जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान की कला प्रतिभाओं को आगे लाए जाने और उनके लिए कला प्रदर्शन के अधिकाधिक अवसर सृजित किए जाने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के अलग-अलग अंचलों में चित्र कलाओं की अद्भुत विशिष्टता है. मिश्र राजभवन प्रांगण में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र द्वारा आयोजित जलरंगो की राष्ट्रीय कार्यशाला 'धरोहर' के तहत सृजित कलाकृतियों के अवलोकन बाद संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि कोविड के इस दौर में इनसे जुड़े पारम्परिक और आधुनिक कलाकारों को कला केन्द्रों द्वारा प्रोत्साहित करने की गतिविधियां निरंतर आयोजित की जानी चाहिए. उन्होंने चित्रकला को श्रेष्ठतम कला बताते हुए राजस्थान की चित्र शैलियों के संरक्षण और प्रदर्शन के लिए प्रभावी कार्ययोजना के तहत कार्य किए जाने पर भी जोर दिया.
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उन्होंने 'धरोहर' में गुलाबी नगरी जयपुर के अतीत और वर्तमान वैभव को प्रदर्शित कलाकारों की कलाकृतियों की सराहना करते हुए कहा कि कलाकार दृष्टा होता है. वह स्थान-विशेष के उन दृश्यों से भी देखने वाले का साक्षात्कार कराता है, जो प्रायः देखने से छूट जाते हैं. राज्यपाल ने कला को आध्यात्मिक साधना बताते हुए कहा कि भारतीय कलाओं में जीवनगत सौंदर्य का अनूठा चित्रण है. उन्होंने कहा कि कला व्यक्ति को अंतर्मन से समृद्ध और संपन्न करती है.
बागौर हवेली में राजस्थान वीथिका बने : राज्यपाल
कलराज मिश्र ने उदयपुर की बागौर हवेली संग्रहालय में राजस्थान की विभिन्न कला शैलियां, उनके प्रमुख स्थल, कलाकार और उनसे जुड़ी विशेषताओं से संबधित कला वीथिका बनाए जाने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र इस वीथिका को इस तरह से तैयार करे कि राजस्थान आने वाले पर्यटक वहां अधिकाधिक आने के लिए उत्सुक हों.
राजभवन में जीवंत हुई 'धरोहर'...
राजभवन के सुरम्य प्राकृतिक परिवेश में कोविड नियमों की पालना करते हुए रविवार को देश के विभिन्न स्थानों से आए कलाकारों की कलाकृतियां प्रदर्शित की गई. पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दिल्ली, झारखण्ड आदि स्थानों के कलाकारों ने पिछले दिनों जयपुर के विभिन्न स्मारकों, धरोहर स्थलों का भ्रमण कर वहां के दृश्यों को अपनी कला में प्रदर्शित किया है. राजभवन के खुले प्रांगण में इन कलाकारों की कलाकृतियां जब प्रदर्शित हुई तो लगा 'धरोहर' एक तरह से जीवंत हो उठी है.
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राज्यपाल ने रूचि से कलाकारों की जल रंगों से सृजित कलाकृतियां देखी और उनके रंगों, रेखाओं और दृष्टि की सघनता की सराहना भी की. उन्होंने कहा कि कलाकार जब कुछ उकेरता है, तो दृश्य की गहराई में एक तरह से प्रवेश करवाता है. बाद में कलाकारों ने राज्यपाल कलराज मिश्र से व्यक्तिगत भेंट कर अपनी कलाकृतियां और उनके सृजन सरोकारों के बारे में भी अवगत कराया.
इससे पहले राज्याल ने उदयपुर के शिल्प ग्राम में नागालैंड के कलाकारों द्वारा सृजित नागा हट और मूर्तिशिल्प तथा बागौर हवेली के जिर्णोद्धार से संबंधित विडियो फिल्म देखकर उसकी सराहना की. पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र के निदेशक सुधांशु सिंह ने केन्द्र की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी.
किरण माहेश्वरी और सचिन पायलट से पूछी कुशलक्षेम...
राज्यपाल कलराज मिश्र ने रविवार को फोन के जरिए भाजपा विधायक और कांग्रेस विधायक और पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट से उनकी कुशलक्षेम पूछी. किरण माहेश्वरी और सचिन पायलट कोरोना संक्रमित हैं और अपना उपचार करवा रहे हैं. किरण माहेश्वरी मेदांता अस्पताल में भर्ती है, तो वहीं सचिन पायलट एम्स अस्पताल में अपना उपचार करवा रहे हैं.