जयपुर. राजस्थान में अब एक्सचेंज के जरिए महंगी बिजली खरीदकर लाखों करोड़ों रुपए लुटाने का खेल बंद (break on expensive power purchase) हो जाएगा. केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग ने महंगी बिजली खरीद पर लगाम लगाई है आयोग ने बाजार (एक्सचेंज) से अधिकतम 12 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली खरीद तय कर दी है. मतलब बिजली और कोयला संकट के नाम पर बाजार से अब ज्यादा महंगी बिजली की खरीद नहीं हो पाएगी.
केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (Electricity Regulatory commission) के आदेश को इंडियन एनर्जी एक्सचेंज ने प्रभावी कर दिया है इस आदेश का सीधा असर राजस्थान के 1.48 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं पर भी होगा (Demand of electricity in Rajasthan) वो इसलिए क्योंकि महंगी बिजली का बोझ आखिरकार बिजली उपभोक्ता पर पड़ता है. जो उसके बिलों (Electricity Bill In Rajasthan) में ही जोड़ कर दिया जाता है. आदेश के प्रभावी होने से एक्सचेंज में बिजली खरीद अधिकतम 12 रुपये प्रति यूनिट तक की जा सकती है. इससे ज्यादा दर पर न तो बिजली बेची जा सकेगी और न ही खरीद पाएंगे.
राजस्थान में पिछले वर्ष 3 माह में एक्सचेंज से 706 करोड़ की बिजली खरीदी: राजस्थान में कोयला संकट के दौरान राजस्थान ऊर्जा विकास निगम ने पिछले साल 3 महीनों में एक्सचेंज से 706 करोड़ रुपए की बिजली खरीदी मतलब इस दौरान 20 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली की खरीद की गई थी. जबकि सामान्य तौर पर औसतन 4 से 5 प्रति यूनिट बिजली खरीद रहती है. पिछले साल जुलाई में ऊर्जा विकास निगम ने 25.44 करोड़ यूनिट बिजली खरीद 75.04 करोड़ों रुपए में की थी वहीं अगस्त में 77.70 करोड़ यूनिट बिजली की खरीद 484.13 करोड़ रुपयों में की गई. इसके बाद सितंबर माह में 41.37 करोड़ यूनिट बिजली की खरीद 146.88 करोड़ रुपए में की थी.: