जयपुर. विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक दल भाजपा की जयपुर शहर इकाई आज भी बे'घर' है. बीते पौने दो साल में जयपुर शहर भाजपा के दो अध्यक्ष बदल गए, लेकिन पार्टी की शहर इकाई को अपना स्थाई ठिकाना अब तक नहीं मिल पाया है. आलम ये है कि पार्टी से जुड़ा कामकाज भी शहर अध्यक्ष के निवास पर ही निपटाया जाता है या फिर बैठक हो तो प्रदेश मुख्यालय का सहारा लिया जाता है. जयपुर शहर अध्यक्ष या उनकी कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के बैठने का कोई व्यवस्थित स्थान नहीं है.
मोहनलाल गुप्ता ने घर से संचालित किया शहर कार्यालय...
वर्तमान में जयपुर शहर भाजपा की कमान सुनील कोठारी के हाथ में है, लेकिन उनसे पहले शहर अध्यक्ष रहे मोहनलाल गुप्ता ने अपना पूरा कार्यकाल अपने घर से ही संचालित करके निकाल दिया. शहर अध्यक्ष के नाते उन्होंने ना तो कोई कार्यालय बनाने के लिए जमीन लेने की हिम्मत दिखाई और ना ही किराए पर कोई कार्यालय लिया. अब सुनील कोठारी का भी यही हाल है. बस अंतर इतना है कि सुनील कोठारी को अब अपनी नई टीम की घोषणा करना है और मौजूदा दौर कोरोना का चल रहा है, जिसमें हर काम वर्चुअल ही होता है.
अधिकतर संगठनात्मक जिलों ने कार्यालय के लिए ली जमीन...
प्रदेश में 44 जिला संगठन इकाइयां हैं, जिनमें से अधिकतर ने पार्टी के आदेश के बाद अपने कार्यालय के लिए जमीन खरीद ली है. जयपुर सहित कुछ जिला इकाई ऐसी है जिन्होंने अब तक जमीन नहीं ली. हालांकि, जयपुर शहर के पिछले शहर अध्यक्ष संजय जैन के कार्यकाल में विद्याधर नगर और उसके आसपास कुछ जमीन देखी गई थी, लेकिन प्रदेश मुख्यालय की स्कीम में होने के कारण और दूरी को देखते हुए वो जमीन आवंटित नहीं कराई गई. तब उन्होंने अपना अधिकतर कार्यकाल प्रदेश भाजपा मुख्यालय के मुख्य द्वार के नजदीक बने कार्यालय में ही निकाल लिया.
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विधानसभा चुनाव के दौरान जब पार्टी के स्तर पर कार्यालय खाली करने का दबाव पड़ा तो उन्होंने सी स्कीम में अपने कार्यालय के लिए ऑफिस किराए पर ले लिया. उसके बाद शहर अध्यक्ष बने मोहन लाल गुप्ता ने पार्टी के कार्यालय को लेकर कोई रुचि नहीं दिखाई. कई महीनों से सुनील कोठारी शहर अध्यक्ष है, लेकिन इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई है.