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54 में 37 सीट जीतने का असर, आधे मंत्रियों के साथ गहलोत मंत्रिमंडल में पूर्वी राजस्थान का दबदबा...

राजस्थान में गहलोत मंत्रिमंडल में पूर्वी राजस्थान (East Rajasthan) का दबदबा साफ तौर पर दिखाई दिया. 30 में से 14 मंत्री पूर्वी राजस्थान के 14 जिलों से आते हैं. इन 14 में से 10 कैबिनेट मंत्री हैं...

East Rajasthan Dominates in Gehlot Cabinet
जाहिदा खान और रमेश मीणा
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Published : Nov 24, 2021, 10:58 PM IST

जयपुर. इस बार पूर्वी राजस्थान के 7 जिलों की 54 विधानसभा सीटों में से 37 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. यही कारण है कि जब गहलोत मंत्रिमंडल (Gehlot Cabinet Reshuffle) का पुनर्गठन हुआ है तो उसमें पूर्वी राजस्थान को साधने का प्रयास किया गया है.

दरअसल, पूर्वी राजस्थान में जयपुर दौसा, सवाई माधोपुर, करौली, भरतपुर और अलवर जिले आते हैं. इन सभी सातों जिलों में 54 विधानसभा सीटें हैं और विधानसभा चुनाव में 37 कांग्रेस विधायक हैं. इन 37 विधायकों में से 14 विधायकों को मंत्री पद (Ministers of Gehlot Cabinet) से नवाजा गया है.

सवाई माधोपुर और धौलपुर को नहीं मिली तवज्जो, 7 में से 5 जिलों से 14 मंत्री...

भले ही पूर्वी राजस्थान को इस बार कांग्रेस पार्टी ने मंत्रिमंडल में जमकर स्थान दिया है, लेकिन 7 जिलों में से 2 जिले धौलपुर और सवाई माधोपुर पीछे रह गए हैं. जबकि सवाई माधोपुर में चार में से तीन विधायक और धौलपुर में 4 में से 3 विधायक कांग्रेस पार्टी के हैं. सवाई माधोपुर और धौलपुर को छोड़ दिया जाए तो अलवर में कांग्रेस की 11 में से 7 विधायक हैं. इनमें से शकुंतला रावत और टीकाराम जूली को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.

गहलोत के इन मंत्रियों ने क्या कहा...

करौली में सभी चार विधायक (Congress MLA) कांग्रेस के हैं. यहां से रमेश मीणा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. दौसा में 5 में से चार विधायक कांग्रेस के हैं तो यहां से परसादी लाल मीणा और ममता भूपेश को कैबिनेट मंत्री, जबकि मुरारी लाल मीणा को राज्यमंत्री बनाया गया है. जयपुर में 19 में से 10 विधायक कांग्रेस के हैं. इनमें से लालचंद कटारिया, महेश जोशी और प्रताप सिंह कैबिनेट मंत्री और राजेंद्र यादव राज्य मंत्री हैं.

पढ़ें : Power Show Preparation : राजस्थान में राजपूत समाज के बड़े शक्ति प्रदर्शन की तैयारी, यहां साथ आए भाजपा-कांग्रेस के दिग्गज

इसी तरीके से भरतपुर की 7 में से 6 सीटें कांग्रेस ने जीती, जबकि एक सीट कांग्रेस अलायंस आरएलडी के पास है. भरतपुर जिले से विश्वेंद्र सिंह और भजन लाल जाटव कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं तो डॉक्टर सुभाष गर्ग और जाहिदा खान राज्य मंत्री बने हैं.

परंपरागत कांग्रेस बाहुल्य क्षेत्र को प्राथमिकता तो साथ ही उत्तर प्रदेश चुनाव का भी असर...

पूर्वी राजस्थान को प्रतिनिधित्व देने का कारण कांग्रेस पार्टी के लिए साफ है कि यह कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक वाला क्षेत्र है. इस बार ही नहीं, बल्कि विपक्ष में रहते हुए जब कांग्रेस को केवल 21 विधानसभा सीट पर जीत मिली, तब भी पूर्वी राजस्थान से ही कांग्रेस के विधायक चुनाव में जीते थे. इसके साथ ही अलवर, धौलपुर, करौली, भरतपुर जिलों से सटे यूपी के दक्षिण पश्चिम जिले मथुरा, मैनपुरी, एटा और आगरा में भी पार्टी इन मंत्रियों के जरिए उत्तर प्रदेश चुनाव पर असर डालना चाहती है.

जयपुर. इस बार पूर्वी राजस्थान के 7 जिलों की 54 विधानसभा सीटों में से 37 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. यही कारण है कि जब गहलोत मंत्रिमंडल (Gehlot Cabinet Reshuffle) का पुनर्गठन हुआ है तो उसमें पूर्वी राजस्थान को साधने का प्रयास किया गया है.

दरअसल, पूर्वी राजस्थान में जयपुर दौसा, सवाई माधोपुर, करौली, भरतपुर और अलवर जिले आते हैं. इन सभी सातों जिलों में 54 विधानसभा सीटें हैं और विधानसभा चुनाव में 37 कांग्रेस विधायक हैं. इन 37 विधायकों में से 14 विधायकों को मंत्री पद (Ministers of Gehlot Cabinet) से नवाजा गया है.

सवाई माधोपुर और धौलपुर को नहीं मिली तवज्जो, 7 में से 5 जिलों से 14 मंत्री...

भले ही पूर्वी राजस्थान को इस बार कांग्रेस पार्टी ने मंत्रिमंडल में जमकर स्थान दिया है, लेकिन 7 जिलों में से 2 जिले धौलपुर और सवाई माधोपुर पीछे रह गए हैं. जबकि सवाई माधोपुर में चार में से तीन विधायक और धौलपुर में 4 में से 3 विधायक कांग्रेस पार्टी के हैं. सवाई माधोपुर और धौलपुर को छोड़ दिया जाए तो अलवर में कांग्रेस की 11 में से 7 विधायक हैं. इनमें से शकुंतला रावत और टीकाराम जूली को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.

गहलोत के इन मंत्रियों ने क्या कहा...

करौली में सभी चार विधायक (Congress MLA) कांग्रेस के हैं. यहां से रमेश मीणा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. दौसा में 5 में से चार विधायक कांग्रेस के हैं तो यहां से परसादी लाल मीणा और ममता भूपेश को कैबिनेट मंत्री, जबकि मुरारी लाल मीणा को राज्यमंत्री बनाया गया है. जयपुर में 19 में से 10 विधायक कांग्रेस के हैं. इनमें से लालचंद कटारिया, महेश जोशी और प्रताप सिंह कैबिनेट मंत्री और राजेंद्र यादव राज्य मंत्री हैं.

पढ़ें : Power Show Preparation : राजस्थान में राजपूत समाज के बड़े शक्ति प्रदर्शन की तैयारी, यहां साथ आए भाजपा-कांग्रेस के दिग्गज

इसी तरीके से भरतपुर की 7 में से 6 सीटें कांग्रेस ने जीती, जबकि एक सीट कांग्रेस अलायंस आरएलडी के पास है. भरतपुर जिले से विश्वेंद्र सिंह और भजन लाल जाटव कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं तो डॉक्टर सुभाष गर्ग और जाहिदा खान राज्य मंत्री बने हैं.

परंपरागत कांग्रेस बाहुल्य क्षेत्र को प्राथमिकता तो साथ ही उत्तर प्रदेश चुनाव का भी असर...

पूर्वी राजस्थान को प्रतिनिधित्व देने का कारण कांग्रेस पार्टी के लिए साफ है कि यह कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक वाला क्षेत्र है. इस बार ही नहीं, बल्कि विपक्ष में रहते हुए जब कांग्रेस को केवल 21 विधानसभा सीट पर जीत मिली, तब भी पूर्वी राजस्थान से ही कांग्रेस के विधायक चुनाव में जीते थे. इसके साथ ही अलवर, धौलपुर, करौली, भरतपुर जिलों से सटे यूपी के दक्षिण पश्चिम जिले मथुरा, मैनपुरी, एटा और आगरा में भी पार्टी इन मंत्रियों के जरिए उत्तर प्रदेश चुनाव पर असर डालना चाहती है.

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