जयपुर. ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में काम करने वाली सरकारी और निजी कंपनियों के अधिकारियों से कहा है कि वह सोलर एनर्जी को बैटरी के रूप में परिवर्तित करने पर फोकस करें और ऐसा होने पर राजस्थान को उसका बड़ा फायदा मिलेगा. ऊर्जा संरक्षण दिवस के मौके पर विद्युत भवन में हुए पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए कल्ला ने यह बात कही.
समारोह में ऊर्जा बचत के लिए पहल करने वाले संस्थानों का सम्मान किया गया. इनमें सरकारी कार्यालय, उद्योगिक संस्थान, संगठन, होटल्स, थर्मल पावर स्टेशन और जन सामान्य श्रेणी के पुरस्कार वितरित किए गए. इस दौरान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष डॉ. सुबोध अग्रवाल भी मौजूद रहे. इन पुरस्कारों के लिए 110 संस्थानों की ओर से आवेदन किए गए थे, जिनमें से 40 संस्थानों और औद्योगिक समूह का इस वर्ष चयन किया गया है. 17 संस्थानों को पुरस्कार प्रथम श्रेणी और 10 संस्थानों को द्वितीय श्रेणी के और 9 संस्थानों को तृतीय श्रेणी के पुरस्कार दिए गए हैं.
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इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत में डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि राजस्थान बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर है. कल्ला के अनुसार आगामी 3 वर्ष में राजस्थान में 30000 मेगावाट अक्षय ऊर्जा से बिजली उत्पादन का लक्ष्य है, जिनमें से 27000 मेगावाट के प्रोजेक्ट प्रक्रियाधीन हैं. कल्ला ने कहा कि हम चाहते हैं कि प्रदेश में 2 से 3 शहरों को ग्रीन सिटी के रूप में विकसित किया जाए.