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जयपुर से उठी मांग...डॉक्टर के साथ मारपीट करने वालों को हो 7 साल की कठोर सजा

पश्चिम बंगाल के चली डॉक्टरों का प्रदर्शन पूरे देश में फैल गया है. ऐसे में राजस्थान के जिलों में भी दिनभर डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए काला दिवस मनाया. वहीं जयपुर में चिकित्सकों के साथ हो रहे अत्याचार के विरोध में जेएमए की तरफ से जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

जयपुर में डॉक्टर्स ने कलेक्टर को दिया ज्ञापन
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Published : Jun 14, 2019, 8:29 PM IST

जयपुर. पश्चिम बंगाल में डॉक्टर के साथ हुई मारपीट के मामले को लेकर जयपुर में डॉक्टरों के एक दल ने जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव को ज्ञापन सौंपा. देश के विभिन्न क्षेत्रों में चिकित्सकों के साथ हो रहे अत्याचार के विरोध में जेएमए की तरफ से डॉक्टर नरेंद्र खिप्पल के नेतृत्व में यह ज्ञापन दिया गया.

ज्ञापन में डॉक्टरों ने मांग रखी कि राजस्थान सरकार यह सुनिश्चित करें कि राजस्थान में ऐसे मामलों में उपयुक्त धारा नहीं लगाने वाले अफसर पर कड़ी कार्रवाई हो. डॉ. नरेंद्र खिप्पल ने बताया कि बंगाल में जो हुआ उसे लेकर डॉक्टरों में एक भय का माहौल है. यदि काम करने के लिए हमें सही वातावरण नहीं मिलेगा तो हम काम कैसे करेंगे. हम खाना पीना छोड़ कर, घर और सामाजिक कार्य छोड़कर दिन रात काम करते है. हमें वह वातावरण मिलना चाहिए ताकि हम आराम से काम कर सकें. जिला कलेक्टर के माध्यम से यह ज्ञापन प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को दिया गया.

जयपुर में डॉक्टर्स ने कलेक्टर को दिया ज्ञापन

ज्ञापन में काम करने वाले डॉक्टरों और पढ़ने वाले डॉक्टरों को सुरक्षात्मक वातावरण देने की बात लिखी गई है. ताकि कोई क्रिटिकल मरीज जाता है तो वे उससे भागे नहीं. इसके अलावा ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि यदि मारपीट के दौरान डॉक्टर मौत के मुंह से बाहर आए. तो ऐसे मामलों में आरोपी को 7 साल की सजा दी जाए. यदि किसी एक डॉक्टर के साथ इस तरह की घटना होती है, तो उसके कारण हजारों मरीजों को परेशानी होती है.

उन्होंने कहा कि यदि मारपीट की घटना होती है तो उस दिन आने वाले मरीज और अगले हफ्ते के गंभीर मरीज की हालत बिगड़ जाती है. उनको काफी परेशानी होती है. आपको बता दें कि बंगाल में हुई मारपीट के मामले में डॉक्टर शुक्रवार को काला दिवस मना रहे हैं और हर जिला मुख्यालय पर कलेक्टर को सुरक्षात्मक वातावरण मुहैया कराने के लिए ज्ञापन दिया जा रहा है.

जयपुर. पश्चिम बंगाल में डॉक्टर के साथ हुई मारपीट के मामले को लेकर जयपुर में डॉक्टरों के एक दल ने जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव को ज्ञापन सौंपा. देश के विभिन्न क्षेत्रों में चिकित्सकों के साथ हो रहे अत्याचार के विरोध में जेएमए की तरफ से डॉक्टर नरेंद्र खिप्पल के नेतृत्व में यह ज्ञापन दिया गया.

ज्ञापन में डॉक्टरों ने मांग रखी कि राजस्थान सरकार यह सुनिश्चित करें कि राजस्थान में ऐसे मामलों में उपयुक्त धारा नहीं लगाने वाले अफसर पर कड़ी कार्रवाई हो. डॉ. नरेंद्र खिप्पल ने बताया कि बंगाल में जो हुआ उसे लेकर डॉक्टरों में एक भय का माहौल है. यदि काम करने के लिए हमें सही वातावरण नहीं मिलेगा तो हम काम कैसे करेंगे. हम खाना पीना छोड़ कर, घर और सामाजिक कार्य छोड़कर दिन रात काम करते है. हमें वह वातावरण मिलना चाहिए ताकि हम आराम से काम कर सकें. जिला कलेक्टर के माध्यम से यह ज्ञापन प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को दिया गया.

जयपुर में डॉक्टर्स ने कलेक्टर को दिया ज्ञापन

ज्ञापन में काम करने वाले डॉक्टरों और पढ़ने वाले डॉक्टरों को सुरक्षात्मक वातावरण देने की बात लिखी गई है. ताकि कोई क्रिटिकल मरीज जाता है तो वे उससे भागे नहीं. इसके अलावा ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि यदि मारपीट के दौरान डॉक्टर मौत के मुंह से बाहर आए. तो ऐसे मामलों में आरोपी को 7 साल की सजा दी जाए. यदि किसी एक डॉक्टर के साथ इस तरह की घटना होती है, तो उसके कारण हजारों मरीजों को परेशानी होती है.

उन्होंने कहा कि यदि मारपीट की घटना होती है तो उस दिन आने वाले मरीज और अगले हफ्ते के गंभीर मरीज की हालत बिगड़ जाती है. उनको काफी परेशानी होती है. आपको बता दें कि बंगाल में हुई मारपीट के मामले में डॉक्टर शुक्रवार को काला दिवस मना रहे हैं और हर जिला मुख्यालय पर कलेक्टर को सुरक्षात्मक वातावरण मुहैया कराने के लिए ज्ञापन दिया जा रहा है.

Intro:जयपुर। बंगाल में डॉक्टर के साथ हुई मारपीट के मामले को लेकर जयपुर में डॉक्टरों के एक दल ने जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव को ज्ञापन सौंपा। देश के विभिन्न क्षेत्रों में चिकित्सकों के साथ हो रहे अत्याचार के विरोध में जेएमए की तरफ से डॉक्टर नरेंद्र खिप्पल के नेतृत्व में यह ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में मांग कि राजस्थान सरकार यह सुनिश्चित करें कि राजस्थान में ऐसे मामलों में उपयुक्त धारा नहीं लगाने वाले अफसर पर कड़ी कार्रवाई हो।


Body:डॉक्टर नरेंद्र खिप्पल किसने बताया कि बंगाल में जो हुआ उसे लेकर डॉक्टरों में एक भय का माहौल है। यदि काम करने के लिए हमें सही वातावरण नहीं मिलेगा तो हम काम कैसे करेंगे। हम खाना पीना छोड़ कर, घर और सामाजिक कार्य छोड़कर दिन रात काम करते है। हमें वह वातावरण मिलना चाहिए ताकि हम आराम से काम कर सके। जिला कलेक्टर के माध्यम से यह ज्ञापन प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को दिया गया।
ज्ञापन में काम करने वाले डॉक्टरों और पढ़ने वाले डॉक्टरों को सुरक्षात्मक वातावरण देने की बात लिखी गई है ताकि कोई क्रिटिकल मरीज जाता है तो वे उससे भागे नहीं। इसके अलावा ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि यदि मारपीट के दौरान डॉक्टर मौत के मुंह से बाहर आता है तो ऐसे मामलों में आरोपी को 7 साल की सजा दी जाए।


Conclusion:यदि किसी एक डॉक्टर के साथ इस तरह की घटना होती है तो उसके कारण हजारों मरीजों को परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि यदि मारपीट की घटना होती है तो उस दिन आने वाले मरीज और अगले हफ्ते के गंभीर मरीज की हालत बिगड़ जाती है उनको काफी परेशानी होती है।
आपको बता दें कि बंगाल में हुई मारपीट के मामले में डॉक्टर शनिवार को काला दिवस मना रहे हैं और हर जिला मुख्यालय पर कलेक्टर को सुरक्षात्मक वातावरण मुहैया कराने के लिए ज्ञापन दिया जा रहा है।

बाईट 1. नरेंद्र खिप्पल वाइस प्रेसिडेंट जीएमए
2. तरुण पाटनी प्रेसिडेंट इलेक्ट जेएमए



बाईट नरेंद्र खीप्पल वाइस प्रेसिडेंट जीएमए
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