जयपुर. नेता भले ही सचिन पायलट जैसा बड़ा क्यों ना हो, लेकिन कभी-कभी परिस्थितियां ऐसी बन जाती हैं (21 rupees Reward announced for disclosing the address of Sachin Pilot) की जनता उनसे नाराज हो ही जाती है. ऐसा ही नजारा दो दिन पहले देखने को मिला था.
टोंक के बीसलपुर बांध का व्यर्थ बहने वाला पानी नहर के जरिए टोरडी सागर और घरेड़ा सागर में डलवाने की मांग को लेकर जयपुर में धरना दे रहे टोंक के किसान रतन खोंकर ने राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के सामने जयपुर के शहीद स्मारक पर अपनी शिकायत रखी.
शिकायत में उसने कहा कि उनके विधायक सचिन पायलट नदारद हैं और 86 गांव की समस्या सालों से चल रही है. किसानों ने जिन सचिन पायलट को इस सोच के साथ जिताया था की वो उनकी इस मांग को पूरा करवाएंगे, लेकिन वो उन्हें मिल नहीं रहे हैं.
किसान ने अपनी नाराजगी में यहां तक कह दिया था कि जो भी व्यक्ति उन्हें सचिन पायलट का पता बताएगा उसे वह 21 रुपये का इनाम देंगे. जब मामला सचिन पायलट तक पहुंचा तो पायलट ने अपनी तरफ से किसानों की इस मांग को पत्र के जरिए मुख्यमंत्री के सामने रख दिया. जिसमें उन्होंने कहा कि वह बजट में टोंक के बीसलपुर बांध के ओवरफ्लो हो रहे पानी को टोरडी सागर और घरेड़ा सागर में डलवाने का प्रस्ताव लाया जाए.
सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि जिले के सैकड़ों गांव के किसानों ने कई बार इसे लेकर ज्ञापन दे चुके हैं और लंबे समय से इसके लिए प्रयासरत हैं. जिले के किसानों की इस मांग को लेकर मैं 8 फरवरी 2021 को पिछले बजट में भी आप को पत्र लिख चुका हूं और अब फिर आपसे इस बजट में बीसलपुर बांध के ओवरफ्लो पानी को नहर के माध्यम से टोरडी सागर बांध और घरेड़ा सागर में डाले जाने के लिए नहर निर्माण की घोषणा इस बजट में पूरी करने की मांग करता हूं.
जैसे ही सचिन पायलट ने यह पत्र मुख्यमंत्री को लिखा उसके साथ ही जो किसान सचिन पायलट का पता बताने वाले को 21 रुपये का इनाम देने की बात कहता नजर आ रहा था. वहीं, किसान अब सचिन पायलट की तारीफों के पुल बांधने के साथ ही टोंक जिले के 86 गांव के किसानों की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखे जाने पर उन्हें धन्यवाद देता हुआ भी नजर आया.