जयपुर. खारे पानी की सबसे बड़ी सांभर झील में अतिक्रमण हटाने के लिए अगले महीने में 15 दिन का एक विशेष अभियान चलाया जाएगा. इसमें खारे पानी की चोरी करने के लिए बनाए गए अवैध बोरवेल तोड़ने के साथ ही बिजली कनेक्शन काटने और केबल जब्त करने की भी कार्रवाई की जाएगी. सांभर झील के प्रबंधन के लिए बनी स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में ये फैसला लिया गया है.
हालांकि, अतिक्रमण हटाने के लिए संसाधन मुहैया करवाने की बात पर सांभर साल्ट प्रबंधन और राज्य सरकार के बीच अभी से टकराव देखने को मिल रहा है. स्टैंडिंग कमेटी की बैठक के बाद अजमेर संभागीय आयुक्त वीणा प्रधान ने प्रेस को बताया कि अतिक्रमण हटाने के लिए पांच जेसीबी और स्टाफ सांभर साल्ट प्रबंधन की ओर से मुहैया करवाए जाएंगे.
सांभर साल्ट लिमिटेड (Sambhar Salt Limited) के महाप्रबंधक रामकुमार का कहना है कि सांभर साल्ट की वित्तीय हालात को देखते हुए उनके लिए संसाधन मुहैया करवाना संभव नहीं है. इस बारे में वे उच्चाधिकारियों से बात करेंगे. सांभर झील के प्रबंधन के लिए बनी स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में सांभर झील क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के साथ ही औद्योगिक अपशिष्ट के निस्तारण और झील में आने वाले प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा को लेकर भी चर्चा की गई है.
सांभर झील जयपुर, अजमेर और नागौर जिले में फैली है. इस बैठक में नागौर कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी के साथ ही अजमेर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित, सांभर साल्ट के महाप्रबंधक रामकुमार, अजमेर डिस्कॉम के नागौर अधीक्षण अभियंता आरबी सिंह, नागौर डीएफओ ज्ञानचंद मकवाना के साथ ही अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे.