जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान प्राधिकरण और न्यासों की तरह ही आवासन मंडल भी आवंटन के समय की आवासीय आरक्षित दर से गणना कर बकाया लीज राशि एकमुश्त जमा कराने पर ब्याज और पेनल्टी में शत प्रतिशत की छूट देगा. इस संबंध में नगरीय विकास विभाग ने आदेश भी जारी किए हैं. साथ ही एडवांस (8/10 वर्ष) एकमुश्त लीज राशि जमा कराने पर बकाया राशि पर 60 प्रतिशत की छूट देय (exemption in interest on depositing lump sum lease amount) होगी.
नगरीय विकास विभाग ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया है कि ये छूट अभियान अवधि में ही दी जाएगी. इस छूट का 31 मार्च 2023 तक प्रदेशवासी लाभ उठा सकेंगे. लीज राशि की गणना में एकरूपता लाने के लिए नगरीय विकास विभाग के 2013 और 2020 में जारी आदेश में राजस्थान आवासन मण्डल की ओर से प्राधिकरणों और न्यासों की तरह आवासीय और संस्थानिक आवंटनों में आवासीय दर पर 2.5 प्रतिशत की दर से और वाणिज्यिक आवंटनों में आवासीय दर पर 5 प्रतिशत की दर से लीज राशि की गणना के प्रावधान थे. नगरीय भूमि निस्तारण नियम, 1974 के नियम 7 (2) के अनुसार लीज राशि हर 15 वर्ष बाद या फिर विक्रय पर 25 प्रतिशत वृद्धि के साथ रिवीजन किये जाने और नियम 7 (3) के अनुसार लीज राशि कब्जा देने की तारीख से देय है.
साथ ही लीज राशि 8 वर्ष की एकमुश्त जमा कराने पर आवंटी या उसके ट्रांसफरी को हर वार्षिक लीज राशि से मुक्त किए जाने का प्रावधान है. 10 वर्ष की एकमुश्त लीज जमा कराने पर फी-होल्ड पट्टा दिए जाने का प्रावधान है. इन प्रावधानों के अनुसार प्रशासन शहरों के संग अभियान अवधि में भूखण्डों के आवंटन के समय की आवासीय आरक्षित दर से गणना कर बकाया लीज राशि एकमुश्त जमा कराने पर ब्याज और पेनल्टी में शत प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है. साथ ही एडवांस (8/10 वर्ष) एकमुश्त लीज राशि जमा कराने पर बकाया राशि पर 60 प्रतिशत की छूट देय होगी.