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SPECIAL : गुलाबी नगरी की आबोहवा में घुला 'शोर'....कोरोना की पाबंदियों के बावजूद ध्वनि प्रदूषण बढ़ा - Noise pollution higher than standard level Jaipur

गुलाबी नगर की आवाज अब कर्णप्रिय नही रही. बीते वर्ष के अंतिम 6 महीने की बात करें तो ध्वनि प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ा है. दिन और रात दोनों वक्त ध्वनि प्रदूषण सामान्य से अधिक पाया गया है.

गुलाबीनगरी की आबोहवा में घुला 'शोर'
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Published : Apr 19, 2021, 8:16 PM IST

Updated : Apr 19, 2021, 8:50 PM IST

जयपुर. लॉकडाउन के बाद भी राजधानी जयपुर में वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 के अंतिम 6 महीने में ध्वनि प्रदूषण तय मानकों से ज्यादा रहा है. हालांकि कुछ स्थानों पर ध्वनि प्रदूषण में कमी आई है. लेकिन बड़ा सवाल है कि आखिर क्यों गुलाबी नगर में शोर बढ़ता जा रहा है.

कोरोना की पाबंदियों के बावजूद ध्वनि प्रदूषण बढ़ा

गुलाबी नगर की आवाज अब कर्णप्रिय नही रही. वित्त वर्ष के अंतिम 6 महीने की बात करें तो ध्वनि प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ा है. दिन और रात दोनों किस में ध्वनि प्रदूषण सामान्य से अधिक पाया गया है. प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने राजधानी जयपुर में राज भवन के पीछे का उद्यान, मानसरोवर पटेल मार्ग का नगर निगम ऑफिस, शास्त्री नगर का साइंस पार्क, राजा पार्क की गली नंबर 3, छोटी चौपड़ कोतवाली थाना और संतोकबा दुर्लभजी अस्पताल के बाहर के क्षेत्र को प्रदूषण मापन से जोड़ रखा है. प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अनुसार साइलेंट जोन में मानक ध्वनि की सीमा 50 डेसीबल मानी गई है. जबकि आवासीय क्षेत्र में 55 डेसीबल और कमर्शियल क्षेत्र में 65 डेसीबल को मानक माना गया है.

Noise pollution higher than standard level Jaipur
ये है मानक स्तर

अब दिन के समय ध्वनि प्रदूषण की बात करें तो वर्ष 2020 के अंतिम 6 महीने में राज भवन के पीछे उद्यान क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण का स्तर 72 डेसीबल तक पहुंच गया था. जबकि नगर निगम क्षेत्र मानसरोवर में 63 डेसीबल, साइंस पार्क शास्त्री नगर 66 डेसीबल और राजा पार्क गली नंबर 3 में ध्वनि प्रदूषण का स्तर 68 दर्ज किया गया है. वहीं कोतवाली थाना छोटी चौपड़ की बात की जाए तो 68 के आसपास दर्ज किया गया है. संतोकबा दुर्लभजी क्षेत्र में ध्वनि का स्तर 70 तक दर्ज किया गया.

Noise pollution higher than standard level Jaipur
6 माह में प्रदूषण स्तर

इसी तरह रात के समय की बात करें तो साइलेंट जोन में 40 डेसीबल रेजिडेंशियल जोन में 45 और कमर्शियल जोन में 55 डेसीबल को मानक स्तर माना गया है. लेकिन बीते वर्ष के अंतिम 6 महीने में राज भवन के पीछे उद्यान के क्षेत्र में 67, पटेल मार्ग मानसरोवर 53 डेसीबल, शास्त्री नगर में 51 डेसीबल, राजा पार्क में 70 डेसीबल और छोटी चौपड़ 68 डेसीबल संतोकबा दुर्लभजी के बाहरी क्षेत्र में 68 डेसीबल तक ध्वनि प्रदूषण रहा.

Noise pollution higher than standard level Jaipur
ध्वनि प्रदूषण के कारण होती हैं कई बीमारियां

पढ़ें- SPECIAL : जोधपुर की हवा में 1 माइक्रोन के प्रदूषण कणों की मौजूदगी...श्वसन तंत्र के लिए खतरा

वर्ष 2019 में इसी अवधि में ध्वनि प्रदूषण के स्तर से तुलना की जाए तो राज भवन के पीछे उद्यान क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण में दिन के समय में 4% और रात के समय में 9% तक की वृद्धि हुई है. वहीं 2019 की तुलना में दिन के समय में ध्वनि प्रदूषण कम हुआ है. जबकि रात के समय में ध्वनि प्रदूषण में 1% की बढ़ोतरी हुई है. मानसरोवर की बात करें तो दिन के समय में 8% और 13% तक की कमी आई है. शास्त्री नगर की बात करें तो दिन के समय में 14% और रात के समय में 17% तक की कमी आई है. राजा पार्क में दिन के समय में 6% की वृद्धि और रात के समय में 2% की कमी आई है. छोटी चौपड़ पर परकोटे क्षेत्र की बात करें तो दिन के समय में 8% और रात के समय में 3% तक ध्वनि प्रदूषण में कमी दर्ज की गई है.

Noise pollution higher than standard level Jaipur
जयपुर में बढ़ रहा ध्वनि प्रदूषण

चालू वर्ष के पहले 3 महीने की बात करें तो मार्च तक राज भवन के पीछे उद्यान क्षेत्र में दिन के समय में ध्वनि प्रदूषण का स्तर 67 डेसीबल के अधिकतम स्तर पर रहा है. जबकि रात के समय में 48 डेसीबल, मानसरोवर में दिन के समय में अधिकतम 59 डेसीबल और रात के समय में 50 डेसीबल, शास्त्री नगर में अधिकतम 62 डेसीबल रात के समय में 53 डेसीबल, राजा पार्क में दिन के समय में अधिकतम 70 डेसीबल रात के समय में 60, छोटी चौपड़ में दिन के समय में अधिकतम 71 डेसीबल और रात के समय में 69 डेसिबल रहा है.

Noise pollution higher than standard level Jaipur
कोरोना काल की बंदिशों के दौर में भी बढ़ा शोर

पढ़ें- SPECIAL : क्लिंकर की गर्द दे रही लोगों को दर्द...भरतपुर में 4 किमी क्षेत्र प्रदूषित, गंभीर बीमारियों का खतरा

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि राजधानी में ध्वनि का स्तर आदर्श स्थिति से ज्यादा बढ़ रहा है. जो कि बिल्कुल सही नहीं है. कहा जा सकता है कि यह स्थिति तब है जब बीते 13 महीने में कोरोना की वजह से यातायात नियंत्रण रहा है. उद्योग धंधे कम चले हैं, लेकिन ध्वनि प्रदूषण का जो ट्रेंड राजधानी में सामने आया है. भविष्य के लिए इसे अलार्म भी कहा जा सकता है. इससे शारीरिक व्याधियां बढ़ने के साथ ही राजधानी के लोगों के स्वभाव के में चिड़चिड़ापन भी आ सकता है. जो पर्यटन किस शहर की सेहत के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है.

Noise pollution higher than standard level Jaipur
पिछले साल की तुलना में बढ़ा ध्वनि प्रदूषण

ईएनटी के डॉक्टर मोहनीश ग्रोवर ने बताया कि ध्वनि प्रदूषण एक बहुत ही गंभीर समस्या बन कर उभर रहा है. दुनिया भर में जो ध्वनि प्रदूषण से ग्रसित मुख्य 10 शहरों में भारत के चार शहर शामिल हैं. डॉक्टर मोहनीश ग्रोवर ने बताया कि ध्वनि प्रदूषण से कान की बीमारी के साथ-साथ, डायबिटीज हार्ट की बीमारियां बढ़ने की संभावना अधिक बढ़ जाती है. इसके साथ ही ध्वनि प्रदूषण से दिमाग पर असर भी पड़ सकता है. ग्रोवर ने बताया कि ध्वनि प्रदूषण से शरीर के हर हिस्से पर इसका असर देखने को मिलता है. इसलिए यह बीमारी है मानव जीवन के लिए काफी गंभीर भी साबित हो रही है.

जयपुर. लॉकडाउन के बाद भी राजधानी जयपुर में वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 के अंतिम 6 महीने में ध्वनि प्रदूषण तय मानकों से ज्यादा रहा है. हालांकि कुछ स्थानों पर ध्वनि प्रदूषण में कमी आई है. लेकिन बड़ा सवाल है कि आखिर क्यों गुलाबी नगर में शोर बढ़ता जा रहा है.

कोरोना की पाबंदियों के बावजूद ध्वनि प्रदूषण बढ़ा

गुलाबी नगर की आवाज अब कर्णप्रिय नही रही. वित्त वर्ष के अंतिम 6 महीने की बात करें तो ध्वनि प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ा है. दिन और रात दोनों किस में ध्वनि प्रदूषण सामान्य से अधिक पाया गया है. प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने राजधानी जयपुर में राज भवन के पीछे का उद्यान, मानसरोवर पटेल मार्ग का नगर निगम ऑफिस, शास्त्री नगर का साइंस पार्क, राजा पार्क की गली नंबर 3, छोटी चौपड़ कोतवाली थाना और संतोकबा दुर्लभजी अस्पताल के बाहर के क्षेत्र को प्रदूषण मापन से जोड़ रखा है. प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अनुसार साइलेंट जोन में मानक ध्वनि की सीमा 50 डेसीबल मानी गई है. जबकि आवासीय क्षेत्र में 55 डेसीबल और कमर्शियल क्षेत्र में 65 डेसीबल को मानक माना गया है.

Noise pollution higher than standard level Jaipur
ये है मानक स्तर

अब दिन के समय ध्वनि प्रदूषण की बात करें तो वर्ष 2020 के अंतिम 6 महीने में राज भवन के पीछे उद्यान क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण का स्तर 72 डेसीबल तक पहुंच गया था. जबकि नगर निगम क्षेत्र मानसरोवर में 63 डेसीबल, साइंस पार्क शास्त्री नगर 66 डेसीबल और राजा पार्क गली नंबर 3 में ध्वनि प्रदूषण का स्तर 68 दर्ज किया गया है. वहीं कोतवाली थाना छोटी चौपड़ की बात की जाए तो 68 के आसपास दर्ज किया गया है. संतोकबा दुर्लभजी क्षेत्र में ध्वनि का स्तर 70 तक दर्ज किया गया.

Noise pollution higher than standard level Jaipur
6 माह में प्रदूषण स्तर

इसी तरह रात के समय की बात करें तो साइलेंट जोन में 40 डेसीबल रेजिडेंशियल जोन में 45 और कमर्शियल जोन में 55 डेसीबल को मानक स्तर माना गया है. लेकिन बीते वर्ष के अंतिम 6 महीने में राज भवन के पीछे उद्यान के क्षेत्र में 67, पटेल मार्ग मानसरोवर 53 डेसीबल, शास्त्री नगर में 51 डेसीबल, राजा पार्क में 70 डेसीबल और छोटी चौपड़ 68 डेसीबल संतोकबा दुर्लभजी के बाहरी क्षेत्र में 68 डेसीबल तक ध्वनि प्रदूषण रहा.

Noise pollution higher than standard level Jaipur
ध्वनि प्रदूषण के कारण होती हैं कई बीमारियां

पढ़ें- SPECIAL : जोधपुर की हवा में 1 माइक्रोन के प्रदूषण कणों की मौजूदगी...श्वसन तंत्र के लिए खतरा

वर्ष 2019 में इसी अवधि में ध्वनि प्रदूषण के स्तर से तुलना की जाए तो राज भवन के पीछे उद्यान क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण में दिन के समय में 4% और रात के समय में 9% तक की वृद्धि हुई है. वहीं 2019 की तुलना में दिन के समय में ध्वनि प्रदूषण कम हुआ है. जबकि रात के समय में ध्वनि प्रदूषण में 1% की बढ़ोतरी हुई है. मानसरोवर की बात करें तो दिन के समय में 8% और 13% तक की कमी आई है. शास्त्री नगर की बात करें तो दिन के समय में 14% और रात के समय में 17% तक की कमी आई है. राजा पार्क में दिन के समय में 6% की वृद्धि और रात के समय में 2% की कमी आई है. छोटी चौपड़ पर परकोटे क्षेत्र की बात करें तो दिन के समय में 8% और रात के समय में 3% तक ध्वनि प्रदूषण में कमी दर्ज की गई है.

Noise pollution higher than standard level Jaipur
जयपुर में बढ़ रहा ध्वनि प्रदूषण

चालू वर्ष के पहले 3 महीने की बात करें तो मार्च तक राज भवन के पीछे उद्यान क्षेत्र में दिन के समय में ध्वनि प्रदूषण का स्तर 67 डेसीबल के अधिकतम स्तर पर रहा है. जबकि रात के समय में 48 डेसीबल, मानसरोवर में दिन के समय में अधिकतम 59 डेसीबल और रात के समय में 50 डेसीबल, शास्त्री नगर में अधिकतम 62 डेसीबल रात के समय में 53 डेसीबल, राजा पार्क में दिन के समय में अधिकतम 70 डेसीबल रात के समय में 60, छोटी चौपड़ में दिन के समय में अधिकतम 71 डेसीबल और रात के समय में 69 डेसिबल रहा है.

Noise pollution higher than standard level Jaipur
कोरोना काल की बंदिशों के दौर में भी बढ़ा शोर

पढ़ें- SPECIAL : क्लिंकर की गर्द दे रही लोगों को दर्द...भरतपुर में 4 किमी क्षेत्र प्रदूषित, गंभीर बीमारियों का खतरा

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि राजधानी में ध्वनि का स्तर आदर्श स्थिति से ज्यादा बढ़ रहा है. जो कि बिल्कुल सही नहीं है. कहा जा सकता है कि यह स्थिति तब है जब बीते 13 महीने में कोरोना की वजह से यातायात नियंत्रण रहा है. उद्योग धंधे कम चले हैं, लेकिन ध्वनि प्रदूषण का जो ट्रेंड राजधानी में सामने आया है. भविष्य के लिए इसे अलार्म भी कहा जा सकता है. इससे शारीरिक व्याधियां बढ़ने के साथ ही राजधानी के लोगों के स्वभाव के में चिड़चिड़ापन भी आ सकता है. जो पर्यटन किस शहर की सेहत के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है.

Noise pollution higher than standard level Jaipur
पिछले साल की तुलना में बढ़ा ध्वनि प्रदूषण

ईएनटी के डॉक्टर मोहनीश ग्रोवर ने बताया कि ध्वनि प्रदूषण एक बहुत ही गंभीर समस्या बन कर उभर रहा है. दुनिया भर में जो ध्वनि प्रदूषण से ग्रसित मुख्य 10 शहरों में भारत के चार शहर शामिल हैं. डॉक्टर मोहनीश ग्रोवर ने बताया कि ध्वनि प्रदूषण से कान की बीमारी के साथ-साथ, डायबिटीज हार्ट की बीमारियां बढ़ने की संभावना अधिक बढ़ जाती है. इसके साथ ही ध्वनि प्रदूषण से दिमाग पर असर भी पड़ सकता है. ग्रोवर ने बताया कि ध्वनि प्रदूषण से शरीर के हर हिस्से पर इसका असर देखने को मिलता है. इसलिए यह बीमारी है मानव जीवन के लिए काफी गंभीर भी साबित हो रही है.

Last Updated : Apr 19, 2021, 8:50 PM IST
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