जयपुर. उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर मंडल की ओर से बुधवार को मंडल रेल प्रबंधक मंजूषा जैन के नेतृत्व में वेबीनार का आयोजन किया. इस दौरान पत्रकारों को जयपुर मंडल द्वारा कोरोना काल में किए गए कार्यों से अवगत कराया गया. इस वेबिनार में इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के कई पत्रकार सम्मिलित हुए.
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डीआरएम मंजूषा जैन ने प्रेस वेबीनार में बताया कि कोविड-19 की वजह से हुए लॉकडाउन के दौरान (अप्रैल और मई) से अब तक सबसे चिंताजनक विषय जयपुर मंडल के कर्मचारियों, अधिकारियों और उनके परिजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था. रेलवे ने फुट ऑपरेटेड वाश बेसिन, फेस मास्क और सैनिटाइजेशन का प्रबंध किया, जिससे कोरोना संक्रमितों की संख्या नगण्य रही.
डीआरएम मंजूषा जैन ने बताया कि जयपुर मंडल ने 64 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से लगभग एक लाख श्रमिकों को अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचाया. 750 ट्रेनें जयपुर मंडल से गुजरी, जिनमें से 403 यात्री गाड़ियां थीं. इनमें आवश्यक खान-पान, पानी और अन्य आवश्यक सामग्रियों को उपलब्ध कराया गया. लॉकडाउन अवधि के दौरान संरक्षा, परिचालन और मोबिलिटी में बढ़ोतरी करने के लिए आधारभूत ढांचा तैयार करने के कई कार्य किए गए.
डीआरएम ने कहा कि यात्री गाड़ियों के नहीं चलने के कारण पटरियों पर कार्य करने के मिले समय का उचित तरीके से उपयोग किया गया. इस समय पटरियों और पुलों के मरम्मत का कार्य किया गया. इन कार्यों के हो जाने से गाड़ियों के नियमित संचालन के दौरान होने वाले नुकसान से बचने में मदद मिली. मरम्मत और रखरखाव कार्य होने से मालगाड़ियों की गति में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस कारण गुड्स के रेलवे द्वारा परिवहन की मांग बढ़ी.
डीआरएम मंजूषा जैन ने कहा कि कोविड-19 की वजह से अर्थव्यवस्था के लगभग रुकी हुई स्थिति में आ जाने के बावजूद रेलवे के मालभाड़ा आय में 70 प्रतिशत का उछाल अगस्त 2020 में अगस्त 2019 की तुलना में देखा गया. विद्युतीकरण की तेज गति के कारण जयपुर मंडल में इस अवधि के दौरान विद्युत इंजन द्वारा यात्री और मालगाड़ी का संचालन शुरू हुआ.