जयपुर. राजधानी में रोडवेज कर्मचारियों ने बस डिपो बंद करने और मर्ज करने का विरोध जताया है. रोडवेज कर्मचारियों के मुताबिक प्रशासन ने जिले के विद्याधर नगर डिपो को बंद करने का विचार किया है. जिसके खिलाफ कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है. इसी को लेकर रोडवेज के हजारों कर्मचारियों ने रोडवेज मुख्यालय पहुंचकर प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
रोडवेज कर्मचारी यूनियन का कहना है कि रोडवेज प्रबंधन यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने वाले विद्याधर नगर डिपो के साथ ही और भी कई डिपो को मर्ज करने और बंद करने की तैयारी कर रहा है. रोडवेज के श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा के बैनर तले विरोध प्रदर्शन कर प्रशासन से निर्णय को वापस लेने की मांग की है.
वहीं रोडवेज यूनियन एटक के प्रदेश अध्यक्ष एमएल यादव ने बताया कि राजस्थान के अलग-अलग जिलों में रोडवेज के डिपो बने हुए हैं. जयपुर के विद्याधर नगर में भी रोडवेज का डिपो है. यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए 30 साल पहले डिपो बनाया गया था. विद्याधर नगर डिपो ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बेहतर रोडवेज सेवाएं दे रहा है. रोडवेज के टारगेट पूरे करके विद्याधर नगर डिपो की अच्छी परफॉर्मेंस रही है. अब रोडवेज प्रबंधन विद्याधर नगर डिपो के 56 शेड्यूल को दूसरे डिपो में शिफ्ट करने की तैयारी कर रहा है. पूरे शेड्यूल दूसरे डिपो में ट्रांसफर होने के बाद डिपो भी बंद हो जाएगा.
डिपो के बंद होने से यात्रियों पर दुष्प्रभाव पड़ेगा. इसके साथ ही अन्य कई डिपो को भी प्रशासन मर्ज करने की तैयारी कर रहा है. इस तरह के प्रयास से रोडवेज सिकुड़ती चली जाएगी. प्रबंधन डिपो को बंद करने की दिशा में जा रहा है, जिसका कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. यूनियन के 6 संगठनों का संयुक्त मोर्चा एक साथ मिलकर प्रबंधन की इस नीति का विरोध कर रहा है. रोडवेज यूनियन ने इस निर्णय को वापस लेने की मांग की है. रोडवेज प्रशासन को कर्मचारियों की बात भी सुननी चाहिए. प्रशासन अकेले अपने स्तर पर जो फैसला ले रहा है वह ठीक नहीं है.
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साथ ही राजस्थान वर्कर्स यूनियन सीटू के महासचिव किशन सिंह राठौड़ ने बताया कि पूर्व बीजेपी सरकार के कार्यकाल में भी कर्मचारियों ने अपनी मांगों के लिए आंदोलन किए थे. उस समय कांग्रेस के बड़े नेताओं ने आश्वासन दिया था कि रोडवेज कर्मचारियों की मांगे पूरी की जाएंगी. लेकिन कांग्रेस सरकार आने के बाद भी कर्मचारियों की मांगे पूरी नहीं हुईं.
उन्होंने कहा कि सवाल केवल विद्याधर नगर डिपो का ही नहीं है बल्कि पूरे राजस्थान में 52 डिपो हैं. अगर इसी तरह एक-एक करके डिपो बंद किए जाएंगे तो आने वाले समय में केवल 25 डिपो ही रह जाएंगे. डिपो को बंद करने का निर्णय गलत है. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में रोडवेज का विस्तार करने का वादा किया था लेकिन अब उसका उल्टा हो रहा है. अगर डिपो बंद करने के इस निर्णय को वापस नहीं लिया गया तो रोडवेज के कर्मचारी बड़ा आंदोलन करेंगे.