जयपुर. राजस्थान में अब बच्चों की स्कूल ड्रेस में बदलाव कर दिया गया है. इस मामले पर बोलते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ है कि स्कूल ड्रेस चेंज हुई हो. जब-जब शासन बदला है तब-तब स्कूल ड्रेस बदलती रही है. यह कोई पहली बार नहीं हुआ है.
डोटासरा ने कहा कि भाजपा का जब शासन आया तो दो वर्गों में बांटने के लिए जानबूझकर इस तरीके की ड्रेस का चयन किया गया जो बच्चे पसंद नहीं करते हैं. जब बच्चों का और अभिभावकों का यह रुझान सामने आया तो हमने एक कमेटी बनाई. कमेटी जांच कर बताएं कि क्या हमें यह ड्रेस बदलनी चाहिए. साथ ही इसमें लोगों की क्या राय है, यह भी पता की गई. इसमें अभिभावकों की और बच्चों की यह राय थी कि यह ड्रेस बदली जानी चाहिए.
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वहीं, कोरोना काल में ड्रेस बदलने पर बच्चों पर पड़ने वाले आर्थिक भार को लेकर उन्होंने कहा कि अगर कोई फीडबैक आता है कि किसी के पास पुरानी ड्रेस है और वह सिलाने की स्थिति में नहीं है तो सरकार इस पर भी विचार करेगी. लेकिन ड्रेस बदलना कोई भार बढ़ने की बात नहीं है क्योंकि जिस बच्चे को ड्रेस चाहिए वह तो नई ड्रेस बनाएगा ही.
निःशुल्क ड्रेस देने को लेकर डोटासरा ने कहा कि हमने केंद्र सरकार की ओर से पीएबी प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड को लिखा था, उसमें बच्चों को निशुल्क ड्रेस के लिए 60 फीसदी केंद्र सरकार देती है और 40 फीसदी राज्य सरकार देती है. अगर केंद्र सरकार 60 फीसदी दे दें तो राज्य सरकार 40 फीसदी बच्चों को निशुल्क ड्रेस के लिए देने के लिए तैयार है. हालांकि, रंग को लेकर उन्होंने कहा कि अभी रंग फाइनल नहीं हुआ है. रंग वही होगा जो कमेटी तय करेगी.
वहीं, हाईकोर्ट के स्कूलों की फीस को लेकर दिए गए निर्णय पर शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने कहा कि हाईकोर्ट ने अभी अंतरिम निर्णय लिया है, फाइनल डिसीजन नहीं दिया है. हाईकोर्ट ने यह कहा है कि 70 फीसदी ही ट्यूशन शुल्क आप ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि जो ऑनलाइन एजुकेशन देते हैं, वह ऑनलाइन एजुकेशन का ही पैसा ले सकते हैं.