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1975 में देश पर थोपा गया आपातकाल संविधान पर प्रहार था: डॉ. महेश शर्मा - Virtual lecture on anniversary of emergency

भारतीय जनता पार्टी की ओर से गुरुवार को वर्चुअल व्याख्यान आयोजित किया गया. इस व्याख्यान में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सदस्य डॉ. महेश चंद्र शर्मा ने कहा कि आपातकाल को इंदिरा गांधी की ओर से संवैधानिक रूप से संविधान पर प्रहार किया गया था.

राजस्थान बीजेपी  Dr. Mahesh Sharma, महेश चंद शर्मा, जयपुर न्यूज
आपातकाल संविधान पर प्रहार था
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Published : Jun 26, 2020, 12:19 AM IST

जयपुर. भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सदस्य डॉ. महेश चंद्र शर्मा ने गुरुवार को आयोजित वर्चुअल व्याख्यान में आपातकाल को इंदिरा गांधी की ओर से संवैधानिक रूप से संविधान पर प्रहार किया गया बताया. शर्मा के अनुसार इस प्रहार से देश की जनता को मिले संवैधानिक शक्तियों को निरस्त करके एक अत्याचारी उत्पीड़न करने वाले शासन की स्थापना हुई.

डॉ. महेश ने जयपुर भाजपा के वरिष्ठ नेता भंवर लाल शर्मा को याद करते हुए उनके साथ व्यतीत किए गए आपातकाल के संस्मरणों को बताते हुए उन्हें वीर व्यक्ति की उपाधि दी. साथ ही कहा कि सरकार उन्हें पकड़ने में विफल रही. उन्होंने कहा कि वह तो स्वयं सत्याग्रह के स्थान और समय घोषित कर गिरफ्तार हुए थे और हमने जेल में उनके साथ संघर्ष करते हुए उनकी तपस्वी जीवन को भी देखा. वे राजस्थान में आपातकाल के प्रतिकार के अग्रणी सिपाही थे.

ये पढ़ें: केंद्रीय मंत्री शेखावत का कांग्रेस पर निशाना, कहा- गांधी परिवार ने ना जाने कितने और 'गुप्त समझौते' किए होंगे

डॉ. शर्मा ने आपातकाल की लड़ाई में भूमिगत लोगों की ओर से दिए गए योगदान को भी याद करते हुए उन्हें नमन किया. डॉ. शर्मा ने जयप्रकाश नारायण की आपातकाल के विरोध स्वरूप किए गए संघर्षों पर भी प्रकाश डाला और उनका स्मरण किया. डॉक्टर महेश शर्मा ने पंडित दीन दीन दयाल उपाध्याय को विशेष तौर पर याद करते हुए कहा कि पंडित का आग्रह हुआ करता था कि एक राष्ट्रीय परिषद का आह्वान किया जाना चाहिए. लोकमत का परिष्कार होना चाहिए और अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए एक मार्ग स्वदेशी करण है और दूसरा विकेंद्रीकरण है और हमें स्वदेशी अपनाना चाहिए जिसका हमारे प्रधानमंत्री ने भी 'लोकल के लिए वोकल' का आह्वान किया है.

वर्चुअल व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने राजस्थान के मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री का बार-बार कहना कि लोकतंत्र की हत्या हो रही है जो हास्यास्पद लगती है. उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत भूल जाते हैं कि आपातकाल उन्हीं की पार्टी की देन थी और आर्टिकल 352 के साथ 356 का भी सबसे ज्यादा दुरूपयोग कांग्रेस पार्टी ने किया. लोकतंत्र की हत्या वे हताशा वश बोल जाते हैं.

ये पढ़ें: कांग्रेस विधायक की सीएम गहलोत को नसीहत, कहा- बयानों से नहीं रुकेगा भ्रष्टाचार, करना होगा ये काम

व्याख्यान की प्रस्तावना रखते हुए जयपुर शहर अध्यक्ष सुनील कोठारी ने भाजपा की पंचनिष्ठा की बात बताई और कहा कि पार्टी के अंदर लोकतंत्र सबसे ऊपर है. उन्होंने भारत के लोकतंत्र को विश्व का सबसे बड़ा और श्रेष्ठ लोकतंत्र बताते हुए कहा कि देश का लोकतंत्र सबसे परिपक्व लोकतंत्र है. इसी लोकतंत्र की उपलब्धि है कि हमारे मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं और इसी लोकतंत्र के कारण हम सभी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं. गुरुवार को बीजेपी आर्थिक समूह की वर्चुअल रैली भी हुई जिसे केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने संबोधित किया.

जयपुर. भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सदस्य डॉ. महेश चंद्र शर्मा ने गुरुवार को आयोजित वर्चुअल व्याख्यान में आपातकाल को इंदिरा गांधी की ओर से संवैधानिक रूप से संविधान पर प्रहार किया गया बताया. शर्मा के अनुसार इस प्रहार से देश की जनता को मिले संवैधानिक शक्तियों को निरस्त करके एक अत्याचारी उत्पीड़न करने वाले शासन की स्थापना हुई.

डॉ. महेश ने जयपुर भाजपा के वरिष्ठ नेता भंवर लाल शर्मा को याद करते हुए उनके साथ व्यतीत किए गए आपातकाल के संस्मरणों को बताते हुए उन्हें वीर व्यक्ति की उपाधि दी. साथ ही कहा कि सरकार उन्हें पकड़ने में विफल रही. उन्होंने कहा कि वह तो स्वयं सत्याग्रह के स्थान और समय घोषित कर गिरफ्तार हुए थे और हमने जेल में उनके साथ संघर्ष करते हुए उनकी तपस्वी जीवन को भी देखा. वे राजस्थान में आपातकाल के प्रतिकार के अग्रणी सिपाही थे.

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डॉ. शर्मा ने आपातकाल की लड़ाई में भूमिगत लोगों की ओर से दिए गए योगदान को भी याद करते हुए उन्हें नमन किया. डॉ. शर्मा ने जयप्रकाश नारायण की आपातकाल के विरोध स्वरूप किए गए संघर्षों पर भी प्रकाश डाला और उनका स्मरण किया. डॉक्टर महेश शर्मा ने पंडित दीन दीन दयाल उपाध्याय को विशेष तौर पर याद करते हुए कहा कि पंडित का आग्रह हुआ करता था कि एक राष्ट्रीय परिषद का आह्वान किया जाना चाहिए. लोकमत का परिष्कार होना चाहिए और अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए एक मार्ग स्वदेशी करण है और दूसरा विकेंद्रीकरण है और हमें स्वदेशी अपनाना चाहिए जिसका हमारे प्रधानमंत्री ने भी 'लोकल के लिए वोकल' का आह्वान किया है.

वर्चुअल व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने राजस्थान के मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री का बार-बार कहना कि लोकतंत्र की हत्या हो रही है जो हास्यास्पद लगती है. उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत भूल जाते हैं कि आपातकाल उन्हीं की पार्टी की देन थी और आर्टिकल 352 के साथ 356 का भी सबसे ज्यादा दुरूपयोग कांग्रेस पार्टी ने किया. लोकतंत्र की हत्या वे हताशा वश बोल जाते हैं.

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व्याख्यान की प्रस्तावना रखते हुए जयपुर शहर अध्यक्ष सुनील कोठारी ने भाजपा की पंचनिष्ठा की बात बताई और कहा कि पार्टी के अंदर लोकतंत्र सबसे ऊपर है. उन्होंने भारत के लोकतंत्र को विश्व का सबसे बड़ा और श्रेष्ठ लोकतंत्र बताते हुए कहा कि देश का लोकतंत्र सबसे परिपक्व लोकतंत्र है. इसी लोकतंत्र की उपलब्धि है कि हमारे मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं और इसी लोकतंत्र के कारण हम सभी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं. गुरुवार को बीजेपी आर्थिक समूह की वर्चुअल रैली भी हुई जिसे केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने संबोधित किया.

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