जयपुर. हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद बीते 7 साल से अधर झूल में लटके मामले पर रविवार को हेरिटेज निगम प्रशासन ने कार्रवाई की है. गोविंद देव जी मंदिर परिसर के अंदर और बाहर अतिक्रमण के खिलाफ (Encroachment removed from Govind Dev Ji temple premises) िगम प्रशासन का डंडा रविवार को चल ही गया. यहां अवैध से रूप से चल रही करीब 35 दुकानों (35 shops removed Govind Dev Ji temple) को हटाया गया है. हालांकि इससे पहले इन दुकानों का सर्वे कर दुकानदारों को कियोस्क देकर मंदिर से करीब 50 मीटर की दूरी पर ही पुनर्वासित भी किया गया है.
जयपुर में प्रसिद्ध गोविंद देव जी मंदिर परिसर में रविवार को नगर निगम का जेसीबी जमकर गरजा. यहां हेरिटेज निगम की विजिलेंस टीम हवामहल-आमेर जोन और पुलिस प्रशासन ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए मंदिर परिसर में अवैध रूप से बनी 35 दुकानों को हटा दिया है. इनके अलावा 6 दुकानों को सील कर दिया.
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हेरिटेज निगम विजिलेंस उपायुक्त इस्लाम खान ने बताया कि वर्ष 2009 में एक सिविल रिट याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच ने गोविंद देव मंदिर परिसर के इस क्षेत्र को सार्वजनिक मानते हुए मुख्य प्रवेश द्वार के अंदर और बाहर बनी दुकानों को अवैध माना था. इस अतिक्रमण को हटाने के आदेश 2014 में दिए गए थे. तभी से ये प्रकरण लंबित था. हालांकि अब इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है.
वहीं हवामहल-आमेर जोन उपायुक्त दिलीप शर्मा ने बताया कि पहले इन दुकानों को पुनर्वासित किया गया. इन्हें 50 मीटर नजदीक में ही कियोक्स आवंटित किए गए और उसके बाद समझाइश कर सामान हटाने को कहा गया था, लेकिन रविवार को जब भारी पुलिस बल यहां पहुंचा तब दुकानदारों ने अपना सामान शिफ्ट करना शुरू किया.
कार्रवाई के दौरान जलेब चौक की तरफ के मुख्य प्रवेश द्वार पर बेरिकेड्स और पुलिस बल को तैनात कर आम लोगों की आवाजाही रोक दी गई. जिन दुकानदारों को कियोस्क आवंटित हो चुके हैं, उनका सामान निगम के संसाधनों से ही कियोस्क तक भी पहुंचाया गया.