जयपुर. द्रव्यवती नदी के जिस दूसरे चरण का मुख्यमंत्री उद्घाटन करने वाले हैं उसका काम अगले महीने के पहले पखवाड़े तक पूरा हो (Dravyavati River Project second phase to complete in April) जाएगा. लेकिन डेहलवास सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट शुरू नहीं होने और मेंटेनेंस के अभाव में फिलहाल ये द्रव्यवती नदी नाला प्रतीत हो रही है. यही नहीं गोनेर पुलिया से पदमपुरा पुलिया की ओर करीब 2 किलोमीटर में द्रव्यवती नदी का काम अटका हुआ है. जबकि हसनपुरा क्षेत्र में भी कुछ जगह नदी की दीवार नहीं बनाई जा सकी है. इसके अलावा सीकर रोड पर मजार डैम के पास भी काम अधूरा पड़ा है. इनमें से कुछ जगह कोर्ट का स्टे भी है. जिस पर अब तक कोई फैसला नहीं आया है.
द्रव्यवती नदी के सौंदर्यीकरण का प्रोजेक्ट पूर्ववर्ती भाजपा सरकार लेकर आई थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अक्टूबर 2018 को इस प्रोजेक्ट के पहले चरण का उद्घाटन कर दिया था, लेकिन प्रदेश में सत्ता बदलने के साथ ही काम की रफ्तार भी धीमी होते-होते लगभग बंद सी हो गई. हालांकि अब जाकर उम्मीद की जा रही है कि 10 अप्रेल तक इस प्रोजेक्ट का दूसरा चरण पूरा कर लिया जाएगा. द्रव्यवती नदी परियोजना का कामकाज एक अगस्त 2016 को शुरू किया गया था. तब इसे पूरा करने की तिथि 10 अक्टूबर, 2018 रखी गई थी. परियोजना की कुल लागत राशि 1470.85 करोड़ रुपए और 10 साल के रख-रखाव के लिए 206.08 करोड़ शामिल करते हुए 1676.93 करोड़ आंकी गई थी.
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सरकारी आकड़ों के अनुसार अब तक परियोजना पर 1413.06 करोड़ रुपए का खर्च किया जा चुका हैं. जेडीए के अनुसार परियोजना में देरी का कारण हसनपुरा क्षेत्र में करीब 700 मीटर लम्बाई में स्थानीय लोगों का गतिरोध और कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण चैनल के दोनों ओर के विकास कार्य बाधित हैं. जबकि नदी के इस भाग में चैनल निर्माण का काम पूरा किया जा चुका है. वहीं, बाकी तीन जगहों पर भी कोर्ट के स्थगन आदेश के कारण लगभग 650 मीटर लम्बाई में कार्य प्रभावित है.
गोनेर गांव के पास किसानों के भूमि के मुआवजे की मांग भी एक वजह है, जिससे लगभग 2 किमी में काम-काज बाधित चल रहा हैं. चूंकि यहां भी जमीन मुआवजे संबंधी प्रकरण हाईकोर्ट में पेंडिग हैं. हालांकि जेडीसी की माने तो परियोजना का लगभग 96 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है. कोर्ट ऑर्डर होने के बाद जेडीए बाकी काम को भी जल्द पूरा करेगा. आपको बता दें कि हाल ही में जेडीए ने अभियांत्रिकी निदेशक चतुर्थ अजय गर्ग को द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी सौंपी है. जिनके सामने इस प्रोजेक्ट की कठिनाइयों पर पार पाते हुए तय समय पर इसे पूरा करने की बड़ी चुनौती होगी.