जयपुर. प्रदेशभर की चिकित्सा व्यवस्था एक बार फिर से पटरी पर लौट आई है. दौसा की चिकित्सक डॉ. अर्चना शर्मा की आत्महत्या प्रकरण को लेकर चल रहा डॉक्टर्स का आंदोलन सोमवार को आठवें दिन समाप्त हो गया. हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि आंदोलन को फ़िलहाल 10 दिन के लिए स्थगित (Doctors agitation postponed for 10 days) किया गया है.
चिकित्सकों के एक दल की सोमवार को सीएम अशोक गहलोत के साथ वार्ता हुई. जिसके बाद चिकित्सकों ने बैठक आयोजित कर आंदोलन को स्थगित कर दिया है. फार्मेसी काउंसिल के ईश मुंजाल सहित 3 सदस्य डॉक्टर्स के प्रतिनिधिमंडल की सरकार से वार्ता होने के बाद और चिकित्सक संगठनों की सभी मांगों पर मौखिक रूप से सहमति बनने के बाद संगठनों ने आंदोलन को 10 दिन के लिए स्थगित कर दिया है. चिकित्सक संगठन के प्रतिनिधियों का कहना है कि अगर 10 दिन में हमारी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन फिर से शुरू होगा.
संगठनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी सहित करीब 15 सूत्रीय मांगों को सरकार के सामने रखा. जिन्हें मानने को लेकर मौखिक रूप से सहमति दी गई. इसके बाद SMS अस्पताल के जेएमए में डॉक्टर्स की जनरल बॉडी मीटिंग हुई और डॉक्टर से जुड़े सभी संगठनों ने सर्वसम्मति से आंदोलन को समाप्त करने का निर्णय लिया. इससे अब एक बार फिर निजी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं शुरू हो सकेंगी और सरकारी अस्पताल में जारी ओपीडी कार्य बहिष्कार भी खत्म होगा. सोमवार शाम को करीब 3 दौर की वार्ता होने के बाद यह आंदोलन समाप्त हुआ है.
चिकित्सकों का कहना है कि सरकार ने आश्वासन दिया है कि डॉ अर्चना शर्मा प्रकरण में शामिल सभी अपराधियों के खिलाफ समुचित धाराओं के तहत निष्पक्ष व सख़्त कार्रवाई की जाएगी व पुलिस प्रशासन की ओर से उन्हें अतिशीघ्र गिरफ़्तार किया जाएगा. साथ ही यह भी सुनिश्चीत किया जाएगा कि भविष्य में इस प्रकार घटनाओं और चिकित्सकों के प्रति हिंसा की पुनरावृत्ति ना हो.