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जयपुर: शिक्षा मंत्री के 'नाथी का बाड़ा' बयान को लेकर कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की तरफ से मिलने आये शिक्षकों को कहे गये नाथी का बाड़ा बयान पर सोमवार को अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत की ओर से आक्रोश जताया गया. कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की और जमकर नारेबाजी की.

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Published : Apr 12, 2021, 8:20 PM IST

govind singh dotasara,  naathi ke baada
गोविंद सिंह डोटासरा के खिलाफ प्रदर्शन

जयपुर. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की ओर से शिक्षकों को कहे गए नाथी का बाड़ा बयान को लेकर अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत की ओर से आक्रोश जताया गया. कर्मचारियों ने डोटासरा का पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी की. प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में कर्मचारी गवर्नमेंट प्रेस स्थित कार्यालय से रवाना होकर शहीद स्मारक जाने वाले थे लेकिन कार्यक्रम की जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में पुलिस कार्यालय पहुंच गई और कर्मचारियों को शहीद स्मारक नहीं जाने दिया.

पढे़ं: डोटासरा से शिक्षकों की नोकझोंक के बाद बड़ा फैसला, शिक्षक संगठनों को गिरदावरी कर दी जाएगी मान्यता

जिसके बाद कर्मचारियों ने डोटासरा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके बाद कर्मचारियों ने कार्यालय के मुख्य गेट पर ही डोटासरा के खिलाफ नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन किया. मीडिया से बात करते हुए गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि शिक्षा मंत्री का खुद का जन्म एक शिक्षक परिवार में हुआ है, इसके बावजूद उन्होंने शिक्षकों का अपमान किया. इस तरह से शिक्षकों का अपमान राजस्थान का कर्मचारी सहन नहीं करेगा.

शिक्षा मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन

राठौड़ ने कहा कि जब चुनाव प्रचार में नेता जाते हैं तो किसी की भी अनुमति लेकर नहीं जाते फिर शिक्षकों को मंत्री से मिलने के लिए अनुमति के लिए क्यों कहा गया. यदि कर्मचारी या संगठन के पास कोई नेता वोट मांगने जाता है तो उसे जरूर पूछें कि उसने अनुमति ली है या नहीं. राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक से शिक्षा मंत्री का इस्तीफा लेने और बर्खास्त करने की मांग की. राठौड़ ने कहा कि 15 अप्रैल को सभी जिलों में संगठन की ओर से शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका जाएगा.

संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुलदीप यादव ने कहा कि कर्मचारियों का इस तरह से अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आज पहली चिंगारी थी और जब तक मंत्री डोटासरा को बर्खास्त नहीं किया जाता है तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा. मंत्री के घर में सरकार की ओर से सुविधाएं दी गई हैं. घर में सरकारी तंत्र लगाया हुआ है इसलिए किसी भी फरियादी को वहां जाने की इजाजत है. इसके बावजूद भी शिक्षकों को घर आने पर अपमानित किया गया.

राजस्थान शिक्षक एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष हरपाल दादरवाल ने बताया कि डोटासरा की विधानसभा क्षेत्र लक्ष्मणगढ़ को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं और कई बार इसे लेकर प्रदर्शन भी किया गया है. उनके द्वारा 8 दिन का आमरण अनशन भी किया गया. इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया और मंत्री ने उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई है. उन्होंने कहा कि मंत्री को बर्खास्त नहीं करने तक कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहेगा.

जयपुर. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की ओर से शिक्षकों को कहे गए नाथी का बाड़ा बयान को लेकर अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत की ओर से आक्रोश जताया गया. कर्मचारियों ने डोटासरा का पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी की. प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में कर्मचारी गवर्नमेंट प्रेस स्थित कार्यालय से रवाना होकर शहीद स्मारक जाने वाले थे लेकिन कार्यक्रम की जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में पुलिस कार्यालय पहुंच गई और कर्मचारियों को शहीद स्मारक नहीं जाने दिया.

पढे़ं: डोटासरा से शिक्षकों की नोकझोंक के बाद बड़ा फैसला, शिक्षक संगठनों को गिरदावरी कर दी जाएगी मान्यता

जिसके बाद कर्मचारियों ने डोटासरा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके बाद कर्मचारियों ने कार्यालय के मुख्य गेट पर ही डोटासरा के खिलाफ नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन किया. मीडिया से बात करते हुए गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि शिक्षा मंत्री का खुद का जन्म एक शिक्षक परिवार में हुआ है, इसके बावजूद उन्होंने शिक्षकों का अपमान किया. इस तरह से शिक्षकों का अपमान राजस्थान का कर्मचारी सहन नहीं करेगा.

शिक्षा मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन

राठौड़ ने कहा कि जब चुनाव प्रचार में नेता जाते हैं तो किसी की भी अनुमति लेकर नहीं जाते फिर शिक्षकों को मंत्री से मिलने के लिए अनुमति के लिए क्यों कहा गया. यदि कर्मचारी या संगठन के पास कोई नेता वोट मांगने जाता है तो उसे जरूर पूछें कि उसने अनुमति ली है या नहीं. राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक से शिक्षा मंत्री का इस्तीफा लेने और बर्खास्त करने की मांग की. राठौड़ ने कहा कि 15 अप्रैल को सभी जिलों में संगठन की ओर से शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका जाएगा.

संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुलदीप यादव ने कहा कि कर्मचारियों का इस तरह से अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आज पहली चिंगारी थी और जब तक मंत्री डोटासरा को बर्खास्त नहीं किया जाता है तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा. मंत्री के घर में सरकार की ओर से सुविधाएं दी गई हैं. घर में सरकारी तंत्र लगाया हुआ है इसलिए किसी भी फरियादी को वहां जाने की इजाजत है. इसके बावजूद भी शिक्षकों को घर आने पर अपमानित किया गया.

राजस्थान शिक्षक एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष हरपाल दादरवाल ने बताया कि डोटासरा की विधानसभा क्षेत्र लक्ष्मणगढ़ को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं और कई बार इसे लेकर प्रदर्शन भी किया गया है. उनके द्वारा 8 दिन का आमरण अनशन भी किया गया. इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया और मंत्री ने उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई है. उन्होंने कहा कि मंत्री को बर्खास्त नहीं करने तक कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहेगा.

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