जयपुर. प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने निजी स्कूल संचालकों को स्कूल खुलने तक फीस नहीं लेने के निर्देश दिए हैं. निजी स्कूल और अभिभावकों के बीच फीस को लेकर मचे बवाल के बीच शिक्षा विभाग से आए आदेश ने अभिभावकों को राहत दी. वहीं, अब निजी स्कूल संचालकों ने सरकार से आर्थिक राहत पैकेज की मांग की है.
कोरोना संक्रमण काल में राज्य सरकार ने 3 महीने तक निजी विद्यालयों की ओर से विद्यार्थियों से फीस नहीं लेने के निर्देश दिए थे. साथ ही किसी छात्र का नाम विद्यालय की ओर से नहीं काटा जाए, इसको लेकर सख्त हिदायत दी गई थी. शिक्षा विभाग ने अब इस आदेश को स्कूल खुलने तक आगे बढ़ाया है. इस संबंध में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने पहले ट्वीट कर जानकारी भी सार्वजनिक की. उन्होंने कहा कि फिलहाल अभिभावकों को राहत देते हुए फीस वसूली पर रोक लगाई गई है. स्कूल खुलने से पहले इस संबंध में विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी जाएगी.
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आदेश जारी हो चूका है | https://t.co/CXlsrPY3Tp pic.twitter.com/OWM5kGJ6KY
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राज्य सरकार से मिली इस राहत पर पेरेंट्स वेलफेयर सोसायटी के संयोजक दिनेश कांवट ने शिक्षा मंत्री का आभार जताते हुए कहा कि कोरोना काल में सभी के व्यापार धंधे चौपट हो गए और लोगों की सैलरी आधी हो गई. वहीं, प्राइवेट स्कूल संचालक उन पर फीस जमा कराने का दबाव बना रहे थे. राज्य सरकार के फैसले से अभिभावकों को राहत मिलेगी.
उधर, शिक्षा विभाग के निर्देश के साथ ही अब निजी स्कूल संचालकों ने सरकार से आर्थिक राहत पैकेज की मांग की है. स्वयंसेवी शिक्षण संस्था संघ के सचिव किशन मित्तल ने बताया कि निजी स्कूल संचालक आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं. अभिभावक फीस नहीं दे रहे, जिससे स्कूल संचालकों पर आर्थिक संकट आ गया है. ऐसे में उन्होंने राज्य सरकार से आरटीई के तहत एडमिशन और पुनर्भरण राशि में राहत देने की मांग की है,
इससे पहले राज्य सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को 3 महीने की फीस नहीं लेने के निर्देश दिए थे. लेकिन इस मियाद के खत्म होने के साथ ही अभिभावकों पर फीस जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा था. ऐसे में राज्य सरकार ने एक बार फिर प्राइवेट स्कूल संचालकों पर नकेल कसी है.