जयपुर. नगर निगम चुनाव में प्रत्याशी चयन के बाद उठे विवाद के बीच अब बीजेपी से जुड़े कई लोगों ने निर्दलीय के रूप में चुनावी मैदान में ताल ठोक दी है. जयपुर नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर के वार्डों की बात की जाए तो यह संख्या करीब 300 है. हालांकि नगर निगम ग्रेटर के चुनाव सह प्रभारी रामलाल शर्मा की माने तो रूठों को वापस मना लिया जाएगा. शर्मा के अनुसार विधायकों में भी अब किसी प्रकार की कोई नाराजगी नहीं है.
रामलाल शर्मा ने कहा कि अब विधायकों में भी कोई नाराजगी नहीं है. उन्होंने जयपुर से जुड़े सभी विधायकों द्वारा बीजेपी मुख्यालय आकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से चर्चा होने की बात भी कही. इस दौरान पार्टी द्वारा तय किए गए प्रत्याशियों को जिताकर लाने की सहमति भी बनी. शर्मा के अनुसार विधायक एकजुट हैं और प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव में जुट गए हैं.
यह भी पढ़ें: टिकट को लेकर तकरार पर बोले पूनिया, कहा- बीजेपी लोकतांत्रिक पार्टी और ये लोकतंत्र का हिस्सा है
टिकट काटे नहीं कुछ कारणों से बदले
बीजेपी प्रत्याशियों की घोषणा के बाद नामांकन के दिन बीजेपी ने जयपुर नगर निगम में 10 प्रत्याशियों को बदल दिया, जिसमें नगर निगम ग्रेटर के साथ प्रत्याशियों के नाम भी शामिल हैं. चुनाव प्रभारी रामलाल शर्मा कहते हैं कि प्रत्याशियों को बदलने के पीछे कोई बड़ा कारण नहीं रहा. हालांकि जो जानकारी दी गई है उसके साथ यह भी सौ फीसदी सच है कि टिकट बदलने के पीछे राजनीतिक दबाव भी था. जो संबंधित विधायक या विधायक प्रत्याशियों की ओर से संगठन पर बनाया गया था.
यह भी पढ़ें: चितौड़गढ़: हुक्का पानी बंद करने वाली खाप पंचायत के 21 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
एक भी बीजेपी कार्यकर्ताओं को नहीं होने देंगे दूर
रामलाल शर्मा ने कहा कि हम बीजेपी के किसी भी कार्यकर्ताओं को अपने से दूर नहीं होने देंगे और न ही निर्दलीय चुनाव लड़ने देंगे. शर्मा के अनुसार हमने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है. ऐसे में नाराज कार्यकर्ताओं से चर्चा भी चल रही है और उन्हें मनाकर वापस पर्चा लेने के लिए मना लिया जाएगा. बातचीत के दौरान रामलाल शर्मा ने यह भी कहा कि नगर निगम चुनाव में भले ही सरकार ने हाईब्रिड फार्मूला लगाया हो, लेकिन बीजेपी लोकतांत्रिक पार्टी है और बीजेपी का महापौर चुने हुए पार्षदों में से ही बनेगा.