जयपुर. राजस्थान में राज्यसभा चुनाव को लेकर सियासत चरम पर है. भाजपा ने अपने 2 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं, लेकिन विधायकों की संख्या बल के आधार पर एक प्रत्याशी की ही जीत तय है. हालांकि, भाजपा के दूसरे प्रत्याशी ओंकार सिंह लखावत कहते हैं कि वे इस चुनाव में किसी चुनावी गणित के लिए नहीं, बल्कि इतिहास रचने के लिए खड़े हुए हैं. ETV BHARAT से खास बातचीत में लखावत ने यह भी कहा कि इन चुनावों को लेकर उन्होंने किसी भी विधायक से संपर्क नहीं किया है.
खरीद-फरोख्त के आरोप गलत, मैने किसी विधायक से नहीं किया संपर्क- लखावत
इस दौरान लखावत ने कांग्रेस की ओर से लगाए गए विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े आरोपों को भी सिरे से नकारा. लखावत ने कहा कि वे खुद इन चुनाव में प्रत्याशी हैं लेकिन आज तक उन्होंने किसी भी विधायक से वोट देने के लिए संपर्क तक नहीं किया और ना ही किसी से फोन पर बात की. उन्होंने कहा कि इस दौरान वे अजमेर में ही थे और आज ही जयपुर आए हैं.
बता दें कि मौजूदा चुनाव में भाजपा विधायकों का पहला वरीयते का वोट प्रत्याशी राजेंद्र गहलोत को पड़ेगा और बचे हुए वोट ओंकार सिंह लखावत को दिए जाएंगे. इस लिहाज से राजेंद्र गहलोत ही जीतेंगे, लेकिन लखावत की जीत में संशय हैं या फिर कह सकते हैं कि लखावत की जीतने की संभावना ना के बराबर है. हालांकि जब उनसे पूछा गया कि आप इन चुनावों में पार्टी के निर्देश पर खड़े हुए, लेकिन जीत की क्या उम्मीद है और क्या इसको लेकर कोई सियासी गणित है.
इसपर उन्होंने कहा कि वे चुनाव में पार्टी के निर्देश पर खड़े हुए हैं और किसी प्रकार की कोई चुनावी गणित बैठाने के लिए नहीं. उनके अनुसार इस चुनाव में जैसा इतिहास रचा जाएगा, उसको हर कोई आने वाले समय में पढ़ेंगा. हालांकि यह इतिहास क्या होगा, इसके बारे में लखावत ने ज्यादा कुछ नहीं कहा.
लखावत को जीत के लिए चाहिए 51 वरीयता के वोट
इन चुनावों में ओंकार सिंह लखावत को अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रथम वरीयता के 51 वोट चाहिए, लेकिन मतों के गणित देखें तो लखावत के पक्ष में फिलहाल बीजेपी के और आरएलडी के बच्चे हुए कुल 24 वोट ही पड़ते नजर आ रहे हैं. बता दें कि बीजेपी के पास 72 विधायक हैं. वहीं सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के पास 3 विधायक हैं. इनमें से 51 वोट बीजेपी प्रत्याशी राजेंद्र गहलोत को दिए जाएंगे और बचे हुए 24 वोट ही लखावत के खाते में आएंगे.
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जिसका मतलब लखावत को अब भी इस चुनाव में जीतने के लिए 27 अन्य वोटों की आवश्यकता पड़ेगी, लेकिन लखावत कहते हैं कि वह चुनाव में तो खड़े हुए हैं, लेकिन अब तक उन्होंने किसी भी विधायक से वोट के लिए संपर्क तक नहीं किया है.