जयपुर. प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 में 37 नई नगर पालिकाओं (Elections will not be held till the OBC reservation is decided) का गठन किया गया है. जिनमें बड़ी ग्राम पंचायतों के सरपंच ही चेयरमैन का काम देख रहे हैं. लेकिन इन नई नगरपालिकाओं में चुनाव कराना संभव नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते राज्य सरकार को पहले इन नगर पालिकाओं में ओबीसी आरक्षण तय करना होगा. इसके बाद ही चुनाव कराए जा सकते हैं.
राज्य सरकार ने अपनी बजट घोषणा के अनुसार वर्ष 2021-22 में 17 नगरपालिका का गठन कर इनका वार्ड परिसीमन कराया. लेकिन इन नगर पालिकाओं में चुनाव कराने को लेकर राज्य सरकार के हाथ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते बंधे हुए हैं. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों नगर पालिकाओं में ओबीसी आरक्षण तय करने के आदेश दिए थे. कोर्ट के आदेश में साफ कहा गया कि एक अलग डेडीकेटेड कमीशन बनाकर नगर पालिकाओं में ओबीसी आरक्षण तय किया जाए. इस बीच राज्य सरकार ने वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा के अनुसार 20 नगरपालिकाओं का और गठन कर दिया. अब राज्य सरकार के सामने इन 37 नगर पालिकाओं में चुनाव कराने की चुनौती है. इसे ध्यान में रखते हुए डीएलबी ने सरकार को ओबीसी कमीशन बनाने के संबंध में पत्रावली भेज रखी है. जिससे ओबीसी आरक्षण तय किया जा सके. इस संबंध में डीएलबी उपविधि परामर्शी संजय माथुर ने बताया कि प्रदेश में जो नई नगरपालिकाएं बनी हैं. उनमें ओबीसी का आरक्षण निर्धारित नहीं है.
इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट का एक डायरेक्शन आया है. जिसमें एक डेडीकेटेड कमीशन बनाना है. जो निर्धारित करेगा कि ओबीसी को कितना रिजर्वेशन देना है. इस संबंध में उच्च स्तर पर पत्रावली अनुमोदन के लिए प्रेषित की हुई है. जैसे ही डेडीकेटेड कमीशन के संबंध में निर्देश प्राप्त होंगे, उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी. उसी के अनुसार वार्डों का परिसीमन और आरक्षण तय होगा. उन्होंने बताया कि बीते दिनों 17 नगर पालिकाओं के वार्ड परिसीमन तो करा लिया गया, लेकिन वहां आरक्षण निर्धारित नहीं हो पाया है. इसलिए वार्ड परिसीमन पर भी रोक लगा दी है. जहां तक बात एसटी/एससी आरक्षण की है तो उसका आरक्षण जनसंख्या के आधार पर निर्धारित कर दिया जाता है. बता दें कि नई नगर पालिकाओं में कुछ में बड़ी ग्राम पंचायतों के निर्वाचित सरपंच को अध्यक्ष बनाया गया है. कुछ में प्रशासक लगाए गए हैं. जबकि हाल ही में गठित करीब 17 नगर पालिकाओं में अध्यक्ष पद प्रक्रियाधीन है.