जयपुर. प्रदेश में कोयले की कमी से चल रहे बिजली संकट के बीच झालावाड़ से राहत की खबर आई है. झालावाड़ के कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की 600 मेगावाट की पहली यूनिट से आज बिजली उत्पादन शुरू हो गया है. आज तड़के कोयले की एक रैक पहुंचने के बाद थर्मल प्रशासन ने पहली यूनिट को सिंक्रोनाइज कर दिया है.
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गौरतलब है कि शनिवार शाम को थर्मल प्रशासन को कोयले की रैक मिलने की सूचना मिलने के बाद थर्मल प्रशासन ने पहली यूनिट को लाइटअप कर दिया था. इसके बाद पहली यूनिट को सिंक्रोनाइज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी और आज सुबह जैसे ही थर्मल में कोयले की रैक पहुंची उसके बाद थर्मल प्रशासन ने विद्युत उत्पादन शुरू कर दिया. ऐसे में बिजली की कमी से जूझ रहे प्रदेश को काफी राहत मिलने की उम्मीद है.
600 मेगावाट की कालीसिंध थर्मल की पहली यूनिट के शुरू हो जाने से प्रदेश को बिजली उत्पादन में काफी राहत मिलेगी, तो वहीं थर्मल प्रशासन ने जल्द ही आज दोपहर तक कोयले की एक और रैक मिलने की भी उम्मीद जताई है.
थर्मल प्रशासन का कहना है कि यदि इसी तरह नियमित रूप से कोयले की रैक पहुंचती रही तो जल्द ही थर्मल की दूसरी यूनिट भी शुरू कर दी जाएगी. कालीसिंध थर्मल की पहली यूनिट से विद्युत उत्पादन शुरू हो जाने से थर्मल प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों में भी खुशी की लहर है.
बता दें कि झालावाड़ के कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की पहली इकाई 11 अगस्त को और दूसरी इकाई 16 अगस्त को कोयले की कमी के कारण बंद हो गई थी. बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ की पारसा और कांटा ईस्ट की कंपनियों से 3500 करोड़ का बकाया चल रहा है, जिसकी वजह से कोयला खदान संचालकों ने झालावाड़ के कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट में कोयले की सप्लाई बंद कर दी थी.
राजे ने गहलोत सरकार पर साधा था निशाना
वहीं, शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने मौजूदा सरकार निशाना साधते हुए कहा था कि कुप्रबंधन के कारण प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती हो रही है. जिसकी वजह से किसानों के सामने संकट गहरा गया है. वसुंधरा राजे ने कहा था कि गांवों में ही नहीं बिजली कटौती से शहरों में भी लोग परेशान है. सबसे बड़ा सूरतगढ़ सुपर थर्मल पॉवर प्लांट ठप हो गया है. वहां कोल रैक नहीं मिलने के कारण 250-250 मेगावाट की सभी 6 इकाइयां बंद हो गई हैं. इसके अलावा भी कई बिजली घर बंद है और कई बंद होने की स्थिति में हैं. प्रदेश में विद्युत संकट पैदा हो गया है. प्रदेश की जिम्मेदारी है कि वो लोगों को पर्याप्त बिजली दे.
राजे ने कहा था कि राज्य सरकार कोयले का भुगतान नहीं कर रही इसलिए कोयला मिलना बंद हो गया. इससे बिजली उत्पादन खासा प्रभावित हुआ है. जबकि हमारे समय में कोयले का समय पर भुगतान होता था. इसलिये कोयले की कमी नहीं रहती थी.