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जयपुर : उत्तर पश्चिम रेलवे पर 716 किलोमीटर मुख्य मार्ग रेवाड़ी-पालनपुर का दोहरीकरण कार्य पूरा

उत्तर पश्चिम रेलवे प्रवेश उत्तम रेल लाइन खंड पर रेल लाइनों के दोहरीकरण का कार्य किया जा रहा है. वहीं, उत्तर पश्चिम रेलवे पर 716 किलोमीटर मुख्य मार्ग रेवाड़ी पालनपुर का दोहरीकरण कार्य पूरा होने से अब ट्रेनें सरपट दौड़ेंगी. रेल लाइन पर दोहरीकरण कार्य पूरा होने से क्रॉसिंग की समस्या भी खत्म होगी. इसके साथ ही ट्रेनों को गति मिलेगी और यात्री भी अपने गंतव्य स्थान तक समय पर पहुंच पाएंगे.

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Published : Mar 24, 2021, 4:02 PM IST

जयपुर की ताजा हिंदी खबरें, Doubling of railway lines
उत्तर पश्चिम रेलवे पर 716 किलोमीटर मुख्य मार्ग रेवाड़ी-पालनपुर का दोहरीकरण कार्य पूरा

जयपुर. उत्तर पश्चिम रेलवे प्रवेश उत्तम रेल लाइन खंड पर दोहरीकरण का कार्य चल रहा है. रेल लाइनों के दोहरीकरण का कार्य में गति प्रदान कर उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य मार्ग रेवाड़ी से पालनपुर रेलखंड का दोहरीकरण कार्य विभिन्न चरणों में पूर्ण कर ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त की गई है.

व्यस्ततम रेलमार्ग और अत्यधिक यात्री यातायात के आवागमन के मद्देनजर इस मार्ग के दोहरीकरण कार्य को विभिन्न चरणों में पूरा किया गया है. ताकि इस मार्ग पर अधिक से अधिक रेल सेवाओं का संचालन तीर गति और समयपालनता से किया जा सके.

उत्तर पश्चिम रेलवे पर 716 किलोमीटर मुख्य मार्ग रेवाड़ी पालनपुर का दोहरीकरण कार्य पूरा होने से अब ट्रेनें सरपट दौड़ेंगी. रेल लाइन पर दोहरीकरण कार्य पूरा होने से क्रॉसिंग की समस्या भी खत्म होगी. इसके साथ ही ट्रेनों को गति मिलेगी और यात्री भी अपने गंतव्य स्थान तक समय पर पहुंच पाएंगे.

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी गौरव गौड़ के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे पर रेवाड़ी से पालनपुर 716 किलोमीटर के मार्ग के दोहरीकरण की शुरूआत जयपुर फुलेरा 54.75 किलोमीटर रेलखंड के दोहरीकरण के साथ वर्ष 2009 में हुई थी. रेवाड़ी पालनपुर मार्ग का संपूर्ण दोहरीकरण अजमेर दौराई 8.73 किलोमीटर के दोहरीकरण के कार्य को पूर्ण कर लिया गया है. रेवाड़ी पालनपुर उत्तर पश्चिम रेलवे का महत्वपूर्ण मार्ग है. इस पर अधिक संख्या में रेल सेवाओं का संचालन होने के कारण इस मार्ग के दोहरीकरण की आवश्यकता थी. जिसे विभिन्न चरणों में पूरा किया गया है.

विभिन्न चरणों में दोहरीकरण करने का लाभ हुआ है जिससे रेलखंड का दोहरीकरण पूर्ण हो गया, उस पर रेल संचालन शुरू कर दिया गया. इस मार्ग के जयपुर फुलेरा 54.75 किलोमीटर वर्ष 2008-09 में, फुलेरा अजमेर 80.20 किलोमीटर, जयपुर दौसा 61.28 किलोमीटर और दोसा बांदीकुई 28.88 किलोमीटर मार्गों का वर्ष 2010-11 में दोहरीकरण पूरा किया गया था. इसके बाद अलवर हरसोली 34.86 किलोमीटर वर्ष 2011-12 में, हरसोली अनाजमंडी 37.45 किलोमीटर वर्ष 2012-13 में पूरा किया गया.

रेवाड़ी से अजमेर तक मार्ग के दोहरीकरण के कार्य के पूर्ण होने के बाद अजमेर से पालनपुर तक के मार्ग के दोहरीकरण कार्य पर विशेष बल देते हुए अलग-अलग चरणों में कार्य निष्पादित किए गए. केशवगंज- स्वरूपगंज 26.48 किलोमीटर और मोरीबेड़ा- केशवगंज 21.38 किलोमीटर वर्ष 2015-16 में, सोजत रोड- मारवाड़ 20.86 किलोमीटर और गुड़िया- चंडावल 10.25 किलोमीटर वर्ष 2016-17 में पूरा किया गया.

पढ़ें- आबकारी विभाग का PO रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार, शराब ठेकेदार से हर महीने लेता था बंदी

इसके अलावा इस मार्ग के प्रमुख रेल खंडों का दोहरीकरण रानी- मोरीबेड़ा 40.16 किलोमीटर, भीनवलिया- मारवाड़ 24 किलोमीटर, बांगड़ग्राम- मांगलियावास 21 किलोमीटर वर्ष 2017-18 में, रानी- भीनवलिया 27.82 किलोमीटर, अलवर- ढीगावड़ा 27 किलोमीटर वर्ष 2018-19 में और ढीगावडा बांदीकुई 33.37 किलोमीटर 2019-20 में पूरा किया गया. रेवाड़ी पालनपुर मार्ग के शेष रहे सेंदड़ा- हरिपुर 19 किलोमीटर का 11 मार्च 2021 और अजमेर दौराई 8.43 किलोमीटर रेलखंड का 20 मार्च 2021 को दोहरीकरण कार्य पूरा कर लिया गया है.

दोहरीकरण कार्य पूर्ण हो जाने से रेल सेवा में वृद्धि के साथ गति और समयपालनता भी बढ़ेगी. यात्रियों को तीव्र आवागमन का साधन उपलब्ध होगा. पश्चिमी दक्षिणी राजस्थान में औद्योगिक विकास की संभावनाएं बढ़ेगी. इस क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे.

जयपुर. उत्तर पश्चिम रेलवे प्रवेश उत्तम रेल लाइन खंड पर दोहरीकरण का कार्य चल रहा है. रेल लाइनों के दोहरीकरण का कार्य में गति प्रदान कर उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य मार्ग रेवाड़ी से पालनपुर रेलखंड का दोहरीकरण कार्य विभिन्न चरणों में पूर्ण कर ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त की गई है.

व्यस्ततम रेलमार्ग और अत्यधिक यात्री यातायात के आवागमन के मद्देनजर इस मार्ग के दोहरीकरण कार्य को विभिन्न चरणों में पूरा किया गया है. ताकि इस मार्ग पर अधिक से अधिक रेल सेवाओं का संचालन तीर गति और समयपालनता से किया जा सके.

उत्तर पश्चिम रेलवे पर 716 किलोमीटर मुख्य मार्ग रेवाड़ी पालनपुर का दोहरीकरण कार्य पूरा होने से अब ट्रेनें सरपट दौड़ेंगी. रेल लाइन पर दोहरीकरण कार्य पूरा होने से क्रॉसिंग की समस्या भी खत्म होगी. इसके साथ ही ट्रेनों को गति मिलेगी और यात्री भी अपने गंतव्य स्थान तक समय पर पहुंच पाएंगे.

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी गौरव गौड़ के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे पर रेवाड़ी से पालनपुर 716 किलोमीटर के मार्ग के दोहरीकरण की शुरूआत जयपुर फुलेरा 54.75 किलोमीटर रेलखंड के दोहरीकरण के साथ वर्ष 2009 में हुई थी. रेवाड़ी पालनपुर मार्ग का संपूर्ण दोहरीकरण अजमेर दौराई 8.73 किलोमीटर के दोहरीकरण के कार्य को पूर्ण कर लिया गया है. रेवाड़ी पालनपुर उत्तर पश्चिम रेलवे का महत्वपूर्ण मार्ग है. इस पर अधिक संख्या में रेल सेवाओं का संचालन होने के कारण इस मार्ग के दोहरीकरण की आवश्यकता थी. जिसे विभिन्न चरणों में पूरा किया गया है.

विभिन्न चरणों में दोहरीकरण करने का लाभ हुआ है जिससे रेलखंड का दोहरीकरण पूर्ण हो गया, उस पर रेल संचालन शुरू कर दिया गया. इस मार्ग के जयपुर फुलेरा 54.75 किलोमीटर वर्ष 2008-09 में, फुलेरा अजमेर 80.20 किलोमीटर, जयपुर दौसा 61.28 किलोमीटर और दोसा बांदीकुई 28.88 किलोमीटर मार्गों का वर्ष 2010-11 में दोहरीकरण पूरा किया गया था. इसके बाद अलवर हरसोली 34.86 किलोमीटर वर्ष 2011-12 में, हरसोली अनाजमंडी 37.45 किलोमीटर वर्ष 2012-13 में पूरा किया गया.

रेवाड़ी से अजमेर तक मार्ग के दोहरीकरण के कार्य के पूर्ण होने के बाद अजमेर से पालनपुर तक के मार्ग के दोहरीकरण कार्य पर विशेष बल देते हुए अलग-अलग चरणों में कार्य निष्पादित किए गए. केशवगंज- स्वरूपगंज 26.48 किलोमीटर और मोरीबेड़ा- केशवगंज 21.38 किलोमीटर वर्ष 2015-16 में, सोजत रोड- मारवाड़ 20.86 किलोमीटर और गुड़िया- चंडावल 10.25 किलोमीटर वर्ष 2016-17 में पूरा किया गया.

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इसके अलावा इस मार्ग के प्रमुख रेल खंडों का दोहरीकरण रानी- मोरीबेड़ा 40.16 किलोमीटर, भीनवलिया- मारवाड़ 24 किलोमीटर, बांगड़ग्राम- मांगलियावास 21 किलोमीटर वर्ष 2017-18 में, रानी- भीनवलिया 27.82 किलोमीटर, अलवर- ढीगावड़ा 27 किलोमीटर वर्ष 2018-19 में और ढीगावडा बांदीकुई 33.37 किलोमीटर 2019-20 में पूरा किया गया. रेवाड़ी पालनपुर मार्ग के शेष रहे सेंदड़ा- हरिपुर 19 किलोमीटर का 11 मार्च 2021 और अजमेर दौराई 8.43 किलोमीटर रेलखंड का 20 मार्च 2021 को दोहरीकरण कार्य पूरा कर लिया गया है.

दोहरीकरण कार्य पूर्ण हो जाने से रेल सेवा में वृद्धि के साथ गति और समयपालनता भी बढ़ेगी. यात्रियों को तीव्र आवागमन का साधन उपलब्ध होगा. पश्चिमी दक्षिणी राजस्थान में औद्योगिक विकास की संभावनाएं बढ़ेगी. इस क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे.

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