 1 दिसंबर से जीरो बैलेंस फास्टैग लगाना होगा. केंद्र सरकार ने ऐसे सभी लोगों द्वारा विभागों को जीरो बैलेंस फास्टैग लेने के लिए कह दिया है. फास्टैग न होने पर ऐसे वाहन चालकों को टोल फ्री व्हीकल होने का प्रमाण पत्र देना होगा. ऐसे वाहनों को टोल पर बनी सिंगल कैश लाइन से गुजरना होगा. फास्टैग कार्ड में कम से कम 100 रुपये से लेकर अधिकतम कितने भी पैसे डलवा सकते हैं. जो कि लाइफटाइम वैलेडिटी के साथ उपलब्ध होगा.
वहीं कार्ड खराब हो जाने की सूरत में 100 रुपए में नया कार्ड खरीदा जा सकता है. टोल से रोज अपडाउन करने वाले स्थानीय लोगों के लिए निजी वाहनों का मासिक पास पहले की तरह 265 रुपये में ही बनेगा. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि फास्टैग योजना से समय की बचत होने के साथ ही राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात सुगम और सुरक्षित हो जाएगा.