जयपुर. राजस्थान में कोविड-19 संक्रमण (Corona Virus) का सबसे पहला मामला मार्च 2020 में राजधानी जयपुर में देखने को मिला था. जिसके बाद संक्रमण के मामले बढ़ते गए और खासकर कोरोना की दूसरी लहर (Corona Second Wave) में सबसे अधिक मरीज संक्रमण की चपेट में आए. ऐसे में चिकित्सकों ने अपनी जान की परवाह किए बिना संक्रमण से पीड़ित मरीजों का इलाज किया.
इसी बीच दूसरी लहर के दौरान ब्लैक फंगस (Black Funfus) के मामलों में भी बढ़ोतरी होने लगी. जिसके बाद जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल (SMS Hospital Jaipur) में सबसे पहले ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों का इलाज शुरू किया गया. यहां मरीजों के इलाज का जिम्मा संभाला एसएमएस मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सक (Senior Doctor) डॉ. मोहनीश ग्रोवर ने.
डॉक्टर मोहनीश ग्रोवर का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण के शुरुआती मामले देखने को मिले थे तो इस बीमारी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी. आमजन भी अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक नहीं था, लेकिन कोविड-19 संक्रमण के बाद आमजन में स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता धीरे-धीरे बढ़ी है. डॉक्टर ग्रोवर का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण के कारण बड़ी संख्या में चिकित्सकों ने भी अपने प्राण गंवाए और चिकित्सक अपनी जान की परवाह किए बिना संक्रमित मरीजों के इलाज में जुटे रहे.
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ब्लैक फंगस चुनौतीपूर्ण...
डॉ. मोहनीश ग्रोवर का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मामलों में लगातार बढ़ोतरी होने लगी और इसका इलाज करना एक चुनौती बन गया था. ऐसे में डॉक्टर ग्रोवर का कहना है कि सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी के नेतृत्व में ब्लैक फंगस के इलाज को लेकर SMS में ओपीडी की शुरुआत की गई. यही नहीं, इस दौरान डेडिकेटेड ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू वार्ड और सामान्य वार्ड भी अस्पताल में तैयार किए गए. ऐसे में तकरीबन अब तक 400 से अधिक मरीजों का इलाज अस्पताल में किया जा चुका है.
दवाइयों की समस्या...
इस दौरान सवाई मानसिंह अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए दवाइयों की समस्या भी सबसे अधिक देखने को मिली. डॉक्टर ग्रोवर का कहना है कि मौजूदा समय में भी ब्लैक फंगस के इलाज में काम आने वाले इंजेक्शन की कमी देखने को मिल रही है. शुरुआती समय में यह स्थिति और भी विकट थी, क्योंकि मरीजों के अनुसार इंजेक्शन की आपूर्ति नहीं हो पा रही थी. जिसके बाद सरकार को स्थिति के बारे में अवगत करवाया गया और बाहर से इंजेक्शन मंगवाए गए.
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सावधानी जरूरी...
डॉक्टर ग्रोवर का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) का अंदेशा जताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इस दौरान बच्चों को यह अपनी चपेट में ले सकती है. ऐसे में अभी से ही सुरक्षा जरूरी है, क्योंकि छोटे बच्चों में यदि संक्रमण फैला तो नतीजे काफी खतरनाक हो सकते हैं. इसके अलावा आमजन से अपील करते हुए डॉक्टर ग्रोवर का कहना है कि कोविड-19 से बचाव को लेकर जो गाइडलाइन तैयार की गई है, आमजन उसकी पालना करे और अपनी बारी आने पर वैक्सीन जरूर लगाएं.