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CPC Amendment Bill : मेघवाल बोले- दंड प्रक्रिया संहिता में संशोधन का विरोध पार्टी ने तय नहीं किया, फिर भी मुझ पर उठे सवाल... - Kailash Meghwal clarify on support of CPC amendment bill

राजस्थान विधानसभा में आज पूर्व स्पीकर और वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश मेघवाल ने दंड प्रक्रिया संहिता संशोधन के समर्थन करने का स्पष्टीकरण (Kailash Meghwal clarify on support of CPC amendment bill) दिया. उन्होंने कहा कि संशोधन को इनोसेंट मानकर समर्थन दिया था, लेकिन कहा गया कि पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर मैंने भाषण दिया.

Kailash Meghwal clarify on support of CPC amendment bill
कैलाश मेघवाल ने दंड प्रक्रिया संहिता संशोधन के समर्थन पर दिया स्पष्टीकरण
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Published : Mar 21, 2022, 8:35 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज पूर्व स्पीकर और वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश मेघवाल ने अपनी बात एक स्पष्टीकरण के साथ रखी. उन्होंने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता संशोधन पर जो चर्चा हुई थी, उसको मैंने इनोसेंट मानकर समर्थन किया था. लेकिन अखबार में यह आया कि मेघवाल ने पार्टी लाइन के विरुद्ध जाकर भाषण दिया.

उन्होंने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता संशोधन पर ना तो दिल्ली में हमारी पार्टी में इसका विरोध करने का तय हुआ, ना ही राजस्थान में और ना ही विधायक मंडल में तय हुआ. बावजूद इसके ऐसा सवाल खड़ा हुआ और अखबार में छपा.

कैलाश मेघवाल ने दंड प्रक्रिया संहिता संशोधन के समर्थन पर दिया स्पष्टीकरण

हमारी न्याय व्यवस्था अंग्रेजो से प्रभावित: मेघवाल ने आज राजस्थान विधानसभा में राजस्थान वित्त विधेयक और राजस्थान विनियोग विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए देश के न्यायिक सिस्टम पर सवाल खड़े करते हुए (Kailash Meghwal raised questions judiciary system) इसे अंग्रेजों से प्रभावित बताया. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने अपने शासन के स्थाई रहने की नियत से कानून बनाए. फिर चाहे वह सीआरपीसी हो, सीपीसी हो, एविडेंस एक्ट हो या फिर इंडियन पैनल एक्ट हो. मेघवाल ने कहा कि संविधान सभा में जितने भी लोग बैठे थे, वे ब्रिटिश राज्य पद्धति और ब्रिटिश जुडिशरी सिस्टम से प्रभावित थे. इसी कारण उन्होंने संविधान ऐसा बनाया कि हम हमेशा ब्रिटिश को फॉलो करते रहें.

पढ़ें: जहां कांग्रेस सिकुड़ती गई उन राज्यों में गधे कम होते चले गए, राठौड़ बोले क्या गधों और कांग्रेस का कोई गठजोड़

मेघवाल ने कहा कि छोटा सा यूके है. क्षेत्रफल और जनसंख्या कम है. उसमें हाईकोर्ट अलग-अलग है. एक सुप्रीम कोर्ट है. उसी स्थिति को हम अपने देश में अपनाए हुए हैं. हमारा भी एक सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में है. जबकि सुप्रीम कोर्ट 8 से 10 बनने चाहिए. मेघवाल ने कहा कि सुलभ, सस्ता व त्वरित न्याय तब मिल सकता है जब हम जुडिशरी का विकेंद्रीकरण करें. हाईकोर्ट में ऐसी स्थितियां हैं कि पेंडेंसी बहुत है. ऐसे में चाहे गांव, कस्बे कहीं चले जाएं, हर जगह माफिया है. दुकान खाली करवानी हो, गवाहों को धमकाना हो, हर जगह माफिया विकसित हुआ है.

पढ़ें: रामदरबार की मूर्तियां गिराने का मामला : घटना दुर्भाग्यपूर्ण, लेकिन मामला केंद्र का...इसलिए सदन में नहीं होगी चर्चा : CP जोशी

उन्होंने कहा कि माफिया इसलिए पनपा क्योंकि हमारा ज्यूडिशल सिस्टम फेल हो गया है. उस फेलियर के कारण आम नागरिक अदालतों और न्यायिक प्रणाली से असंतुष्ट हैं. यह असंतोष कैसे दूर किया जाए, यह सोचने का विषय है. यह विषय केंद्र और राज्य दोनों का है. ऐसे में केंद्र और राज्य ऐसी स्थिति पैदा करें कि हम को आगे बढ़ने का मौका मिले.

मेघवाल ने बजट लागू करने का दिया फार्मूला: मेघवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बजट को इंप्लीमेंट करने का फार्मूला भी दिया. उन्होंने कहा कि बजट की बहुत तारीफ हो रही है. लेकिन एक सवाल खड़ा हो रहा है कि लागू कैसे होगा. उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री को प्रशासन के विकेंद्रीकरण का सूत्र बताया. उन्होंने कहा कि किसी भी विषय को टालना हो, तो आयोग और कमेटी बना दो. ऐसे में आपको सत्ता का विकेंद्रीकरण करने की आवश्यकता है. तभी बजट इंप्लीमेंट हो सकेगा.

पढ़ें: डोटासरा ने वैभव गहलोत पर एफआईआर मामले में दी सफाई, कहा- उनके खाते से एक रुपए का भी लेनदेन नहीं हुआ...

एक और तो पूर्व स्पीकर ने दंड प्रक्रिया संहिता संशोधन विधेयक का समर्थन करने पर अपना स्पष्टीकरण दिया. साथ ही उन्होंने दूसरी ओर यह भी कह दिया कि वह सरकार के एससी-एसटी को लेकर सदन में लाए जाने वाले बिल का खुलकर समर्थन करेंगे. आपको बता दें कि विधानसभा में दंड प्रक्रिया संशोधन विधेयक पर जहां भाजपा के बाकी विधायकों ने विरोध में अपनी बात रखी, तो मेघवाल ने इसका समर्थन किया था.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज पूर्व स्पीकर और वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश मेघवाल ने अपनी बात एक स्पष्टीकरण के साथ रखी. उन्होंने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता संशोधन पर जो चर्चा हुई थी, उसको मैंने इनोसेंट मानकर समर्थन किया था. लेकिन अखबार में यह आया कि मेघवाल ने पार्टी लाइन के विरुद्ध जाकर भाषण दिया.

उन्होंने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता संशोधन पर ना तो दिल्ली में हमारी पार्टी में इसका विरोध करने का तय हुआ, ना ही राजस्थान में और ना ही विधायक मंडल में तय हुआ. बावजूद इसके ऐसा सवाल खड़ा हुआ और अखबार में छपा.

कैलाश मेघवाल ने दंड प्रक्रिया संहिता संशोधन के समर्थन पर दिया स्पष्टीकरण

हमारी न्याय व्यवस्था अंग्रेजो से प्रभावित: मेघवाल ने आज राजस्थान विधानसभा में राजस्थान वित्त विधेयक और राजस्थान विनियोग विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए देश के न्यायिक सिस्टम पर सवाल खड़े करते हुए (Kailash Meghwal raised questions judiciary system) इसे अंग्रेजों से प्रभावित बताया. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने अपने शासन के स्थाई रहने की नियत से कानून बनाए. फिर चाहे वह सीआरपीसी हो, सीपीसी हो, एविडेंस एक्ट हो या फिर इंडियन पैनल एक्ट हो. मेघवाल ने कहा कि संविधान सभा में जितने भी लोग बैठे थे, वे ब्रिटिश राज्य पद्धति और ब्रिटिश जुडिशरी सिस्टम से प्रभावित थे. इसी कारण उन्होंने संविधान ऐसा बनाया कि हम हमेशा ब्रिटिश को फॉलो करते रहें.

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मेघवाल ने कहा कि छोटा सा यूके है. क्षेत्रफल और जनसंख्या कम है. उसमें हाईकोर्ट अलग-अलग है. एक सुप्रीम कोर्ट है. उसी स्थिति को हम अपने देश में अपनाए हुए हैं. हमारा भी एक सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में है. जबकि सुप्रीम कोर्ट 8 से 10 बनने चाहिए. मेघवाल ने कहा कि सुलभ, सस्ता व त्वरित न्याय तब मिल सकता है जब हम जुडिशरी का विकेंद्रीकरण करें. हाईकोर्ट में ऐसी स्थितियां हैं कि पेंडेंसी बहुत है. ऐसे में चाहे गांव, कस्बे कहीं चले जाएं, हर जगह माफिया है. दुकान खाली करवानी हो, गवाहों को धमकाना हो, हर जगह माफिया विकसित हुआ है.

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उन्होंने कहा कि माफिया इसलिए पनपा क्योंकि हमारा ज्यूडिशल सिस्टम फेल हो गया है. उस फेलियर के कारण आम नागरिक अदालतों और न्यायिक प्रणाली से असंतुष्ट हैं. यह असंतोष कैसे दूर किया जाए, यह सोचने का विषय है. यह विषय केंद्र और राज्य दोनों का है. ऐसे में केंद्र और राज्य ऐसी स्थिति पैदा करें कि हम को आगे बढ़ने का मौका मिले.

मेघवाल ने बजट लागू करने का दिया फार्मूला: मेघवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बजट को इंप्लीमेंट करने का फार्मूला भी दिया. उन्होंने कहा कि बजट की बहुत तारीफ हो रही है. लेकिन एक सवाल खड़ा हो रहा है कि लागू कैसे होगा. उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री को प्रशासन के विकेंद्रीकरण का सूत्र बताया. उन्होंने कहा कि किसी भी विषय को टालना हो, तो आयोग और कमेटी बना दो. ऐसे में आपको सत्ता का विकेंद्रीकरण करने की आवश्यकता है. तभी बजट इंप्लीमेंट हो सकेगा.

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एक और तो पूर्व स्पीकर ने दंड प्रक्रिया संहिता संशोधन विधेयक का समर्थन करने पर अपना स्पष्टीकरण दिया. साथ ही उन्होंने दूसरी ओर यह भी कह दिया कि वह सरकार के एससी-एसटी को लेकर सदन में लाए जाने वाले बिल का खुलकर समर्थन करेंगे. आपको बता दें कि विधानसभा में दंड प्रक्रिया संशोधन विधेयक पर जहां भाजपा के बाकी विधायकों ने विरोध में अपनी बात रखी, तो मेघवाल ने इसका समर्थन किया था.

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