जयपुर. कोविड-19 की दूसरी लहर में मरीज और उनके परिजन को मेडिकल ऑक्सीजन के लिए भटकना पड़ा. लेकिन अब ऐसी स्थिति न बने इसके लिए यूडीएच और एलएसजी विभाग ने 86 नगरीय निकायों में 131 ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्यादेश जारी किया था. ये सभी ऑक्सीजन प्लांट 1 वर्ष के संचालन और रखरखाव, 2 साल की वारंटी के साथ 2 माह में स्थापित किए जाएंगे.
विभाग ने इन ऑक्सीजन प्लांट को 2 महीने में शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया था. लेकिन अभी आधे भी बनकर तैयार नहीं हो पाए हैं. इसे लेकर एलएसजी सचिव भवानी सिंह देथा ने बताया कि 131 में से कुछ यूडीएच विभाग के भी ऑक्सीजन प्लांट हैं. ऐसे में उनके साथ हर 15 दिन में समीक्षा की जा रही है.
स्वायत्त शासन विभाग के 70 नगरीय निकाय में जहां लगेंगे ऑक्सीजन प्लांट
किशनगढ़-ब्यावर, सुमेरपुर, कोटपुतली, कुचामन सिटी, सोजत सिटी, भीनमाल, निवाई, केकड़ी, फलोदी, लक्ष्मणगढ़, नदबई, जोबनेर में 43 बेड क्षमता और 75 सिलेंडर क्षमता, बालोतरा, हनुमानगढ़, जालौर, झुंझुनू, नागौर, पाली, सीकर में 86 बेड क्षमता और 150 सिलेंडर क्षमता, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, दौसा, डूंगरपुर, टोंक, धौलपुर, झालावाड़-झालरापाटन, मकराना, राजसमंद, सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी, आबूरोड, नाथद्वारा, देवगढ़, महुआ, भवानीमंडी नीमकाथाना, गंगापुर में 57 बेड क्षमता और 100 सिलेंडर क्षमता, निंबाहेड़ा, रतनगढ़, सरदारशहर, नवलगढ़, मेड़ता सिटी, फतेहपुर, देवली, सूरतगढ़, शाहपुरा, रींगस, पिलानी, बामनवास, चाकसू, रतनगढ़, भुसावर, बानसूर, पावटा, किशनगढ़-रेनवाल, बिसाऊ, भिंडर, राजलदेसर, विराटनगर, रतन नगर, टोडाभीम, सार्दुलशहर, चूरु, फतेहनगर-सनवाड़, बिलाड़ा, पदमपुर, फतेहपुर शेखावटी में 29 बेड क्षमता और 50 सिलेंडर क्षमता के प्लांट प्रस्तावित हैं.
नगरीय विकास विभाग की 16 नगरीय इकाई जहां लगेंगे ऑक्सीजन प्लांट
अजमेर, भरतपुर, भीलवाड़ा में 171 बेड क्षमता और 300 सिलेंडर क्षमता, कोटा में 1414 बेड और 2840 सिलेंडर क्षमता, बीकानेर में 229 बेड क्षमता और 400 सिलेंडर क्षमता, जयपुर में 900 बेड क्षमता और 1575 सिलेंडर क्षमता, उदयपुर में 343 बेड क्षमता 600 सिलेंडर क्षमता, अलवर बाड़मेर जैसलमेर में 86 बेड क्षमता और 150 सिलेंडर क्षमता, भिवाड़ी में 43 बेड क्षमता और 75 सिलेंडर क्षमता के प्लांट प्रस्तावित हैं.
एलएसजी सचिव भवानी सिंह देथा ने बताया कि वर्तमान में 50 ऑक्सीजन प्लांट बनकर तैयार हैं, और कुछ दिन में 20 ऑक्सीजन प्लांट बनकर तैयार हो जाएंगे. इसके बाद अगले महीने के अंत तक बचे हुए प्लांट अंतिम रूप लेंगे. उन्होंने बताया कि एक सप्लायर का मसला चल रहा है. जिसका समाधान करने की कोशिश की जा रही है. खास बात ये है कि विभाग ने मरीज तक सीधे ऑक्सीजन पहुंच सके, इसकी व्यवस्था की है. वहीं संभावित तीसरी लहर में भी नगरीय निकाय मास्क वितरण, सैनिटाइजेशन के साथ-साथ जागरूकता का अभियान भी चलाएंगे.
बता दें कि 86 शहरों में राजकीय चिकित्सालय में स्थित 6971 हॉस्पिटल बेड पर प्रतिदिन पाइप के माध्यम से और 12 हज़ार 200 सिलेंडर के माध्यम से ऑक्सीजन पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. हर दिन कुल 121 मेट्रिक टन ऑक्सीजन राजकीय चिकित्सालय को उपलब्ध हो सकेगी.