जयपुर. चने की सरकारी खरीद की सीमा बढ़ाए जाने की मांग को लेकर पिछले रविवार से चल रहा किसानों का आंदोलन शुक्रवार शाम को समाप्त हो गया. प्रदेश सरकार से वार्ता के बाद राजस्थान में जिन किसानों का पंजीयन होने के बाद उनसे चने की खरीद नहीं हो पाई थी, अब सहकारिता विभाग उनसे भी समर्थन मूल्य पर चने की खरीद करेगा.
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में कृषि और सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में इस बात पर सहमति बनी. दरअसल, पिछले रविवार को महापंचायत के बैनर तले सैकड़ों किसान खरीद की सीमा बढ़ाए जाने की मांग को लेकर दिल्ली कूच कर रहे थे. लेकिन कुछ ही किलोमीटर बाद महला में उन्हें पुलिस प्रशासन ने रोक दिया.
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जिसके बाद सहकारिता विभाग और सरकार के आला अधिकारियों से उनकी चर्चा भी हुई और वार्ता के दौर भी चले. शुक्रवार को कृषि और सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव केएल मीणा की मौजूदगी में हुई वार्ता में किसानों की मांग पत्र मान लिया गया. अब प्रदेश के करीब 52 हजार किसानों को लाभ मिल पाएगा. जिन्होंने अपनी फसल की खरीद के लिए विभाग में पंजीयन कराया था. लेकिन उनके चने की खरीद नहीं हो पाई.
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महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि सरकार और विभाग के साथ हुए समझौते के तहत सबसे पहले आंदोलन में शामिल किसानों और दूदू के किसानों की चने की तुलाई की जाएगी और उसके बाद पूरे प्रदेश में पंजीकृत किसानों के चने की खरीद शुरू होगी. रामपाल जाट के अनुसार प्रदेश सरकार ने किसानों की हित की बात मानी गई. लेकिन अब केंद्र सरकार को सरकारी खरीद की सीमा बढ़ाए जाने को लेकर सकारात्मक फैसला करना चाहिए. जिससे किसानों को उनके फसल का सही दाम मिल सके.