जयपुर. प्रदेश के लोगों को बढ़ती महंगाई के बीच फिलहाल बिजली की दरों में बढ़ोतरी का सामना नहीं करना पड़ेगा. हालांकि कमर्शियल संस्थानिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं पर फिक्स चार्ज का बोझ बढ़ सकता है. राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग में राज्य के तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से दायर रिट पिटिशन में इस बार विद्युत दर बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं है जबकि इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधा के नाम पर फिक्स चार्ज बढ़ाया जाना जरूर प्रस्तावित है.
विनियामक आयोग में डायटीशियन में 5% विद्युत दर कम करके 5% ही फिक्स चार्ज बढ़ाया जाना प्रस्तावित है जबकि प्रतिवर्ष 12000 यूनिट बिजली खपत वाले घरेलू उपभोक्ताओं से यूनिट की बजाय लोड के आधार पर फिक्स चार्ज लेने का खाका बनाया गया है. टैरिफ पिटिशन में आयोग से इसकी अनुमति चाही गई है. डिस्कॉम का तर्क है कि व्यवस्था को बेहतर बनाया जाने के चलते यह सुझाव दिया गया है और इससे केवल कुछ बड़े उपभोक्ताओं पर ही वित्तीय भार आएगा.
पढ़ें- File Tracking System: अपनी फाइलों की ट्रैकिंग के लिए आमजन को अब नहीं घिसनी पड़ेगी चप्पल
विद्युत उपभोक्ता 1.52 करोड़ लेकिन आपत्ति-सुझाव आए महज 44
राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने दायर टेरिफिकेशन पर आमजन से सुझाव और आपत्तियां भी मांगी थीं लेकिन खास बात यह है कि राजस्थान में विद्युत उपभोक्ता करीब 1.52 करोड़ है लेकिन आपत्ति और सुझाव केवल 44 ही आए हैं.
अब गुरुवार से इस टैरिफ पिटिशन पर 2 दिन की जनसुनवाई आयोग करेगा. हालांकि जनसुनवाई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए गुरुवार को शुरू होगी. पहले दिन गुरुवार को अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम जबकि शुक्रवार को जयपुर डिस्कॉम के उपभोक्ता जनसुनवाई में शामिल होंगे.