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किसान के बेटे ने किया कमाल, 12वीं विज्ञान वर्ग में लाए 97 प्रतिशत अंक

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 12वीं विज्ञान वर्ग का परिणाम बुधवार को जारी हो चुका है. इसमें जिले के आसलपुर गांव की खातलियों की ढाणी में रहने वाले हितेश कुमावत ने 97 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं. वहीं, बोराज गांव की सोनम गोठवाल ने भी 97 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं. इन दोनों ने अपनी मेहनत से ये सफलता हासिल की है.

जयपुर समाचार, jaipur news
किसान के बेटे का कमाल
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Published : Jul 9, 2020, 11:32 PM IST

जयपुर. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 12वीं विज्ञान वर्ग का परिणाम बुधवार को जारी हो चुका है. इस परिणाम में कई ऐसे गुदड़ी के लाल बाहर निकल कर आए हैं, जिन्होंने विषम परिस्थितियों में कड़ी मेहनत कर अपने गांव-ढाणी का ही नहीं बल्कि पूरे जयपुर का नाम रोशन किया है. ऐसा ही गुदड़ी का लाल है, जयपुर जिले के आसलपुर गांव की खातलियों की ढाणी में रहने वाला हितेश कुमावत है.

बता दें कि हितेश ने विज्ञान वर्ग में 97 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं. यह नंबर इस मायने में खास हो जाते हैं कि हितेश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है. उसके पिताजी एक किसान है और खेतीबाड़ी कर किसी प्रकार से अपने घर का खर्च चला रहे हैं. आर्थिक स्थिति के कारण उसे काफी परेशानी भी हुई. लेकिन गुरुजनों के साथ ने उसे उसकी मंजिल तक पहुंचा ही दिया.

किसान के बेटे का कमाल

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान हितेश ने कहा कि वह डायमंड एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाई करता है. उसके स्कूल के प्रिंसिपल और डायरेक्टर ने उसका बहुत साथ दिया. उन्होंने उसके पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए उसे घर आकर भी पढ़ाई करवाते थे. हितेश ने बताया कि उसके साथ उसके अध्यापकों ने काफी मेहनत की और अध्यापकों के अनुसार समय सारणी बनाई गई थी. उसी के अनुसार हितेश ने बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए पढ़ाई की और उसी का नतीजा है कि उसने 97 फीसदी अंक हासिल किए.

पढ़ें- सड़क दुर्घटनाओं से हो रहे मौतों को रोकने के लिए 'तमिलनाडु मॉडल' अपनाएगी गहलोत सरकार

हितेश का कहना था कि उसने प्रतिदिन 8 से 10 घंटे पढ़ाई की और मोबाइल को खुद से दूर रखा. जानकारी के अनुसार हितेश के घर ना ही टीवी है और किसी प्रकार की कोई इंटरनेट की सुविधा. अपनी योग्यता के दम पर जयपुर जिले का नाम रोशन करने वाले हितेश ने बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे निडर होकर पढ़ाई करें और मोबाइल को दूर रखें. ताकि वह बिना किसी परेशानी के पढ़ाई कर सकें.

कृषि वैज्ञानिक बनना चाहता है हितेश

हितेश की मां ममता कुमावत का कहना है कि हितेश ने ढाणी और जयपुर जिले का नाम रोशन किया है. इस बात को लेकर सभी परिजन काफी खुश है. उसके अध्यापकों ने भी हितेश की पढ़ाई का पूरा ध्यान रखा. साथ ही बताया कि घर में खेती का काम बहुत रहता है. इसके बावजूद भी हितेश की पढ़ाई का पूरा ध्यान रखा गया. हितेश सुबह 4:00 बजे उठकर अपनी पढ़ाई शुरू कर देता था और उसने कड़ी मेहनत की.

डायमंड एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के टीचर डॉ. सेवा राम कुमावत ने कहा कि बच्चों की मेहनत का ही नतीजा है कि उन्होंने इतने अच्छे अंक प्राप्त किए. विद्यालय में एक्स्ट्रा क्लास भी लगाई जाती थी, ताकि बच्चे अपनी समस्या का समाधान कर सके.

बोराज गांव की सोनम गोठवाल ने भी प्राप्त किए 97 प्रतिशत

इसी तरह बोराज गांव की सोनम गोठवाल ने भी 97 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं और उसने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों और परिजनों को दिया है. उसने कहा कि परिवार जनों का परीक्षा के दौरान पूरा सहयोग मिला. सोनम की चाहे कि वह आगे वेटरनरी चिकित्सक बनना चाहती है. सोनम ने 8 से 10 घंटे की मेहनत की और उसी का नतीजा है कि उसके इतने अच्छे अंक आए हैं.

घर से 7 किमी दूर था स्कूल

सोनम का कहना था कि उसके सामने पढ़ाई को लेकर कोई समस्या नहीं थी. लेकिन उसका स्कूल उसके घर से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित था. वहीं, सोनम के पिता हनुमान लाल रेगर ने कहा कि सोनम के 10वीं में भी 86 फीसदी अंक आए थे और स्कूल की अध्यापक उस पर विशेष ध्यान देते थे. जानकारी के अनुसार सोनम घर का कामकाज करने के साथ-साथ प्रतिदिन 7-8 घंटे अपनी पढ़ाई करती थी.

जयपुर. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 12वीं विज्ञान वर्ग का परिणाम बुधवार को जारी हो चुका है. इस परिणाम में कई ऐसे गुदड़ी के लाल बाहर निकल कर आए हैं, जिन्होंने विषम परिस्थितियों में कड़ी मेहनत कर अपने गांव-ढाणी का ही नहीं बल्कि पूरे जयपुर का नाम रोशन किया है. ऐसा ही गुदड़ी का लाल है, जयपुर जिले के आसलपुर गांव की खातलियों की ढाणी में रहने वाला हितेश कुमावत है.

बता दें कि हितेश ने विज्ञान वर्ग में 97 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं. यह नंबर इस मायने में खास हो जाते हैं कि हितेश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है. उसके पिताजी एक किसान है और खेतीबाड़ी कर किसी प्रकार से अपने घर का खर्च चला रहे हैं. आर्थिक स्थिति के कारण उसे काफी परेशानी भी हुई. लेकिन गुरुजनों के साथ ने उसे उसकी मंजिल तक पहुंचा ही दिया.

किसान के बेटे का कमाल

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान हितेश ने कहा कि वह डायमंड एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाई करता है. उसके स्कूल के प्रिंसिपल और डायरेक्टर ने उसका बहुत साथ दिया. उन्होंने उसके पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए उसे घर आकर भी पढ़ाई करवाते थे. हितेश ने बताया कि उसके साथ उसके अध्यापकों ने काफी मेहनत की और अध्यापकों के अनुसार समय सारणी बनाई गई थी. उसी के अनुसार हितेश ने बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए पढ़ाई की और उसी का नतीजा है कि उसने 97 फीसदी अंक हासिल किए.

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हितेश का कहना था कि उसने प्रतिदिन 8 से 10 घंटे पढ़ाई की और मोबाइल को खुद से दूर रखा. जानकारी के अनुसार हितेश के घर ना ही टीवी है और किसी प्रकार की कोई इंटरनेट की सुविधा. अपनी योग्यता के दम पर जयपुर जिले का नाम रोशन करने वाले हितेश ने बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे निडर होकर पढ़ाई करें और मोबाइल को दूर रखें. ताकि वह बिना किसी परेशानी के पढ़ाई कर सकें.

कृषि वैज्ञानिक बनना चाहता है हितेश

हितेश की मां ममता कुमावत का कहना है कि हितेश ने ढाणी और जयपुर जिले का नाम रोशन किया है. इस बात को लेकर सभी परिजन काफी खुश है. उसके अध्यापकों ने भी हितेश की पढ़ाई का पूरा ध्यान रखा. साथ ही बताया कि घर में खेती का काम बहुत रहता है. इसके बावजूद भी हितेश की पढ़ाई का पूरा ध्यान रखा गया. हितेश सुबह 4:00 बजे उठकर अपनी पढ़ाई शुरू कर देता था और उसने कड़ी मेहनत की.

डायमंड एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के टीचर डॉ. सेवा राम कुमावत ने कहा कि बच्चों की मेहनत का ही नतीजा है कि उन्होंने इतने अच्छे अंक प्राप्त किए. विद्यालय में एक्स्ट्रा क्लास भी लगाई जाती थी, ताकि बच्चे अपनी समस्या का समाधान कर सके.

बोराज गांव की सोनम गोठवाल ने भी प्राप्त किए 97 प्रतिशत

इसी तरह बोराज गांव की सोनम गोठवाल ने भी 97 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं और उसने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों और परिजनों को दिया है. उसने कहा कि परिवार जनों का परीक्षा के दौरान पूरा सहयोग मिला. सोनम की चाहे कि वह आगे वेटरनरी चिकित्सक बनना चाहती है. सोनम ने 8 से 10 घंटे की मेहनत की और उसी का नतीजा है कि उसके इतने अच्छे अंक आए हैं.

घर से 7 किमी दूर था स्कूल

सोनम का कहना था कि उसके सामने पढ़ाई को लेकर कोई समस्या नहीं थी. लेकिन उसका स्कूल उसके घर से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित था. वहीं, सोनम के पिता हनुमान लाल रेगर ने कहा कि सोनम के 10वीं में भी 86 फीसदी अंक आए थे और स्कूल की अध्यापक उस पर विशेष ध्यान देते थे. जानकारी के अनुसार सोनम घर का कामकाज करने के साथ-साथ प्रतिदिन 7-8 घंटे अपनी पढ़ाई करती थी.

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