जयपुर. छोटी काशी जयपुर के आराध्य गोविंद देवजी मंदिर के प्रांगण में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सानिध्य में द्वादश ज्योतिर्लिंग कथा का शुभारंभ हुआ. व्यासपीठ से धर्माचार्य प्रशांत शर्मा ने ठाकुरजी को पद्ममय शिव कथा का श्रवण करवाया. हालांकि कोरोना महामारी के चलते मंदिर के द्वार बंद है, लेकिन कोरोना से मुक्ति और विश्व कल्याण की कामना भी की गई.
इस मौके पर सवर्प्रथम गोविंद देव जी और शिव महापुराण का पूजन महंत मानस गोस्वामी द्वारा किया गया. उसके बाद शिव पुराण सिर पर धारण कर मंदिर की चारों ओर परिक्रमा करके पोथी यात्रा निकाली गई. उसके बाद महंत मानस गोस्वामी ने गर्भगृह की परिक्रमा कर शिव पुराण को व्यासपीठ पर स्थापित किया. इस मौके पर महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम भारतीय, धर्म प्रचारक विजय शंकर पांडेय सहित मंदिर प्रबंधन के कुछ ही सदस्य मौजूद रहे.
वहीं पूजा-अर्चना के बाद व्यासपीठ से धर्माचार्य प्रशांत शर्मा द्वारा ठाकुरजी को पद्ममय शिव कथा का शुभारंभ हुआ. पहले दिन सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकाल, ओंकारेश्वर, केदारेश्वर और भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की कथा का श्रवण करवाया गया. मंदिर के प्रवक्ता महंत मानस गोस्वामी ने बताया कि, भगवान शिव की कथा का श्रवण करवाने के लिए कई जन्म भी कम पड़ जाते है. कलियुग में द्वादश ज्योतिर्लिंग की कथा का श्रवण महान पुण्यदायी है. श्रावण मास में शिव तत्व को समझने की आवश्यकता है.
दो दिवसीय ज्योतिर्लिंग कथा ठाकुरजी को श्रवण करवाने के बाद सोमवार को सुबह 7 बजे गोविंददेव जी मंदिर के सत्संग भवन में पार्थिव शिवलिंग पूजन किया जाएगा. जहां काल सर्प योग और पितृ दोष की विशेष पूजा करवाई जाएगी. उसके बाद पार्थिव शिवलिंग की शोभायात्रा निकाली जाएगी.