जयपुर. प्रदेश में जल्द ही गहलोत सरकार अपना बजट पेश करेगी. जिससे जनता को कई उम्मीदें भी हैं. लेकिन पिछले बजट की घोषणाएं अबतक धरातल पर नहीं आई है. कांग्रेस ने बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था और युवाओं को रोजगार देने का वादा करके सत्ता में आई थी. लेकिन सरकार बनने के बाद युवाओं को निराशा ही हाथ लगी.
ऐसे में ईटीवी भारत ने प्रदेश के बेरोजगारों से विभिन्न भर्तियों की हकीकत जानी. गहलोत सरकार ने अपने पहले बजट में युवाओं के लिए राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों में लगभग 75 हजार पदों पर भर्तियां निकालने का ऐलान किया था. लेकिन इनमें से आधी से ज्यादा भर्तियों पर प्रक्रिया शुरू ही नहीं हुई है.
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ये भर्तियां अटकीं
- लाइब्रेरियन भर्ती 2018 की परीक्षा 29 दिसंबर को हुई थी, लेकिन पेपर लीक होने के चलते रद्द हो गई. अब इस साल फिर से भर्ती परीक्षा होगी.
- आरएएस 2018 की मुख्य परीक्षा का परिणाम अटका है. इस कारण साक्षात्कार की प्रक्रिया भी नहीं हो पा रही है.
- फार्मासिस्ट भर्ती 2018 की संशोधित विज्ञप्ति के आधार पर आवेदन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. इस साल की भर्ती परीक्षा आयोजित होगी.
- पंचायत राज एलडीसी भर्ती 2013 की 28 फरवरी 2019 को 1029 पदों पर जल्द से जल्द भर्ती पूरी करने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की थी लेकिन आज भी घोषणा अधूरी है.
- आरपीएससी की ओर से कॉलेज शिक्षा विभाग में 930 पदों पर वैकेंसी पेंडिंग पड़ी है.
- आयुर्वेद विभाग के 33 पद, भाषा पुस्तकालय विभाग के 12, संस्कृत शिक्षा विभाग के 100 और विधि विभाग के 156 पदों पर वैकेंसी पेंडिंग पड़ी है.
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इन पदों पर चल रही प्रोसेसिंग
तृतीय श्रेणी शिक्षक के 31000, स्कूल व्याख्याता भर्ती के 3000, पटवारी भर्ती के 4421, कॉन्स्टेबल भर्ती के 5000, फार्मेसिस्ट 2018 के 1736, लाइब्रेरियन ग्रेड 3 2018 के 700, स्टेनोग्राफर 2018 1085, आर ए एस 2018 के 1017, उप निरीक्षक प्लाटून कमांडर के 68, संस्कृत शिक्षा व्याख्याता 2018 के 264, जेएलओ भर्ती 2019 के 156, पशु चिकित्सक अधिकारी 2019 के 900 पदों पर प्रक्रिया जारी है.
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव ने बताया कि आरपीएससी और कर्मचारी चयन बोर्ड पहले भर्तियों का कैलेंडर जारी करें फिर परीक्षा ले. बेरोजगारी बोर्ड का गठन हो, बाहरी राज्यों का कोटा कम किया जाए.